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Lokesh Chouhan
चंदा रे चंदा रे चंदा रे तेरी सुरतिया मन मोह गयी रे तुझे देखे कभी हम कभी तुझमें देखे उनको ऐसी छाप नज़र छोड़ गयी रे हाय चंदा रे,,,,,,,,, कभी तू दर्पंन सा लागे दिखाये सूरत कई कभी तेरी प्यारी सुरतिया पे काला टीका सुहाय तेरी नटखट अदाये लाखों को रिझाए ये दिल तोड़ गयी रे चंदा रे,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, ©Lokesh Chouhan चंदा रे तेरी सुरतिया poetry by lokesh chouhan #moonbeauty #nojohindi #nojot #nojotashayari #nojotopoetry #chanda_re_teri_suratiya #lokeshch
Himanshu Prajapati
नींद नईखे आवत बांटे कटत बा ना रतिया हो, तीन दिन से मरले बा मतिया हो पता नहीं कौन सुरतिया हो..? ©Himanshu Prajapati #GateLight नींद नईखे आवत बांटे कटत बा ना रतिया हो, तीन दिन से मरले बा मतिया हो पता नहीं कौन सुरतिया हो..?
कवि राहुल पाल 🔵
2 Years of Nojoto हुए हम जिनके लिए बर्बाद , वो समझे हमको यूरिया खाद ! फिर भी फ़ोन पे हम उनसे बतियाये जायेंगे , ये जान रहे है जबकि हम लतियाये जाएंगे ।। जबसे देखी उनकी सुरतिया खुद से हम हो गए है दूर , जबसे जेब हुई कंगाल चन्दा मागे पे हम हुए मजबूर ! फिर भी उनको फटफटिया पे ऐसे घुमाये जाएंगे ये जान रहे है जबकि हम गरियाये जाएंगे ये जान रहे है जबकि हम लतियाये जाएंगे•• #हुए_हम_जिनके_लिए_बर्बाद , #वो_समझे_हमको_यूरिया_खाद ! फिर भी फ़ोन पे हम उनसे बतियाये जायेंगे , ये जान रहे है जबकि हम लतियाये जाएंगे ।। जबसे द
Suchita Pandey
#मेरे कान्हा मेरे 'कान्हा' की मोहक है 'सुरतिया' जिनने देखु हज़ार मनमोहक सी लगे हर बार दिल खोता जाता है.. इन नैनन मे बसें हैं 'बाँकेबिहारी' जिनके नैनन है कजरारी, लगे बड़ी प्यारी, दिल खोता जाता है.. मेरे कान्हा की प्यारी सी 'हथेलियाँ ' जिनमें मेहँदी लगीं है, लाल लाल, खिले हर बार, दिल खोता जाता है.. बड़ी मोहक है 'बाँसुरिया' मेरे बँसीबजईया, मधुर सी है तान, बजाये हर बार, दिल खोता जाता है.. मेरे कान्हा की प्यारी सी 'कुण्डलियाँ ' जिनमे जड़ें हैँ सितार, रुन झुन सी तान, सुहाना लगे हर बार, दिल खोता जाता है.. ।।श्री राधे।। "मेरे कान्हा" मेरे 'कान्हा' की प्यारी सी 'सुरतिया' जिनने देखु हज़ार मनमोहक सी लगे हर बार दिल खोता जाता है मेरे कान्हा की प्यारी सी
Chanchal Jaiswal
