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रोहित 'हीरू' मिश्रा
चोट खा खाके अब तो हुई औजारें भी हैरां है, तराशोगे और कितना? सोचकर पत्थर परेशां है ©रोहित मिश्रा 'हीरू' #चोट #औज़ार #हैरानगी #पत्थर
Juhi Grover
मनोरंजन का साधन हुआ करता था कभी सिनेमा, आज संस्कृति बदलने का औज़ार बनता जा रहा है। #साधन #सिनेमा #औज़ार #संस्कृति #मनोरंजन #yqdidi #yqhindi #bestyqhindiquotes
Sangeeta Patidar
दिल-बाग़ के पतझड़ में बहार खोजता हूँ, मैं पल-² ज़िंदगी में त्यौहार खोजता हूँ। ये रूठने वाले देखते नहीं हैं मेरा दिल, मैं ही यादों में हसीं-संसार खोजता हूँ। पल में ढह जाती है रिश्तों की दुनिया, मैं बनने को ज़र्रे-² में यार खोजता हूँ। भूल जाते कसमें-वादे मन भरने पर, मैं मतलबियों में दिलदार खोजता हूँ। वो खोजते हैं तोड़ने का ज़रिया 'धुन', मैं दिल जोड़ने के औज़ार खोजता हूँ। Rest Zone 'मेल-मिलाप' पतझड़ में बहार खोजता हूँ, ...मैं दिल जोड़ने के औज़ार खोजता हूँ। #restzone #rztask373 #rzलेखकसमूह #sangeetapatidar #e
Nishikant Gautam
PrAshant Kumar
मेरी शायरी तेरे लफ़्जों का औज़ार माँगे मेरी मौसीकी तेरे दर्द का ख़याल माँगे तेरी सोहबत तो नहीं अब मुझे लेकीन मेरी तनहाई तेरे ना होने का दीदार माँगे मेरी शायरी तेरे लफ़्जों का औज़ार माँगे मेरी मौसीकी तेरे दर्द का ख़याल माँगे तेरी सोहबत तो नहीं अब मुझे लेकीन मेरी तनहाई तेरे ना होने का दीदा
Naman Goyal
एक झूठ बनेगा सच, फिर एक से बनते चार, फिर झूठा रहेगा तू, और झूठे तेरे यार, बुराई जो एक दिखी तो, फिर अच्छाइयां सब बेकर, फ़िर घाव पड़ते ऐसे, जो ना दे सके औज़ार। ©Naman Goyal एक झूठ बनेगा सच, फिर एक से बनते चार, फिर झूठा रहेगा तू, और झूठे तेरे यार, बुराई जो एक दिखी तो, फिर अच्छाइयां सब बेकर, फ़िर घाव पड़ते ऐसे, ज
Anjuola Singh (Bhaddoria)
Always watch your words... they can be more poisonous than arrows... #तल्खी #औज़ार My smoke painting at the backdrop 🎨 Do subscribe, like,
सोमेश त्रिवेदी
पता चला आए थें बीती रात, कुछ अमन पसंद लोग हुई थी अमन की बात, उन्हें भाया नहीं शोर शायद उस बच्चे का, फिर क्या? दे गए तोहफा अमन का, तोहफे में मौत थी और दर्द का नजराना भी था। #NojotoQuote --- चार लाशें --- मार दिये गये हैं उजाड़ दिये गये हैं, कुछ सपनें कुछ ख्वाब, एक परिवार एक संसार, नफरत के औज़ार से।
सोमेश त्रिवेदी
--- चार लाशें --- मार दिये गये हैं उजाड़ दिये गये हैं, कुछ सपनें कुछ ख्वाब, एक परिवार एक संसार, नफरत के औज़ार से। फ़र्श पर खून है जिसका रंग लाल है, आंखों में डर है कई सवाल हैं, बेजान शरीर है बस ज़िन्दगी नहीं है। पता चला आए थें बीती रात, कुछ अमन पसंद लोग हुई थी अमन की बात, उन्हें भाया नहीं शोर शायद उस बच्चे का, फिर क्या? दे गए तौफा अमन का, तौफे में मौत थी और दर्द का नजराना भी था। अब ना हंसी है न किलकारी है, अब है सिर्फ पिता की लाचार आंखें माँ की मजबूर ममता, और चार लाशें। ©®सोमेश त्रिवेदी #NojotoQuote --- चार लाशें --- मार दिये गये हैं उजाड़ दिये गये हैं, कुछ सपनें कुछ ख्वाब, एक परिवार एक संसार, नफरत के औज़ार से।