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malay_28
White मेरे सपने मेरी सब ख़्वाहिशें सबको भुलाया है किसे खोया तुम्हें ऐ ज़िन्दगी क्या क्या बताऊँ मैं . ©malay_28 #क्या क्या बताऊँ मैं
Raxx
White क्या कहें अब किसी से, अपने ही बेगाने बन गए है, जब ज़रूरत है किसी अपने की अपने ही दुश्मन बन गए है... ©Raxx #sad_shayari क्या कहें
#sad_shayari क्या कहें #विचार
read moreAkanksha Jain
हूँ शब्दशून्य, हूँ भावशून्य, मैं प्रेम घृणा कैसे तौलूं। दर्पण में मैं,'मैं' ना दिखती, बोलूं तो तुमसे क्या बोलूं। ©Akanksha Jain क्या बोलूँ
क्या बोलूँ #SAD
read moreP 4 seven
White बात होती है खुद ही खुद से अब, की कौन और कब सही है कोई, क्या वो सही जो बस चुपचाप, सब देखकर भी अनदेखा कर दे, या वो सही जो हर बात पर सभी को टोक दे, या वो सही जो दूसरे को देखकर, उसकी गलती को बिना बताए बस, खुद ही खुद के मन में विचार ले आए, या वो सही जो बस खुद ही खुद में मगन, ना अपनी गलती सुधारे, ना दूसरों की गलती को देख, और ना उसकी गलती को सुधारने की कोशिश करे। ©P 4 seven #क्या #क्यों
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
सरसी छन्द गीत :- निकल रहा है धन काला अब ,मोदी जी को देख । काँप रहे गद्दार राज्य में , योगी जी को देख । निकल रहा है धन काला अब.... मैं जनता का हूँ सेवक जो , भरते रहे हुँकार । घर के उनसे निकल रहा है , नोटों का भण्डार ।। क्या कहें चमत्कार हुआ या, बिगड़ी इनकी रेख । निकल रहा है धन काला .... खूब उठाते हैं उँगली यह , मोदी पे कुछ लोग । जनता सेवा करने में जो , किए खूब उपभोग ।। घर पर तो व्यापार नही था , बदली कैसी रेख । निकल रहा है धन काला अब ...... सोच नहीं जो हम तुम पाये , मोदी ने ली सोच । कुछ तो गड़बड़ भैय्या मेरे , आयी कैसी लोच ।। मार-मार कर मंतर कैसे , बनकर बैठे शेख़ । निकल रहा है धन काला अब ... निकल रहा है धन काला अब ,मोदी जी को देख । काँप रहे गद्दार राज्य में , योगी जी को देख । महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR सरसी छन्द गीत :- निकल रहा है धन काला अब ,मोदी जी को देख । काँप रहे गद्दार राज्य में , योगी जी को देख ।
सरसी छन्द गीत :- निकल रहा है धन काला अब ,मोदी जी को देख । काँप रहे गद्दार राज्य में , योगी जी को देख । #कविता
read moremalay_28
शहर पत्थर हुआ दिल काँच का ही रह गया मेरा कहाँ किस मोड़ पर टूटा मेरा ये दिल बताऊँ क्या. ©malay_28 #बताऊँ क्या
Devesh Dixit
जीने लगें हैं अब सारे गमों को पीछे छोड़, देखो जीने लगे हैं अब। लोगों की फ़िक्रों को छोड़, देखो बढ़ने लगे हैं अब। नज़रअंदाज़ किया उनको, जिसने भी कांँटे बोए हैं। क्या कहें अब हम उनको, वे खुद ही कर्मों पर रोए हैं। उन्हें उनके हाल पर छोड़, सपने बुनने लगे हैं अब। उन सपनों को अपने जोड़, देखो जीने लगे हैं अब। क्यों करनी है उनकी चिंता, उनसे क्या सरोकार है अब। नकाब के पीछे है जो चेहरा, उन पर कहाँ एतबार है अब। आशाओं को जो हटाया, देखो जीने लगे हैं अब। स्वयं को फिर सुदृढ़ पाया, और संवरने लगे हैं अब। ..................................... देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #जीने_लगें_हैं_अब #nojotohindi #nojotohindipoetry जीने लगें हैं अब सारे गमों को पीछे छोड़, देखो जीने लगे हैं अब। लोगों की फ़िक्रों को छोड़,
#जीने_लगें_हैं_अब #nojotohindi #nojotohindipoetry जीने लगें हैं अब सारे गमों को पीछे छोड़, देखो जीने लगे हैं अब। लोगों की फ़िक्रों को छोड़, #Poetry #sandiprohila
read morePinki love status
आपके दीदार के लिए दिल तरसता हैं। आपके इंतज़ार में दिल तड़पता हैं। क्या कहें इस पागल दिल को जो, हमारा होकर भी आपके लिए धड़कता हैं । ©Pinki love status #UskeHaath आपके दीदार के लिए दिल तरसता हैं। आपके इंतज़ार में दिल तड़पता हैं। क्या कहें इस पागल दिल को जो, हमारा होकर भी आपके लिए धड़कता हैं
#UskeHaath आपके दीदार के लिए दिल तरसता हैं। आपके इंतज़ार में दिल तड़पता हैं। क्या कहें इस पागल दिल को जो, हमारा होकर भी आपके लिए धड़कता हैं #Love #nojotohindi
read moreDevesh Dixit
अटल सत्य (दोहे) अटल सत्य है मौत ही, सबको ये संज्ञान। फिर भी क्यों समझे नहीं, करते हैं अभिमान।। मोह छूटता है नहीं, अद्भुत ये संसार। अटल सत्य ये जान कर, भरते भी भण्डार।। अनदेखा इसको करें, पछताते फिर बाद। अटल सत्य को भूल कर, दिखलाते आबाद।। ईश्वर की ही देन है, ये जो माया जाल। अटल सत्य है जान लो, मौत यही विकराल।। घबराते इससे बहुत, आज सभी इंसान। अटल सत्य है क्या कहें, कहते सभी सुजान।। ............................................................... देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #अटल_सत्य #दोहे #nojotohindi #nojotohindipoetry अटल सत्य (दोहे) अटल सत्य है मौत ही, सबको ये संज्ञान। फिर भी क्यों समझे नहीं, करते हैं अभि
#अटल_सत्य #दोहे #nojotohindi #nojotohindipoetry अटल सत्य (दोहे) अटल सत्य है मौत ही, सबको ये संज्ञान। फिर भी क्यों समझे नहीं, करते हैं अभि #Poetry #sandiprohila
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