ई हौ रजा बनारस देखा आसमान पर छायल हौ केसरिया केसरिया सूरज मन अंगने में में आयल हौ कोई छते पे कोई दलाने कोई पार्क कोई मैदाने में अपन अपन गुड्डी लेके सब गजबे इतरायल हौ सद्धी, डोरी, चौउआ देखा अंटा, मांझा धार धरायल हौ लड़कन बच्चन छोटकन बड़कन सबकर मन उतरायल हौ बंसी क छोटका लड़का भी अपन पतंग लियायल हौ ढील के दा बाबा हमहुंके देखा कईसन जीदियायल हौ मन्दिर मस्जिद के छत से केतना पतंग ढीलायल हौ पूजा अउर प्रार्थना क रंग उमंग डोर बन्धायल हौ धरती क सब मसला देखा आसमान तक आयल हौ (बाकी कविता caption में पढ़ें) ई हौ रजा बनारस देखा आसमान पर छायल हौ। केसरिया केसरिया सूरज मन अंगने में आयल हौ। कोई छते पे कोई दलाने कोई पार्क कोई मैदाने में अपन अपन गुड्डी
Rupam Jha
कतय हेरायल ढेंगा-पानी आ कतय चोरा-नुकी क खेल, कतय गेल ओ धप्पा-धुप्पी आ कतय हेरायल पोसम्पा क रेल, कबड्डीयो नै खेलै आब बच्चा,इ कोन कलजुग भेल, फोने म खेल ताकी लेलक ,छूटल नेना-भुटका क सँझुका मेल, कतय चली गेल माटिक चूल्हा परहक भोजन-भात, ओय भोज्य क वर्णन की करब,अहा!गजबे होय छल स्वाद, चिनबारक चूल्हा-चेकी बिला गेल,भेल गैस-सिलिंडरक साथ, विलुप्त भ गेल सबटा संस्कृति,उफ! कतेक नमहर छैक आधुनिकताक हाथ, डहि गेल सबटा खर क घर,बदैल गेल देहातक हालात, बड़का-बड़का इमारत बनि गेल,बढ़ि गेल सबहक आब बिसात, नै जैत अइछ आब कियो कलम-गाछी,नै रहल ओ पहुलका बात, बूढ़-पुराण सँ लय बच्चा-बुदरुक सब अपने मँ मग्न रहै छैथ,केने रहै छैथ सब क कात, कोनाक नेनाक हड्डी मजगूत हेतै,जँ नै वो अपन मैट पर लोड़ीयैत, नून-रोटी क जगह पिज़्ज़ा-बर्गर ल लेलकै,स्वास्थ्य पर होयत अछि वज्रनिपात, कंसारक चूड़ा-मुरही निपत्ता भेल,फास्ट-फूड लगौने अछि सब पर घात, खेती-पातीं चौपट भ गेल,बदैल गेल सबटा हालात, शहर बनेता गांव क सब मिल,नै जानी की छैन ग्रामीणक जज्बात, शहर बनबैक सपना त नहिये पुरतैन,धोता गाम सँ सेहो हाथ!! गामक वर्णन की करब गाम त होइते अछि अमूल्य(ओना प्रयास केने छी अयि स पहुलका पोस्ट म गांव क वर्णित करै क)मुदा आब बहुत तेजी सँ बहुत किछु बदैल रहल
Unconditiona L💓ve😉
अभि बहना क्यों दिल मे समाहित हो प्यारी ❤😊 ओं मोरी डॉल डॉल ❤❤🤗🤗 Archana Shukla✍️ मेरी प्यारी अभि बहना मुझे और नज़र ना आएं तेरी ममता कि भोली सुरतिया
Pratibha Tiwari(smile)🙂
कसम की कसम है कसम से कसम की कसम है कसम से है ये अकथ्य कितना प्रेम है तुमसे मेरा सुख चैन सब है बस तुमसे तुम्हारे गुण हैं वर्णनातीत बस साथ रहना हमेशा मनप्रीत ज़िंदगी तेरे संग हो व्यतीत मुझे जान कर क्या करना तेरा अतीत जिसको कह तुम भी हो जाओ व्यथित बस हम गाए प्रेम के ही गीत तेरे यादों के सहारे न रह पाऊंगी जो तू होगा तो लिपट रो पाऊंगी कभी जो तू रूठा तो फिर मनाऊंगी माना बाधाएँ हैं कुछ विशेष पर सामने अपने बचेंगे एक न शेष जब साथ हैं नारायण ,गौरी और महेश कसम की कसम है कसम से है ये अकथ्य कितना प्रेम है तुमसे मेरा सुख चैन सब है बस तुमसे तुम्हारे गुण हैं वर्णनातीत बस साथ रहना हमेशा मनप्रीत ज़िंद