Nojoto: Largest Storytelling Platform

New वीरगाथा काल के कवि हैं Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about वीरगाथा काल के कवि हैं from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, वीरगाथा काल के कवि हैं.

Krisswrites

फरीदाबाद के बीके अस्पताल के बाहर कई दिनों धरना पर बैठे हैं बाबा चाहते हैं की छोटी-मोटी बीमारियों के लिए ना किया जाए दिल्ली रेफर

read more

Shailendra Anand

भक्ति सागर कवि शैलेंद्र आनंद

read more
रचना दिनांक। 4,, दिसंबर,,2024,,
वार   बुधवार 
समय सुबह  पांच  बजे
्््भाव से काम कर रहे वह आज चेहरे पर मुस्कान लिये अधरो की मुस्कान बने,, 
यही मेरी स्वरचित कविता भाव में स्थित सोच पर जिंदगी में,
 एक स्वर पुकार नाद प्रेम शब्द ही आनंद है ्््
््निज विचार ््
्भावचित्र ्
भावचित्र में सनातन वैदिक विचारधारा शाश्वत सत्यता पर
ख्यालात अपने विचार व्यक्त आस्था प्रकट कर सकते हैं ्
वर्तमान समय में जिस प्रकार निराकार साकार लोक में भ़मण करते हुए
ईश्वर रुप में भारतीय नागरिक मतदाता होने पर एक दिलचस्प बात यह है,
देश में अवाम में खुशहाली आती है तो देश आगे बढ़ेगा
और आज हमारे देश में केन्द्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा आयोजित सेवा में समर्पित करिष्यामि नमन वन्दंनीय है,,
्््भावचित्र है मां गौमाता को राष्ट्रीय पशु घोषित कर सकल 
सनातन विचार सच में एक जीवंत प्रयास करें ,,
यही भाव से मेरी स्वरचित रचना में मालवी भाषा में, कुछ लिखने का प्रयास किया गया है ्शीर्षक ्
मनुज जणम जोणि में धरम करम का रोणा में,
रौवे जींव जगत का‌ मैला ढोने लाग्या रै््।।1।।
।म्हणे मनुज जणम पायोजी मैंने,,
थाके सेवाणी गौवंश गौसेवा में,
 सजल नयन अश्रुजल से,नहलायो तन मन को।।2।।
चौरासी लख जणम जोणि में,,
पण मण धण में जींव म्हारो असो लांगे।।3।।
माणो गौरक्षधाम प्यारों श्याम सुंदर णे ,
माखण मिश्री की मटकी फोड़ी,
ग्वाल धेनूबाल संग वन में रोटीयां से ,
माखण सब कुछ,बांटचुटकर खावी जावे।।4।।
तण मण जोगण बरसाणा में,,
लागी लगण राधिका श्याम में।।5।।
मण धण में जींव म्हारो घट में,,
लुफ्त है प्राण असो प्यारो लांगे रै।।6।।
मण आंन्दणो जाणो माणो,,
गौरक्षधामणो में पंछी बणके,
रचिया बसिया चुगणा लाग्या।।7।।
प्रेम भक्ति का दाणा चुगिणे ,,
चाल्या अपणा अपणा घोंसला में।।8।।

््कवि शैलेंद्र आनंद ्
4, दिसंबर 2024,,

©Shailendra Anand  भक्ति सागर
                  कवि शैलेंद्र आनंद

Shailendra Anand

भक्ति सागर कवि शैलेंद्र आनंद

read more
रचना दिनांक 3 दिसम्बर 2024
वार  मंगलवार
समय सुबह दस बजे
््भाव रस से भावचित्र ््
्निज विचार ्
्््छाया चित्र में दिखाया गया जिसे हम इस नश्वर शरीर में
 प्राण वायु और पंचतत्व से बना हुआ प्राणतत्व में
माया मोह में फंसे हुए जीवन में कर्मलीला कर्मशील नायक बम्हदेव वरदानित 
भाव है क्या देव असुर, यक्ष, किन्नर, गन्धर्व, मनुज देह है प्राण गंवाए है मारिच असूर सर्वग्य भाव में निश्चल सत्य अदृश्य शक्ति दिव्यता कोटीश्यं प्रमाणितं
 ब़म्हकर्मसाक्ष्य मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम है ््
्््
,,निज मानस स्वरचित है भावचित्र स्वज्ञान है,,
़््
कंचन मृग मारिच असूर,मन हरण,
सियाजानकी रघुराज लीला करत ,मारिचप्रान  अधार करंहि,,
 लखन राम राम उच्चारण ही हरण,शरण, 
दासहनुं््यमदूत शोकविनाशमं काल है,।।
छल माया मोह ््मद सब धर्मों में,
भेद नहीं भाव नहीं है,
सब कर्म भूमि पर जातक जींवजीवाश्म प्राणी में ,
प्राण वायु सब कुछ एक है,,
््कवि््शैलेन्द़ आनंद ््
3,, दिसंबर 2024,,

©Shailendra Anand  भक्ति सागर
         कवि शैलेंद्र आनंद

Nurul Shabd

#महिलाएं #हमेशा #दूसरों के आंसू पोंछती हैं #motivate

read more

Ravendra

महा काल उज्जैन नगरी का मंदिर

read more

Nurul Shabd

Shailendra Anand

शायरी दर्द ्््््कवि शैलेंद्र आनंद

read more
रचना दिनांक,,16,, नवम्बर 2024
वार। शनिवार
समय। सुबह पांच बजे
््निज विचार ््
्््भावचित्र ्््
्््शीर्षक ्््
 ्््ऐ नज़र ््््निजविचार्भावचित्र ्
  ्शीर्षक ्
ऐ नज़र 
     बड़े खुश नसीब है वो,,
     जो अपने होते नहीं देख सकते थे।।1।।
    जिन्हें अपना कहते थकते नहीं थे,,
    वो लफ्जो से आस्तीन के सांप बन गये।।      
     देखें सपनो में खो गए ऐ नज़र,,
     वो लफ्जो का नूर काफ़िर बन गया।।3।।
     कहने को परखना तन मन नहीं,,
     ये पूतला माटी का नही है।।4।।
      ये इबादत अकीदत पेश किया गया,,
      मेरे हजूर नबी की खिदमत में पेश है।5। 
      ये अल्फाज़ नगीना है नूर है,,
      ये साफ़ आयना मेरे ज़िगर से है।6।
        ये ईमान लिखूं या प्रेम की हकीकत,,
        ऐ नज़र इश्क में जो कुछ लिखा गया,, 
         वो मतला तेरे ख्यालों का,,
         ये नूर ए नज़र रुहानी जिंदगी का।7।
          यूं ही पत्थरों को तराशते रहे,, 
         किसी कि याद में  जिंदगीसवार दी।8।
            ्््कवि््शैलेन्द़ आनंद ््                
            किसी की यादों में हम दिलों सए

©Shailendra Anand  शायरी दर्द
्््््कवि शैलेंद्र आनंद

Ashvani Awasthi

#good_night कवि अश्वनी अवस्थी

read more
White गम सारे दिल के पिए जा रहे हैं 

तन्हाइयों से लड़े जा रहे हैं।

खुद ही ज़ख़्म हमने दिल को दिए है

खुद ही ज़ख्म को सिले जा रहे हैं ।।

©Ashvani Awasthi #good_night कवि अश्वनी अवस्थी

Mohammad Ibraheem Sultan Mirza

Uttam Bajpai

शायरी लवआंखें हैं कि मैं खाने के दरवाजे खुले हैं।

read more
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile