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Ravendra
Prashant Badal
White तेरे ख्यालों को ही अपने पन्नो में उतारते है.. तुम इसे अब नज़्म कहो, गजल कहो या कहो शायरी .. तेरे ख्याल ही मिलेंगे हर जगह मेरे हिस्से.. चाहे मेरी आंखे पढ़ो, या पढ़ो मेरी डायरी।। -लफ़्ज-ए-प्रशान्त✍🏻 #𝔪_𝔯𝔴𝔯𝔦𝔱𝔢𝔯 ©Prashant Badal तेरे ख्यालों को ही अपने पन्नो में उतारते है.. तुम इसे अब नज़्म कहो, गजल कहो या कहो शायरी .. तेरे ख्याल ही मिलेंगे हर जगह मेरे हिस्से.. चाहे
Ganesh Joshi
Autumn दोनों ही तो सच्चे थे इल्ज़ाम किसे देते कानों ने कहा सहरा आंखों ने सुना पानी ~अहमद मुश्ताक़ ©Ganesh Joshi दोनों ही तो सच्चे थे इल्ज़ाम किसे देते कानों ने कहा सहरा आंखों ने सुना पानी ~अहमद मुश्ताक़# shayari#
AwadheshPSRathore_7773
ख़ुद को इतना भी मत बचाया कर बारिशें हों तो भीग जाया कर काम ले कुछ हसीन होंठों से बातों बातों में मुस्कुराया कर दर्द हीरा है दर्द मोती है दर्द आँखों से मत बहाया कर चाँद ला कर कोई नहीं देगा अपने चेहरे से जगमगाया कर धूप मायूस लौट जाती है कभी छत पे कपड़े सुखाने आया कर घर से बाहर निकल हवाओं में ज़ुल्फ़ से ख़ुशबुएँ उड़ाया कर कोई तस्वीर कोई अफ़साना कुछ न कुछ रोज़ ही बनाया कर कौन कहता है दिल मिलाने को कम से कम हाथ तो मिलाया कर इस सफ़र में नींद ऐसी खो गई हम न सोए रात थक कर सो गई। ©AwadheshPSRathore_7773 #Reindeer Bollywood के प्रसिद्ध लेखक डॉ.राही मासूम रजा की death anniversary पर मुझे यह नज़्म उनके एक चाहने वाले से प्राप्त हुई सोंचा आपको भे
Rohit
Prerna Singh
Village Life तन्हाइयों के सिवाय कुछ नहीं था तेरे दामन में फ़राज़ , सब लौट चुके हैं तुझ से मतलब निकाल कर , ऐसे कैसे कटेगा सफर जिंदगी का अब तू भी तो कोई जुगाड़ कर ले। बड़ा संगदिल जमाना है जालिम लूट भी लेते और दाग देकर इल्जाम भी देते हैं। मत कर अफसोस की तूने जो दिया उसका कोई हिसाब नहीं अपनो में, कुछ अपने होते ही हैं गैरों के जैसे एहसान फरामोश ये एहसान कहां मानते हैं। ©Prerna Singh तन्हाइयों के सिवाय कुछ नहीं था तेरे दामन में फ़राज़ , सब लौट चुके हैं तुझ से मतलब निकाल कर , ऐसे कैसे कटेगा सफर #जिंदगी का अब तू भी तो क
Ravendra
Ravendra