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गुमनाम शायर
White कितना कुछ खोकर हमने आज ये ऊंचाईयां पाईं है,इस झूठी शान के खातिर ही तो हमने हर एक मोड़ पर ढोकर खाई थी,ना जाने क्या पानें की चाहत में हमने जीवन के असली सुख को खो दिया,इस झूठी शानो शौकत में हमने जीवन के हर एक सुकून को हमेशा हमेशा के लिए खो दिया,ना ये बड़ी बड़ी इमारतें काम आएगी और ना ही ये झूठी शान,जिसके लिए हमने अपने अपनों को ही खुद से दूर किया।। ©गुमनाम शायर #दिखावटी चमक
Devesh Dixit
उमंग लिपट कर तुमसे जो उमंग चढ़ती है। होने से ही तुम्हारे जिंदगी मिलती है।। यूं ही लिपट जाया कर सीने से मेरे। आगोश में ही तेरे तसल्ली मिलती है।। डुबाती हो जब इन नशीली आँखों में। डूब कर ही उसमें तबियत खिलती है।। अधरों को अपने मिला मेरे अधरों से। नशे की झलक ही यहीं पर मिलती है।। हमारे जिस्म जब टकराएँ आपस में। तुम्हारे पास होने की महक मिलती है।। खो जाऊं तुम्हारे केशों के आंचल में। ऐसी काली मस्त घटा कहां मिलती है।। तुमसे ही मेरी जिंदगी में ये उजाला है। ऐसे उजाले की चमक कहां मिलती है।। ...................................................... देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #उमंग #nojotohindi #nojotohindipoetry उमंग लिपट कर तुमसे जो उमंग चढ़ती है। होने से ही तुम्हारे जिंदगी मिलती है।। यूं ही लिपट जाया कर सीन
ओम नमः शिवाय
संगीत कुमार
Meri Mati Mera Desh (चुनाव) चला दौर चुनाव का भैया पार्टी सार्टी मन रहा दारू मुर्गा खूब चल रहा नेता जनता का पैर पकड़ रहा खूब वादा कर रहा अपने को जनता का बेटा बता रहा घर घर सब से मिल रहा अपने को जनता का हितैषी बता रहा पैदल गाँव गाँव घूम रहा एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगा रहा अपना गुणगान गा रहा सबको उल्लू बना रहा चुनाव चुनाव में ही मिल रहा चुनाव जीतने पर जनता को भूल रहा अपना जेब सब भर रहा जनता का खून चूस रहा सब अपने को ईमानदार बता रहा सच्चाई ऐसा न दिख रहा दागी दोषी से है भरा पड़ा कोई जेल का चक्कर काट रहा तो कोई जेल से चुनाव लड़ रहा कुछ तो बीबी,बेटे को चुनाव उतार रहा कर जोड़ विनती कर रहा जाँच परख कर वोट डालना किसी के बहकावे में मत आना जर्जर हाल है शिक्षा व्यवस्था का महाविद्यालय, विश्वविद्यालय सिर्फ चमक रहा ज्ञान न अब उसमे मिल रहा नेतागिरी सिर्फ हो रहा प्रोफेसर साहब कक्षा में न दिख रहे लगता जैसे शिक्षण संस्थान बंद पड़ा अंचल, अनुमण्डल, जिला कार्यालय में लोग भटक रहे समय से न काम हो रहा पर नेता जी कहते खूब तरक्की हो रहा बाढ़ सूखे से ग्रस्त रहा नहर नाले का न व्यवस्था हुआ लोगों का जीवन बदहाल हुआ मच्छर सब जगह भनभना रहा अस्पताल सब गंदगी से भरापरा लोगों को उपचार न मिल रहा उद्योग धंधा कुछ न स्थापित हुआ जनता तो प्रांत छोड़ चला गुंडागर्दी दिख रहा लोग बात -बात पर लड़ रहा हाल बहुत बुरा है भैया जात पात से ऊपर उठना अच्छे प्रत्याशी को मिल चुनना चला दौर चुनाव का भैया ©संगीत कुमार #MeriMatiMeraDesh (चुनाव) चला दौर चुनाव का भैया पार्टी सार्टी मन रहा दारू मुर्गा खूब चल रहा नेता जनता का पैर पकड़ रहा खूब वादा कर रहा
Shivkumar
आँखों में कोई ख़्वाब सुनहरा नहीं आता इस " झील " पे अब कोई परिन्दा नहीं आता हालात ने चेहरे की चमक देख ली वरना दो-चार बरस में तो बुढ़ापा नहीं आता मुद्दत से तमन्नएँ सजी बैठी हैं दिल में इस घर में बड़े लोगों का रिश्ता नहीं आता इस दर्ज़ा मसायल के जहन्नुम में जला हूँ अब कोई भी मौसम हो पसीना नहीं आता मैं रेल में बैठा हुआ यह सोच रहा हूँ इस दैर में आसानी से पैसा नहीं आता अब क़ौम की तक़दीर बदलने को उठे हैं जिन लोगों को बचपन ही कलमा नहीं आता बस तेरी मुहब्बत में चला आया हूँ वर्ना यूँ सब के बुला लेने से ‘राना’ नहीं आता ©Shivkumar #lakeview #झील #नदियाँ #Nojoto #nojotohindi #आँखों में कोई #ख़्वाब सुनहरा नहीं आता इस झील पे अब कोई परिन्दा नहीं आता हालात ने चेहरे क
Himanshu Prajapati
वह हर बात में अपने बातों से चमक लाती है, उसकी यही अदा मुझे बहुत भाती है, जब से देखा है उसका अंदाजे कारनामा हम होश गवा बैठे है, वह तो केक में भी नमक डालकर खाती है..! ©Himanshu Prajapati #longdrive वह हर बात में अपने बातों से चमक लाती है, उसकी यही अदा मुझे बहुत भाती है, जब से देखा है उसका अंदाजे कारनामा हम होश गवा बैठे है, व
Sarfaraj idrishi
धोका देती है शरीफ़ चेहरों की चमक अक्सर हर कांच का टुकड़ा हीरा नहीं होता । ©Sarfaraj idrishi धोका देती है शरीफ़ चेहरों की चमक अक्सर हर कांच का टुकड़ा हीरा नहीं होता ।Sakshi Dhingra udass Afzal khan Dhanraj Gamare AmitSinghRajput ASR
Ashraf Fani【असर】
BeHappy -: चंदा और चाँद ;- चंदा हो या चाँद, दोनों हाथों से बटोरे जाते हैं चंदा नेता बटोरते हैं और चाँद शायर कवि दोनों को दोनों मिल जाये तो चेहरे चमक उठते हैं बांछे खिल उठती हैं ग़ज़ब करिश्माई हैं दोनों चंदा और चाँद ©Ashraf Fani【असर】 -: चंदा और चाँद ;- चंदा हो या चाँद, दोनों हाथों से बटोरे जाते हैं चंदा नेता बटोरते हैं और चाँद शायर कवि दोनों को दोनों मिल जाये तो चेहरे च