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Ankur tiwari
White ना करना हैं तार तार ना बिगाड़ने का इरादा है मुझे तो तुझे दुल्हन सा संवारने के इरादा हैं तेरे हाथों में मेहंदी मेरे नाम की लगे बस तुझे उबटन भी मेरे नाम का लगाने का इरादा है तेरे आंखों को चमक यू बनी रहें हरदम तेरे आंखों में काजल सजाने का इरादा हैं ना आएं कभी आंसू किसी भी वजह से तेरे होठों पर मुस्कुराहटे सजाने का इरादा हैं बेपनाह सा इश्क हैं मुझे बेबाक सी तेरी बातें है तेरे इश्क में डूब हो जानें का अब मेरा इरादा हैं तेरे माथे की बिंदियां सितारों सी चमकती रहें तेरी मांग में सिंदूर सजाने का इरादा है ये मत सोच कभी कि पवित्रता भंग करूंगा तेरी तुझे अपनी अर्धांगिनी बनाने का इरादा है @mr_master__sab ©Ankur tiwari #love_shayari ना करना हैं तार तार ना बिगाड़ने का इरादा है मुझे तो तुझे दुल्हन सा संवारने के इरादा हैं तेरे हाथों में मेहंदी मेरे नाम की ल
SR Viraj Sharma
Aman Singh
shamawritesBebaak_शमीम अख्तर
तेरा*विसाल है मुझको *मसर्रतो की तरह,बिछड़के मर ही न जाऊँ,मैं*जांसिता की तरह//१*मिलन*हर्ष *जानलेवा मिटा न डाले कहीं *जुल्मत्तों के सन्नाटे, मेरी हयात में आजा महरबा की तरह/२ *घोर अन्धकार *शाश्वत मेरे फ़सानो के किस्से बहुत रसीले है,के लोग पूछते रहते है,लापता की तरह//३ ये*वहश्तो के तकाजे यहीं पे रहने दो,क्यूं पूछते हो मिरा हाल राजदां की तरह//४ कई दफा तेरे*हुजरे से होके गुजरें है,तेरे दीदार में *खांबिदा की तरह//५ *इबादतगाह *निद्रालु दशा तुम्हारे साथ तो सेहरा में भी मेरे हमदम,ये खिंजा भी मुझे लगती है *गुलसिता की तरह/६ *पुष्पाच्छादित चमन तेरी मसर्रते*आराइयां कहाँ"अख्तर"हो*मयस्सरे विसाल*नौख़ेज़ दास्ता की तरह//७ *संवारने वाला *मिलन*उपलब्ध *नया उत्पन्न/नया नया #shamawritesBebaak ©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर #Nojoto तेरा*विसाल है मुझको *मसर्रतो की तरह,बिछड़के मर ही न जाऊँ,मैं*जांसिता की तरह//१ *मिलन*हर्ष*जानलेवा मिटा न डाले कहीं *जुल्मत्तों के स
Ravendra
Devesh Dixit
महँगाई की मार (दोहे) महँगाई की मार से, हाल हुआ बेहाल। खर्चों के लाले पड़े, बिगड़ गये सुर ताल।। बीच वर्ग के हैं पिसे, देख हुए नाकाम। अब सोचें वह क्या करें, बढ़ा सकें कुछ काम।। फिर भी हैं कुछ घुट रहे, मिला न जिनको काम। महँगाई के दर्द में, जीना हुआ हराम।। चिंतित सब परिवार हैं, दें किसको अब दोष। महँगाई ऐसी बढ़ी, थमें नहीं अब रोष।। विद्यालय व्यवसाय हैं, दिखते हैं सब ओर। शुल्क मांँगते हैं बहुत, पाप करें ये घोर।। मुश्किल से शिक्षा मिले, कहते सभी सुजान। महँगाई की मार है, यही बड़ा व्यवधान।। .......................................................... देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #महँगाई_की_मार #दोहे #nojotohindipoetry #nojotohindi महँगाई की मार (दोहे) महँगाई की मार से, हाल हुआ बेहाल। खर्चों के लाले पड़े, बिगड़ गये
Ravendra
healthy tips
Shilpa yadav
एक प्रतिष्ठित प्रतिज्ञा मां की होती है अपने जीवन काल में वह केवल अपनी संतानहित हेतु कई कठिनाईयों से होकर गुजरती है अनवरत विकास की ओर उसकी संतान उन्मुख हो सिर्फ यही चाहती हैं।। मां का लाड दुनिया का वह रत्न जो समस्त मनुष्य को मिलता है हां उन्हें जिनको मां का प्यार नहीं मिलता शायद कहना उचित नहीं परंतु सच में उनको भी अत्यंत कमी महसूस होती है, आज का युवा वर्ग मां के एहसास को समझना नहीं चाहता लेकिन जीवन की पराकाष्ठा तो मां के पेरों में है अगर समय मिले तो कभी मां के पैरों के संग हाथों को चूमना और उन्हें भी गले लगाना क्योंकि दुनिया की हर एक मां बस यही चाहती है मां मेरी भी है और ऐसा दुनिया में मैं कहीं भी रहूं पर मैं बस यही चाहती हूं कि मां का हाथ मेरे सिर पर यूं ही रहे आशिर्वाद के रूप में और मैं उनके आंचल में अपने सुख दुख को उनके संग ही रहूं।। ©Shilpa yadav #snowpark #motherlove#एक प्रतिष्ठित प्रतिज्ञा मां की होती है अपने जीवन काल में वह केवल अपनी संतानहित हेतु कई कठिनाईयों से होकर गुजरती है अनव