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Sudrshàn Gupta
White || अध्याय - 1 || - गरुड़ पुराण पक्षिराज गरुड़ ने भगवान् विष्णु से निवेदन किया , " हे प्रभु , मैं ने तीनों लोकों का भ्रमण करने के बाद उस में रहने वाले लोगों को देख कर, यह निष्कर्ष निकाला, कि वह सभी दुखों में ही डूबे रहते हैं। मेरा अंत:कर्ण पीड़ा से भर गया है । स्वर्ग में दैत्यों की शत्रुता से भय है । पृथ्वी लोक में मृतु , रोग तथा अभिषित वस्तु के वियोग से। पाताल लोक में रहने वाले नाग आदि को मेरे भय से दुःख बना रहता है । " ~ लोक कल्याण के लिए , गरुडा दुआरा पूछे गये प्र्शोनों का ,भगवान् विष्णु दुआरा सामाधान का सार इस पुस्तिका के माध्यम दुआरा पेश करने का प्रयत्न किया गया है। ~ पक्षी राज गरुड़ भगवान विष्णु जी से पूछते हैं - हे प्रभु , आप यह बताने की कृपा करें कि :- 1- प्राणी कैसे मरता हे और मरने के बाद कहाँ जाता है । 2- मर्नास्संन व्यक्ति को किस कारण , पृथ्वी पर सुलाया जाता है। 3- उस के नीचे कुश और तिल क्यों बिछाए जाते हैं । 4- उस के मुख में पंचरत्न कियों डाला जाता है । 5- मृत्यु के समय गोउ दान , अनन्य वस्तुओं के दान क्यों दिया जाता है । 6- उस समय प्राणी आतिवाहिक शरीर कैसे प्राप्त करता है । 7- अग्नि देने वाले पुत्र -पौत्र उसे कंधे पर क्यों ले जाते हें । 8- शव में घृत का लेप क्यों किया जाता है । 9- शव के उत्तर दिशा में "यम सूतक " का पाठ क्यों किया जाता है । 10- मरे हूए व्यक्ती को पीने के लिए जल , एक ही वस्त्र धारण करके क्यों दिया जाता है । 11- शव का दाह - संस्कार करके , उस व्यक्ति को अपने परिजनों के साथ बैठ कर भोजन आदि क्यों नहीं करना चाहिय । 12- मृत व्यक्ति के पुत्र दसवें दिन के पहले , किस लिए 9 पिंडों का दान देते हें । 13- शव का दाह - संस्कार तथा उस के अनन्तरजल तर्पण की क्रिया क्यों की जाती है । 14-किस विधान से पित्तरों का पिंड दान देना चाहिए । 15- उस पिंड को स्वीकार करने के लिए उन का आवाहन कैसे कि ©Sudrshàn Gupta #love_shayari गरुड़ पुराण कि महिमा
#love_shayari गरुड़ पुराण कि महिमा #भक्ति
read moreN S Yadav GoldMine
{Bolo Ji Radhey Radhey} सहस्र चंडी यग्न :- 📜 सत्ता बल, शरीर बल, मनोबल, शस्त्र बल, विद्या बल, धन बल आदि आवश्यक उद्देश्यों को प्राप्ति के लिए सहस्र चंडी यग्न का महत्व हमारे धर्म-ग्रंथों में बताया गया है। इस यग्न को सनातन समाज में देवी माहात्म्यं भी कहा जाता है। सामूहिक लोगों की अलग-अलग इच्छा शक्तियों को इस यज्ञ के माध्यम से पूरा किया जा सकता है। अगर कोई संगठन अपनी किसी एक इच्छा की पूर्ति या किसी अच्छे कार्य में विजयी होना चाहता है तब यह सहस्र चंडी यग्न बेहद महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। असुर और राक्षस लोगों से कलयुग में लोहा लेने के लिए इसका पाठ किया जाता है। 📜 मार्कण्डेय पुराण में सहस्र चंडी यग्न की पूरी विधि बताई गयी है। सहस्र चंडी यग्न में भक्तों को दुर्गा सप्तशती के एक हजार पाठ करने होते हैं। दस पाँच या सैकड़ों स्त्री पुरुष इस पाठ में शामिल किए जा सकते हैं और एक पंडाल रूपी जगह या मंदिर के आँगन में इसको किया जा सकता है। यह यग्न हर ब्राह्मण या आचार्य नहीं कर सकता है। इसके लिये दुर्गा सप्तशती का पाठ करने वाले व मां दुर्गा के अनन्य भक्त जो पूरे नियम का पालन करता हो ऐसा कोई विद्वान एवं पारंगत आचार्य ही करे तो फल की प्राप्ति होती है। विधि विधानों में चूक से मां के कोप का भाजन भी बनना पड़ सकता है इसलिये पूरी सावधानी रखनी होती है। श्री दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से पहले मंत्रोच्चारण के साथ पूजन एवं पंचोपचार किया जाता है। यग्न में ध्यान लगाने के लिये इस मंत्र को उच्चारित किया जाता है। ©N S Yadav GoldMine #navratri {Bolo Ji Radhey Radhey} सहस्र चंडी यग्न :- 📜 सत्ता बल, शरीर बल, मनोबल, शस्त्र बल, विद्या बल, धन बल आदि आवश्यक उद्देश्यों को प्राप्
AwadheshPSRathore_7773
Vishnu Bhagwan जीव मात्र में एक ही परब्रह्म परमात्मा बैठा है। जीवन की,जीव मात्र की एक ही विश्वसनीय कालजयी सनातनकालीन भाषा है प्रेम... प्रेम... प्रेम। प्रेम का दूसरा रूप ही प्रभु श्री कृष्ण जी है अगर आप जीवन में अपने परिवार के सभी सदस्य के साथ मीठा बोलकर मिलकर प्रेम से अपना जीवन बिताते है तो समझ लीजिए दूर बैठे उस खाटू नरेश प्रभु श्री श्याम का आशीर्वाद आपको सतत प्राप्त हो रहा है तभी तो खाटू श्याम प्रभु के मंदिर में भक्तों की भीड़ यूँ ही नहीं दिनों दिन बड़ती जा रही है मूल में वही प्रेम ही है वहां भी और जो अपनी कश्ती खाटू वाले के भरोसे छोड़ देते हैं 👍 तुफान भी उनको लाकर किनारे पर छोड़ देते हैं । 🌹 जय श्री प्रभु खाटू श्याम नरेश की 🌹 ©AwadheshPSRathore_7773 #vishnubhagwan विष्णु पुराण/शिव पुराण और प्राचीन काल में एक कल्याण नाम की बड़ी धार्मिक पुस्तक चलती थी मेरी माताजी के पास आज भी रखी है बहुत प
#vishnubhagwan विष्णु पुराण/शिव पुराण और प्राचीन काल में एक कल्याण नाम की बड़ी धार्मिक पुस्तक चलती थी मेरी माताजी के पास आज भी रखी है बहुत प #समाज
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