Find the Latest Status about लचीला from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, लचीला.
RituRaj Gupta
मेरे गुनाहों की कोई इंतेहा ना थी, कानून लचीला था, गुनाह बढ़ता गया । #लचीलाक़ानून #अपराध #नाकामक़ानून #faillawnorder #padhnelikhnewale #पढ़नेलिखनेवाले #poetryonlaw #yqdidi
SHAYARI BOOKS
लचीला पेड़ था जो झेल गया आँधिया, मैं मगरूर पेड़ों का हश्र जानता हूँ! लचीला पेड़ था जो झेल गया आँधिया, मैं मगरूर पेड़ों का हश्र जानता हूँ!
Shravan Goud
अकडपन खत्म हो जाता है जब वक्त की आंधी आती है और लचीलापन अपनी क्षमताओं से बचाव करता है। अकडपन खत्म हो जाता है जब वक्त की आंधी आती है और लचीलापन अपनी क्षमताओं से बचाव करता है।
Deepak Kumar
Atul Sharma
*📝“सुविचार"*📝 🖊️*“7/1/2021”*🖋️ 📘✨ *“गुरुवार”*✨📙 *“संबंध” में यदि “लचीलापन” ना हो, “अभिमान” की “दृढ़ता” हो तो वह “संबंध” भी बिखर जाते है* *तो लाइए यह “लचीलापन” अपने “संबंधों” में ताकि “कल” कोई “समस्या” आए तो यह “संबंध” टूटे नहीं,* *यदि इस “आकाश” में देखें तो “सूर्य” भी “चंद्रमा” को देख कर “झुक” जाता है हम तो “साधारण” से “मनुष्य” है...* ✨ *अतुल शर्मा🖋️📝📙* *📝“सुविचार"*📝 🖊️*“7/1/2021”*🖋️ 📘✨ *“गुरुवार”*✨📙 #“संबंध” #“लचीलापन”
Atul Sharma
*सुविचार* *Date-28/5/19* *Day-Tuesday* 🌱... *इस पौधे को देखिए* कितना "कोमल".. कितना "लचील" यदि इस पर थोड़ा-सा भी "दबाव" डालें तो झुक जाता है.. "पौधे" तो होते ही हैं ऐसे... थोड़ा-सा "दबाव" डालोगे तो "झुक" जाएंगे इसके लचीलेपन कारण... किंतु इनका ये *"लचीलापन"* *"आंधियों"*, *"चक्रवातो"* में टूटने से बचाता है.. यदि इनके स्थान पर कोई *"अक्रिय"* या कोई *"वृक्ष"* 🌳हो तो *"पवन"*🌪 की *"तीव्र"* *"गति"* को वह *सह* नहीं पाते उसका *"सामना"* नहीं कर पाते, *"टूट"* कर *"गिर"* जाते हैं... कुछ इसी प्रकार होते हैं हमारे *"संबंध"*... यदि उनमें वह *"लचीलापन"* ना हो, *"अभिमान"* की *"दृढ़ता"* हो, तो वह *"संबंध"* भी बिखर जाते है, तो लाईए यह *"लचीलापन"* अपने *"संबंधों"* में ताकि *"कल"* यदि कोई *"समस्या"* आए तो यह *"संबंध"* टूटे नहीं... यदि इस *"आकाश"* में देखें *"सूर्य"*☀ भी *"चंद्रमा"* 🌕 को देखकर झुक जाता है हम तो साधारण से मनुष्य है.... तो *"संबंधों को झुकाना"* नहीं *"संबंधों के समक्ष झुकना"* सिखिए... Bý-Åťüľ Şhãřmå🖊️🖋️✨✨ *सुविचार* *Date-28/5/19* *Day-Tuesday* 🌱... *इस पौधे को देखिए* कितना "कोमल".. कितना "लचील" यदि इस पर थोड़ा-सा भी "दबाव" डालें तो झुक जाता
Shivangi
गर तूने छुआ मेरे जिस्म को तो खाक कर दूंगी तुझे मैं कोई माटी की गुड़िया नहीं,बन ज्वाला राख कर दूंगी तुझे।। रेप करने में मात्र 15 मिनट लगता है और मुजरिमों को सजा देने में 15 साल लग जाते हैं.. क्यों हमारे देश का कानून इतना लचीला है। न्यूज़ के अनुसार
मुखौटा A HIDDEN FEELINGS * अंकूर *
" प्रश्नचिन्ह " *********** वो काली घटा सा मंजर था या तपिश थी चांद-तारो की , मेरे ही दिल की धड़कन थी या कोई दस्तक किनारों की …! भटकती रुह सी भटकन या डर था कुछ तूफानों का , ऐसा ही कुछ मंजर था वो उन बिछड़ी बहारो का ..! सलोनी बात थी कोई या लचीलापन था अश्कों का , गले में फस गया था जो वो शायद खौफ था गम का …! नमी आंखो मे कम ना थी मगर लब पर हसी भी थी , खामोशी के मौसम में यें बातें बेवजह क्यूं थी…. ! मेहरबानी हवाओं की या कोई आहट दुआओ की , कभी मुझ तक ना पहुंची जो वो ही बातें सजा सी थी…..! उम्र के इस किनारे पर ये सारे प्रश्नचिन्ह क्यों है.. वो लाचारी थी जीवन की या कमी कुछ मेरी राहों की….!!! ©DEAR COMRADE (ANKUR~MISHRA) " प्रश्नचिन्ह " *********** वो काली घटा सा मंजर था या तपिश थी चांद-तारो की , मेरे ही दिल की धड़कन थी या कोई दस्तक किनारों की …! भटकती रुह स
सुसि ग़ाफ़िल
सच मानो तो अकाल मृत्यु का टैंट लग चुका है उदासियों के दूत आते हैं शाम सुबेरे भोज करने मोह भंग हो गया तुम्हारा तुम दूर हट गई हो मुझसे तुम जानती हो जितना उतना मैं भी नहीं जानता मुझे महसूस होता है मुझे हर पल महसूस होता है मुझ
Mahtab Khan
कैसा न्याय और कैसा भारत चाहिए, मौन रख लो अभी ये लचीला संविधान है साहब। आज तुम्हारी बेटी हवस की भेंट चढ़ी है कल हमारी बेटी चढ़ी थी, फर्क इत्ता सा था सिर्फ उसके कान काटे थे और आज जुबा काटी गई, समझ नहीं आता है ये दरिंदे किस मां की कोख से जन्म ले जाते है, जो किसी मां की बेटी को अपनी हवस का शिकार बनाते हैऔर किसी नाजायज बाप की नीच औलाद कहलाते है। ऐसे दरिंदो के लिए तो एक अलग कठोर कानून बनना चाहिए, जो किसी की बहन बेटियों की ज़िंदगी से खेले उसे बीच चौराहे पर ज़िंदा जला देना चाहिए। तभी तो इस भारत देश में बहन बेटियों को सुरक्षित रहने का मौका मिलेगा, तभी तो इन बेटियों से इंडिया पूरी दुनिया में और आगे बढ़ेगा। ©Mahtab Khan #Stoprape कैसा न्याय और कैसा भारत चाहिए, मौन रख लो अभी ये लचीला संविधान है साहब। आज तुम्हारी बेटी हवस की भेंट चढ़ी है कल हमारी बेटी चढ़ी