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Vinod Mishra
Anjali Singhal
"अरसे से तराशने में लगे हैं, ख़ुद को तेरे मुताबिक़। कोई न कोई इम्तिहाँ लाकर खड़ा कर देती है, ज़िन्दगी तू हमारे माफिक़।।" #AnjaliSinghal zi
read moreSANIR SINGNORI
'जानी' को समझाए कोई... एक ही शख़्स था जहां में क्या.. 🥀🥺 . ©SANIR SINGNORI जानी को समझाए कोई, एक ही शख़्स था जहां में क्या
जानी को समझाए कोई, एक ही शख़्स था जहां में क्या
read moreShivam Pandey
White तुझसे जुदा करने की हिम्मत न खुदा में है, तू मेरे दिल का हक है, इसे कोई छीन नहीं सकता। 😍💞😍😘 ©Shivam Pandey #तुझसे जुदा करने की हिम्मत न खुदा में है, तू मेरे दिल का हक है, इसे कोई छीन नहीं सकता। 😍💞😍😘
#तुझसे जुदा करने की हिम्मत न खुदा में है, तू मेरे दिल का हक है, इसे कोई छीन नहीं सकता। 😍💞😍😘
read moreseema patidar
White तुम्हें क्या हुआ? कुछ नही! ये कुछ नहीं कितना छोटा वाक्य है पर ये बहुत विशाल है किसी का कुछ नही विशाल है तो सिर्फ एक सुनने, समझने वाले व्यक्ति के लिए किसी का कुछ नहीं विशाल है तो सिर्फ एक परम मित्र के लिए ये कुछ नहीं तो आसान जरिया है पुनः अपने दुख को न कुरेदने का इस कुछ नही को समझने का पूर्ण हक है तो सिर्फ एक परम मित्र का जो मरहम है इस कुछ नहीं का । ©seema patidar क्या सच में कोई समझ पाता है किसी का ...... कुछ नहीं .......
क्या सच में कोई समझ पाता है किसी का ...... कुछ नहीं .......
read moreRAVI PRAKASH
White कोई सुनता न था घाव गहरा था बहुत, पर दिखता ना था। दिल भी बहुत दुखता था, पर कोई समझता ना था, बाद में सब कहते तो है कि मुझ से कह सकता था !! पर जब जब कहना चाहा, कोई सुनता ना था ! ©RAVI PRAKASH #sad_quotes कोई सुनता न थ लव शायरी हिंदी में
#sad_quotes कोई सुनता न थ लव शायरी हिंदी में
read moreShivkumar barman
White न रेत में... न देह में... न मन मे ... न अहसास में.. न जिस्म में... इश्क तो बस सिमट जाता है, सिर्फ और सिर्फ रूह में...! न आयत में.. न इनायत में.... न चाहत में .. न ख्वाहिश में.. इश्क़ तो बसता है सिर्फ रूह की इबादत में..!! ©Shivkumar barman न #रेत में... न #देह में... न #मन मे ... न #अहसास में.. न #जिस्म में... #इश्क तो बस सिमट जाता है, सिर्फ और सिर्फ रूह में...! न आयत म
harshit tyagi
White जहां अपनों के सामने सच्चाई साबित करने की ज़रूरत पड़े, वहाँ बुरा बन जाना ही बेहतर होता है । ©harshit tyagi आज के समय में कोई किसी का नहीं होता ।
आज के समय में कोई किसी का नहीं होता ।
read moreनवनीत ठाकुर
White बस्ती हो और मकान न हो। महफिल हो और शराब न हो। तेरे हुस्न की चर्चा रहे हर लम्हा, फिर भी तेरा दीदार न हो। तेरे हुस्न का जादू, जैसे नसीब का खेल, वरना तेरे बिना महफिल भी, सुनसान हो। तू हो पास, तो हर दिल में बहार हो, तू जैसे रेत पर खड़ी, ख्वाबों की दीवार हो। हर ग़ज़ल में जिक्र तेरा, तेरे बिना हर लफ्ज़ बेकार हो। तेरी यादों का नशा, हर लम्हा ताज़गी बक्शे, तेरे बिना कोई जश्न, जैसे बंजर कोई बाग़ हो। तू ही राहत, तू ही सुकून, तेरे बिना अधूरा जैसे हर ख्वाब हो। महफिल हो और शराब न हो, तेरा चर्चा रहे बस तेरा दीदार न हो। ©Navneet Thakur बस्ती हो और कोई मकान न हो#
बस्ती हो और कोई मकान न हो#
read moreVinod Mishra