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Ankit Sahni
एक दम आसान भाषा में ©Ankit Sahni एक दम आसान भाषा में Tense.
Deepak
गीता भारतीय दर्शन का सार ग्रंथ है। गीता ज्ञान-गीत है। गीता अत्यंत सरल और सरस श्लोकों में आध्यात्मिक चिंतन के साथ-साथ लोक-व्यवहार के निर्देश प्रस्तुत करने वाली एक ऐसी लघु पुस्तिका है, जो तनावरहित जीवन जीने की कला सिखाती है, जीवन-मृत्यु के चक्र का स्पष्टीकरण देती है, ईश्वर के प्रति अपने-अपने तरीके से निष्ठा रखने का मंत्र देती है और प्रतीक रूप में यह समझा देती है कि इस संपूर्ण विश्व की सृष्टि और संचालन के पीछे क्या विज्ञान है तथा इस समष्टि में हमारी व्यक्तिगत हैसियत क्या है। ©Deepak गीता के संदेश, जानिए सरल भाषा में
Ek villain
पिछले कुछ वर्षों में अमृत भाषा की महत्ता को स्थापित करने की दृष्टि से सार्थक प्रयास हो रहे हैं कई संस्थाओं में याचिका विधि और अभियांत्रिकी की पढ़ाई हिंदी माध्यम से प्रारंभ हो गई है आशा की आग में ही में यह पाठ्यक्रम नहीं भारतीय भाषाओं में उपलब्ध होगा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 भाषाओं की दृष्टि से महत्वपूर्ण इस नीति के अंतर्गत प्रथम स्तर से लेकर उच्च स्तर तक सोच तक भारतीय भाषाओं के माध्यम से औपचारिक पाटन पाटन को प्रोत्साहित करते हुए संस्कृति की की गई है नीति के अनुसार प्राथमिक स्तर के पांचवी कक्षा और यदि संभव हो तो 8 वीं कक्षा गणित भाषा के माध्यम से ही शिक्षा प्रदान की जाएगी राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की संस्कृति के अनुरूप भारतीय और हमारे भारतीय भाषाओं में शिक्षण के लिए समर्थन अध्यापकों को तैयार करना होगा स्थानीय भाषाओं के जन्म स्थान देना होगा हमें ज्ञान और शोध के माध्यम से आना होगा राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी द्वारा देश के विभिन्न भागों में परीक्षा संस्कृत एवं कौशल कौशल भविष्य तैयार कर सकते हैं भारत की प्रतिष्ठा एक बहुत संख्या समाज के सदर में देश में अधिकांश नागरिकों में बड़ौदा होने की क्षमता वेब दैनिक जीवन में साक्षरता और उपचार एकता 9 तारीख का कार्यक्रम जनसंचार के माध्यम से विभिन्न भाषाओं एवं बाल नियमों से परिचित होते रहते हैं ©Ek villain #मृत भाषा में शिक्षा को प्रोत्साहन #Nofear
Nandan
काहे हमरे जीवन की बगिया उजारी काहे तुमसे प्रीत लगा लियेन भारी हम तो तुम्हारी आँखन मा दीपक बन चमके काहे हमरा दीपक बुझाए दियेव प्यारी प्रेम की डोर कुछ ऐसी बंधी रहे कि नाचि-नाचि मोर जैसे पंख उतारी अब ना प्रेम जानी और नाए तुमका समय की बिरहा पकड़ लिहिस भारी मिलिबा तुमका अब कउनो जनम मा देखि केरे पल्ला न झारि लियेउ प्यारी...... अवधी भाषा में कुछ कहने की कोशिश
Ek villain
मृत भाषा का चिंतन वंदन व्यक्ति समाज और राष्ट्र के आत्म नल की उन्नति करता है यह दूसरे पर निर्भरता से मुक्त और आत्मनिर्भरता की राह खोलने वाला अमृत भाषा में व्यवहार और शिक्षा किसी के बहिष्कार से परे स्वयं के स्वीकार की दिशा में जाना है जिसका बालक सबसे पहले अपनी मां से सीखता है और फिर परिजनों के साथ उसके विकास करता है इसके लिए उसे किसी प्रकार का अनावश्यक प्रयास नहीं करना पड़ता सीखना है कि यह प्रतिक्रिया प्रतिदिन चलती रहती है इस निधि भाषा की ताकत को पहचानते हुए यह भरत तेंदू हरिश्चंद्र हिंदी की उन्नति शीर्षक विज्ञान में 18 सत्र में कहा था कि निज भाषा उन्नति अहै सब उन्नति को मूल यह वह समय था जब आधुनिकता के समय पर कुछ लोगों में अंग्रेजी की आकर्षक पैदा हो रही थी एकता में एकता के सूत्र व्यक्ति समाज और राष्ट्र के विकास के द्वारा निजी भाषा की उन्नति सही जुड़ते खोलते हैं मृत्य भाषा प्रत्येक व्यक्ति को उनके परिवार समाज प्रदेश और देश से जोड़ती है उनके बीच स्थापित करती है वर्ष 1918 में हिंदी सहित इंद्र के अधिवेशन में गांधी जी ने कहा था कि अंग्रेजी व्यापक बादशाह पर यदि अंग्रेज और व्यापक ना रहे तो अंग्रेजी में सर्व व्यापक नहीं रहेगी हम अब अपनी भाषा की अपेक्षा कर कर उसकी हत्या नहीं करनी चाहिए भारत व सनातन ज्ञान परंपरा का केंद्र रहा है विदेशी दासता के दौर में उनके रूपों में ज्ञान की इस सनातन परंपरा को नष्ट करने के प्रयास होते रहे ©Ek villain #मृत भाषा में चिंतन का समय #selflove