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Kiran Chaudhary
White तेरे रंग में रंगी हूँ मैं, मिली हूँ मैं खुद से ही पहली दफा, है ये आरज़ू, है ये ज़ुस्तज़ू, कि तेरी रहूं मैं सदा, मैं तेरी हूँ तेरी हूँ ओ मेहरबान।। ©Kiran Chaudhary तेरे रंग में रंगी हूँ मैं।। #love_shayari
राधा का संगम
White बडे सपने...... बड़े सपने पाने के लिए हर इंसान को सफलता के उन पड़ा वो से गुजरना पड़ता है 1.. पहले लोग मज़ाक उड़ाएगे 2.. फिर लोग साथ छोड़े गे 3... फिर विरोध करे गे 4... फिर वही लोग कहेगे हम तो पहले से जानते थे की तुम एक ना एक दिन कुछ बड़ा करो गे... ©राधे मोहन #बड़े सपने
Dr. Satyendra Sharma #कलमसत्यकी
जब भी उसकी आंखे नम देखता हूँ, खुदा की बेइंतबा सितम देखता हूँ। #कलमसत्यकी ©Dr. Satyendra Sharma #कलमसत्यकी #bicycleride जब भी उसकी आंखे नम देखता हूँ, खुदा की बेइंतबा सितम देखता हूँ। #कलमसत्यकी
Rameshkumar Mehra Mehra
बही हूँ तेरे साथ मैं.... हर पल तेरे पास मैं.......! कभी तेरे ख्बाब में.........!! तो कभी तेरे ख्याल में..........!!! तेरी हर धड़कन में...............!!!! तेरी हर सांस में हूँ........!!!!! मैं हूँ बही.... तेरे करीब.... तेरे पास में.... ©Rameshkumar Mehra Mehra # बही हूँ तेरे साथ मैं,हर पल तेरे पास मैं,कभी तेरे ख्बाब में,तो कभी तेरे ख्याल में,तेरी हर धड़कन में,तेरी हर सांस में,मैं हूँ बही,तेरे करीब,
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
ग़ज़ल :- घर में ही पुन्य कमाने के लिए रहता हूँ । माँ के मैं पाँव दबाने के लिए रहता हूँ ।। दुश्मनी दिल से मिटाने के लिए रहता हूँ । धूल में फूल खिलाने के लिए रहता हूँ ।। शहर में मैं नही जाता कमाने को पैसे । हाथ बापू का बटाने के लिए रहता हूँ ।। जानता हूँ दूरियों से खत्म होगें रिश्ते । मैं उन्हें आज बचाने के लिए रहता हूँ ।। हर जगह जल रहे देखो आस्था के दीपक । मैं उन्हीं में घी बढ़ाने के लिए रहता हूँ ।। कितने कमजोर हुए हैं आजकल के रिश्ते । उनको आईना दिखाने के लिए रहता हूँ ।। कुछ न मिलता है प्रखर आज यहाँ पे हमको । फिर भी इनको मैं हँसाने के लिए रहता हूँ । ११/०३/२०२४ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल :- घर में ही पुन्य कमाने के लिए रहता हूँ । माँ के मैं पाँव दबाने के लिए रहता हूँ ।। दुश्मनी दिल से मिटाने के लिए रहता हूँ । धूल में फूल
Dil galti kr baitha h
जब भी तेरे होंठ मेरे होंठो को छूते है, तो मै बहक जाता हूँ, तेरे प्यार की खूश्बू में खोकर मै और महक जाता हूँ। ©Dil galti kr baitha h जब भी तेरे होंठ मेरे होंठो को छूते है, तो मै बहक जाता हूँ, तेरे प्यार की खूश्बू में खोकर मै और महक जाता हूँ।
Rameshkumar Mehra Mehra
मै भी तेरे बजूद का..... हिस्सा हूँ....... तुमको समझने में शायद जमाने लग सकते है.......! अब अगर गया तो फिर,बापिस ना आंऊगा......!! मत फिर कहना,कि हमनें... कुछ कहां नही था.... ©Rameshkumar Mehra Mehra # मै भी तेरे, बजूद का हिस्सा हूँ....