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Perminder Singh
ये किसने दस्तक दी है फूल लेकर कौन आया है मतलबखोर होगा बेफिजूल लेकर कौन आया है मेने कई बरसों से साफ रखा है अपने कमरे को ये कौन बेवकूफ है, ये धूल लेकर कौन आया है ©Perminder Singh #chai
एज़ाज़ बेबाक़
पापी पेट को भरने में मेहनत नहीं लगती है जितनी इसको घटाने में लगती है ©एज़ाज़ बेबाक़ #chai
अन्यांश
चाय से तो मोहब्ब्त मुझे सुरु से थी, पर , जब हमनें जाना कि चाय तुम्हें पसन्द नहीं, क्योंकि अक्सर वो तुम्हारे जीभ को जला दिया करती है नफ़रत सी हो गई थी "चाय" इस चाय के नाम से, उस दिन से मैंने चाय पीना छोड़ दिया , क्योंकि जो तुम्हें पसंद नही, भला वो मुझे कैसे पसंद आएगी... मोहब्ब्त तो दोनों से बेइंतहा थी, एक को हमने छोड़ दिया , और एक ने हमको... ©अन्यांश #chai
Abhishek Choudhary Sanskrit
प्रात: दन्तधावनङ्कृत्वा, स्वजनकञ्जननीञ्च नत्वा। ततश्च भगवत्भजनङ्गीत्वा, मनसा कार्यम् अध्ययनम्।। प्रात: दांतों की सफाई करके(Brush) अपने माता-पिता को नमन करके भगवान का भजन गाकर तत्पश्चात् मन लगाकर अध्ययन करना चाहिए। पौष्टिकमल्पाहारं भुक्त्वा, विद्यालयाय सज्जो भूत्वा। समये विद्यालयम् आप्त्वा, मनसा कार्यम् अध्ययनम्।। पौष्टिक अल्पाहार करके विद्यालय हेतु तैयार होकर समय से विद्यालय पहुंच कर तत्पश्चात् मन लगाकर अध्ययन करना चाहिए । सन्ध्याकाले क्रीडित्वा, दूरदर्शनमीक्षित्वा। अग्रजैस्सह वार्ताङ्कृत्वा, मनसा कार्यम् अध्ययनम्।। सायंकाल में खेल-कूद करके दूरदर्शन देखकर बड़ों के साथ वार्तालाप करके तत्पश्चात् मन लगाकर अध्ययन करना चाहिए। कवि:- अभिषेककुमार ©Abhishek Choudhary Sanskrit #Books
Deep Dhaliwal Moga
ਆਪ ਸਭ ਨੂੰ "ਖਾਲਸਾ ਸਾਜਨਾ ਦਿਵਸ" ਤੇ ਵਿਸਾਖੀ ਦੀਆਂ ਲੱਖ ਲੱਖ ਵਧਾਈਆਂ ਹੋਣ ਜੀ। ਪਰਮਾਤਮਾ ਤੁਹਾਨੂੰ ਸਾਰਿਆਂ ਨੂੰ ਚੜਦੀ ਕਲਾ ਵਿਚ ਰੱਖੇ.. ✍️ਦੀਪ ©Deep Dhaliwal Moga #chai
Drx Kumar pankaj
लिखने के लिए बहुत कुछ होता है लेकिन न लिख सकने के दौर में लिखने का मन नही होता क्योंकि जरूरत ही महसूस नही होती,खैर!...बता देने में कोई फायदा नही है और छिपा लेने में न कोई नुकसान,क्यों ही अपने दुःख में शरीक किया जाए सभी को...! ©Drx punam rao #chai
Meenakshi
चाय सी मोहब्बत से सुबह शाम मिलने जाती हूं, मैं लगाकर इसे लबों से अधूरी मोहब्बत निभाती हूं, मैं उम्मीद से कहीं बढ़कर इसके साथ वक्त बिताती हूं, अपनें व्यस्त जीवन में इसे ही हर पल याद करती हूं, राहों में भी अक्सर मैं देख इसे रूक जाती हूं, ये मेरी इश्क़ सी चाय को मैं अपनी चाह बताती हूं। ©Meenakshi #chai
Rakhi Saroj
किताबों से अब इश्क ज्ञान के लिए नहीं बस तस्वीरें शेयर होने तलक का रह गया है। ©Rakhi Saroj #Books
Drx Kumar pankaj
देखो यार.... छूटे हुए हाथों का छूटना..... अब और नही अखरता.... क्योंकि पड़ चुका है..... अब फ़र्क इतना कि..... अब फ़र्क ही नही पड़ता...!! ©Drx punam rao #chai
MAHI