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Rakesh Dwivedi
तुम पागल चिड़िया… मैं दीवाना भंवरा हूँ… तुम डाल-डाल… मैं पत्ता-पत्ता हूँ… तुम कूकती कोयल सी… मैं गुंजन करता भंवरा हूँ… तुम प्यासी धरती हो… मैं प्रेमी बादल हूँ… तुम प्यार बरसाने वाली राधा हो… तो मैं गोकुल का कान्हा हूँ… तुम प्रेम की नदियाँ हो… तो मैं अथाह प्रेम का सागर हूँ… ©Rakesh Dwivedi तुम पागल चिड़िया… मैं दीवाना भंवरा हूँ… तुम डाल-डाल… मैं पत्ता-पत्ता हूँ… तुम कूकती कोयल सी… मैं गुंजन करता भंवरा हूँ… तुम प्यासी धरती हो…
Pnkj Dixit
👰🌷💓💝 तुम इतना भी नादान नहीं हो जितना तुम को समझूं मैं पागल प्रेमी आजाद परिंदा मन की चितवन समझूं मैं तुम मृगनयनी गजगामिनी प्रभात कुमुदिनी मनमोहिनी मन हर्षाती ,हिमकणिका , प्रेम की उत्पत्ति समझूं मैं तुम प्रेम कपोत, कूकती कोयल, प्रेम मरीचिका श्वेत हिम शिखर घुमड़ती बदरी प्रेम सागरिका समझूं मैं प्रियतमा तुम प्राणदायनी हृदयवासिनी जीवन गंगा स्वर्गिक सुख मन की मूरत जीवन संगिनी समझूं मैं ०६/०५/२०१९ 🌷👰💓💝 ...✍ कमल शर्मा'बेधड़क' 👰🌷💓💝 तुम इतना भी नादान नहीं हो जितना तुम को समझूं मैं पागल प्रेमी आजाद परिंदा मन की चितवन समझूं मैं तुम मृगनयनी गजगामिनी प्रभात कुमुदिनी म
Pnkj Dixit
AK__Alfaaz..
उसके प्रेम के, विरह की सर्दियों में, हृदय की भूमि पर, जमीं उम्मीद की बर्फ, उसकी, सुलगती देह के अलाव की, गर्माहट ढूंढ रहीं थीं, हथेलियां उसकी, कुछ शब्द, आहटों की चादर ओढ़, उस तक कभी नही आये, वो..मौन मे, रूपांतरित हो, दिल के अहाते मे लगी, #पूर्ण_रचना_अनुशीर्षक_मे #कादंबरी उसके प्रेम के, विरह की सर्दियों में, हृदय की भूमि पर, जमीं उम्मीद की बर्फ,
AK__Alfaaz..
आज जिंदगी तुझसे कुछ कहना है, उन प्रेम प्रतीकों से कुछ कहना है, शमशानों मे जलती चिताओं से कुछ कहना है, राख बन गयी हड्डियों की..जो जलकर, उन अस्थियों से कुछ कहना है, कि जलती लपटों से अपनी, सिर उठाकर कुछ तो बोलो, और प्रेम की पुस्तक का, कोई नया कोरा पन्ना खोलो..। अमीरी का एक बच्चा जो एक दिन रोता है, अखबार सारा उसे हँसाने मे उमड़ पड़ता है, गरीबी के बच्चे का ग़म समझता है कौन, वो तो हर पल बिलखता -सिसकता है, चौराहे अपनी फटी मिलकियत बटोरे, सँवारते हैं इनके सपने, रोज पैरों तले रौंदी जाती है जो, आबरू अपनी बचाती है जो, दर्द से कराहती उन सड़कों पर, गुजरता है इनका बचपन..। -AK__Alfaaz.. पूर्ण रचना अनुशीर्षक मे है.. रचना थोड़ी लम्बी है इसलिए कृपया ध्यान से पढ़ें और भावों को समझें..🙏 #एक_जिंदगी_और.. आज जिंदगी तुझसे कुछ कहना है