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Diya
White ए जिंदगी निकल पड़ी हूं मैं तूने मुझे जिस पथ पर चलाया है, कांटे तो बहुत है वहां ,पत्थरों की चुभन भी है , फिर भी चल पड़ी हूं मैं, ए जिंदगी तेरी फरमाइश जो है, कहीं फूलों की खुशबू ,कहीं पैरों में थोड़ी शरारत भी है, अगर तू ना संभाले तो थोड़ी घबराहट भी है, तेरे सहारे ही निकल पड़ी हूँ मैं ,जो रास्ता तूने दिखाया है, थोड़ा पतझड़ भी है शबनम भी है, हकीकत भी है, पग डंडियों पर चलते हुए पीले सरसों की खुशबू भी है, गिरने का डर है तो संभलने का मौका भी है, ए जिंदगी निकल पड़ी हूँ मैं, जो रास्ता तूने दिखाया है, कहीं सुख है तो कहीं दुख भी है....... कहीं आसमान छूने की ख्वाहिश तो कहीं चांद को पाने की फरमाइश भी है। ✍🏼deeptigarg ❤ ©Diya #Thinking #ए जिंदगी #निकल पड़ी हूं मैं तूने मुझे जिस #पथ पर चलाया है, कांटे तो बहुत है वहां ,#पत्थरों की चुभन भी है , फिर भी चल पड़ी हूं
Anjali Singhal
"आया मौसम बसंत का, पतझड़ का अंत हुआ; जग में शोभा अनंत है छाई, खिलती महकती कलियाँ मुस्काईं। पीली-पीली सरसों फूली, बौरें आमों में उठ झूलीं; लेकर सुगंध हवा बह रही, रस प्रेम का घोल रही। डाली डाली पात पात, कोकिला का मधुर गान; ॠतुराज का स्वागत करने, सजधज धरती है तैयार।।" Basant Panchami 🏵️ ©Anjali Singhal "आया मौसम बसंत का, पतझड़ का अंत हुआ; जग में शोभा अनंत है छाई, खिलती महकती कलियाँ मुस्काईं। पीली-पीली सरसों फूली, बौरें आमों में उठ झूलीं; ल
"आया मौसम बसंत का, पतझड़ का अंत हुआ; जग में शोभा अनंत है छाई, खिलती महकती कलियाँ मुस्काईं। पीली-पीली सरसों फूली, बौरें आमों में उठ झूलीं; ल
read moreMohan Sardarshahari
a-person-standing-on-a-beach-at-sunset जीत हमारी इतनी चर्चित नहीं होती अगर हार के किस्से यों आम ना होते। गर बदजुबानी तुम्हारी सामने ना आती मिलने पर शायद हम यों ना मुस्कुराते । पतझड़ यदि कभी नहीं आती भूल बैठते हम एक शाख पर हैं रहते।। ©Mohan Sardarshahari # पतझड़
# पतझड़
read moretheABHAYSINGH_BIPIN
वक्त के साथ किरदार बदलता है, वक्त के साथ रीतिरिवाज बदलते हैं। कब तक बैठोगे रूढ़िवादी सोच पर, वक्त के साथ जज़्बात बदलते हैं। वक्त के साथ मिटती हैं दूरियाँ, वक्त के साथ अपने भी बदलते हैं। क्यों पकड़े हो कसकर पतंग की डोर, इशारे में थामो, उड़ान बदलती है। क्यों बढ़ने हैं तुम्हें सब एक दिशा से, वक्त के साथ रिश्ते भी बिखरते हैं। क्यों आवेश में पड़े चिंतित हो, वक्त पर ही सारी पहेलियाँ सुलझती हैं। हर रिश्ते में वो जज़्बात रहते हैं, हर रिश्ते में वो तड़प रहती है। क्यों हो इतना भी बेकरार तुम, वक्त पर ही नींद सुकून की आती है। जिंदगी का फ़लसफ़ा किसे पता, वक्त पर ही जिंदगी सब सिखाती है। क्यों कार्यों के बोझ तले डूबे हो, वक्त ही वक्त ख्वाहिशें जगाता है। नासूर ज़ख्मों की परवाह क्यों, वक्त पर ही दवा मिलती है। दिल अगर टूटा है तो क्या हुआ, वक्त पर ही अपने मिलते हैं। क्या हुआ जो मौसम सावन चला गया, वक्त पर ही तो सारे मौसम बदलते हैं। क्या हुआ जो रिश्ते पतझड़ बन गए, वक्त पर ही बसंत की बहार खिलती है। छोड़ दो बेफिक्री में बेफिकर उसे, वक्त पर ही दबे राज भी खुलते हैं। वक्त पर सब कुछ अच्छा मिलता है, वक्त पर ही सही, नक्षत्र मिलते हैं। ©theABHAYSINGH_BIPIN #Hope वक्त के साथ किरदार बदलता है, वक्त के साथ रीतिरिवाज बदलते हैं। कब तक बैठोगे रूढ़िवादी सोच पर, वक्त के साथ जज़्बात बदलते हैं। वक्त के
#Hope वक्त के साथ किरदार बदलता है, वक्त के साथ रीतिरिवाज बदलते हैं। कब तक बैठोगे रूढ़िवादी सोच पर, वक्त के साथ जज़्बात बदलते हैं। वक्त के
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White रंग-मौसम ने दिखाए क्या-क्या, कहीं बारिश तो ओले गिराए। कहीं मिलन के फूल खिलाए, रंग-मौसम ने दिखाए क्या-क्या, कभी चारों तरफ़ बहारें छाईं, कभी जुदाई से भरी पतझड़ आई। रंग-मौसम ने दिखाए क्या-क्या। कभी रुस्वाई से भरी रातें थीं, तो कहीं जुदाई के आँसू बहाए। रंग-मौसम ने दिखाए क्या-क्या, कभी उम्मीदों का सूरज उग जाए, कभी बगैर चाँद आसमान सुना हो जाए। रंग-मौसम ने दिखाए क्या-क्या। कभी सपनों को बहार मिली, कभी उम्मीदों पर सितारे गिरे। रंग-मौसम ने दिखाए क्या-क्या। कभी पलकों पे मुस्कानें बिखरीं, कभी दिलों पे ग़मों के छाए। रंग-मौसम ने दिखाए क्या-क्या। कभी खुशियों का झरना बहा, कभी ख़ामोशियाँ गूंजीं यहाँ। रंग-मौसम ने दिखाए क्या-क्या। कभी सर्द हवाओं में आग जली, कभी गर्मी में बर्फ़ पिघली। रंग-मौसम ने दिखाए क्या-क्या। ©theABHAYSINGH_BIPIN #love_shayari रंग-मौसम ने दिखाए क्या-क्या, कहीं बारिश तो ओले गिराए। कहीं मिलन के फूल खिलाए, रंग-मौसम ने दिखाए क्या-क्या, कभी चारों तरफ़ बहा
#love_shayari रंग-मौसम ने दिखाए क्या-क्या, कहीं बारिश तो ओले गिराए। कहीं मिलन के फूल खिलाए, रंग-मौसम ने दिखाए क्या-क्या, कभी चारों तरफ़ बहा
read moreबेजुबान शायर shivkumar
गैरो की खुशी में सुकून पा के तो देखो। गीत मोहब्बत के जरा गा के तो देखो। पतझड़ सी ज़िन्दगी में मधुमास आएगा, बस एकबार दिल को लगा करके तो देखो। ©बेजुबान शायर shivkumar गैरो की खुशी में #सुकून पा के तो देखो। गीत #मोहब्बत के जरा गा के तो देखो। पतझड़ सी #ज़िन्दगी में मधुमास आएगा, बस एकबार #दिल को लगा करके
गैरो की खुशी में सुकून पा के तो देखो। गीत मोहब्बत के जरा गा के तो देखो। पतझड़ सी ज़िन्दगी में मधुमास आएगा, बस एकबार दिल को लगा करके
read moreParul Sharma
White फूल में गुलाब, धातु में सोना, पशु में गाय पक्षी में मुर्गी वृक्ष में खाद्य पदार्थ और लकड़ी और तुम सोचते हो लोग मोहब्बत यूं ही चुन लेंगे ©Parul Sharma #love_shayari #गुलाब #सोना #गाय #मुर्गी #वृक्ष #खाद्यपदार्थ #लकड़ी #मोहब्बत
#love_shayari #गुलाब #सोना #गाय #मुर्गी #वृक्ष #खाद्यपदार्थ #लकड़ी #मोहब्बत
read moreBharat Bhushan pathak
मण्डूक दोहे पृथ्वी धारे तब हमें,काटें जब ना पेड़। जान लीजिए सूत्र ये,प्राणों के यह मेंड़।।१ माने मेरी बात ये,उपयोगी उपहार। देते खाना अरु दवा,रोपें वृक्ष हजार।।२ रोपें नित्य पेड़ एक,होता जो फलदार। पुत्र जैसे ही मानें,सदा करे उपकार।।३ कहे धरा हमको यही,मानो मेरी बात। वैरी सुन लो ना बनो ,नहीं करो आघात।४ मेटे जो खुद को यहाँ,हमको देते ठौर। भूले न उनको छाँटें ,भोजन जो दे सौर।।५ इनसे ही होता यहाँ,सदा सुखी संसार। शस्य-श्यामला हो धरा,हरियाली विस्तार।।६ ©Bharat Bhushan pathak #मण्डूक_दोहे#छंद#वृक्ष#पेड़#नोजोटो_हिन्दी hindi poetry on life love poetry in hindi sad urdu poetry poetry deep poetry in urdu मण्डूक दोहे
#मण्डूक_दोहे#छंद#वृक्ष#पेड़#नोजोटो_हिन्दी hindi poetry on life love poetry in hindi sad urdu poetry poetry deep poetry in urdu मण्डूक दोहे
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