Find the Latest Status about रोबर्ट थे डॉल from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, रोबर्ट थे डॉल.
- Arun Aarya
उसके साथ जीने को आमादा थे हम , मग़र उसके लिए महज़ प्यादा थे हम ! उसे पसंद थी जायदाद वाले लड़के ,, पर उन लड़कों के आधे के आधा थे हम..!! - अरुन आर्या ©- Arun Aarya #BuildingSymmetry #आधा थे हम
#BuildingSymmetry #आधा थे हम
read moreMubarak
White हलातो ने खो दी है चेहरे की मुशकान वरना जहां बैठते थे वहां रोंनक लादिया करते थे 💞 ©Mubarak #GoodNightहलातों ने खो दी है चेहरे की मुस्कान वर्णना जहां बैठते थे वहां रौंनक लादिया करते थे
#GoodNightहलातों ने खो दी है चेहरे की मुस्कान वर्णना जहां बैठते थे वहां रौंनक लादिया करते थे
read moreAbdhesh prajapati
White सर मैं बुरा बना दिया है, वरना एक समय हम भी सबको अच्छे लगते थे ©Abdhesh prajapati अच्छे लगते थे
अच्छे लगते थे
read moreShiv Narayan Saxena
. . . अब कम नहीं थे. ©Shiv Narayan Saxena #सुप्रभात अब कम नहीं थे hindi poetry
#सुप्रभात अब कम नहीं थे hindi poetry
read moreशान-ए-शब
White हम तो उनके लिए खास थे ! हाय.......कैसे ये वहम भरे, मेरे ख़्वाब थे ! ©शान-ए-शब #good_night सब मेरे ख़्वाब थे 🙏🏻
#good_night सब मेरे ख़्वाब थे 🙏🏻
read moreShiv Narayan Saxena
White अकेले थे तो अकेले होने के सिवा ग़म नहीं थे ख़ुश तो उसके साथ भी नहीं रहे 'शौक' उसके जाने के बाद अकेले तो फिर हुए उसकी यादों के ग़म कम नहीं थे. ©Shiv Narayan Saxena #GoodNight अकेले थे . . . . poetry in hindi
#GoodNight अकेले थे . . . . poetry in hindi
read moreअनिल कसेर "उजाला"
ज़िद में अपनी हम अड़े थे, प्यार की दो राह में खड़े थे। हासिल कुछ भी न हुआ हमें, जाने क्यों अपनों से लड़े थे। सुना था अंधे होते हैं प्यार में, जहाँ से चले वहीं पे खड़े थे। अपनों की हमें सुना ही नहीं, इस लिए छोड़ वो चल पड़े थे। ठोकरों से जो बचाते रहें हैं, उन्हीं के कारण हुए बड़े थे। ©अनिल कसेर "उजाला" अड़े थे
अड़े थे
read moreParasram Arora
White वे भी क्या दिन थे ज़ब मै ठहाके मार कर हँसा करता था बिना शिकायत के जिंदगी बसर करता था छोटे छोटे खबाब देख कर जिंदगी के दिन काट लिया करता था रफ्ता रफरता वक़्त गुजरता गया और बचपन पीछे छुटता गया और मै जवान होता गया ©Parasram Arora भी क्या दिन थे
भी क्या दिन थे
read morePraveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी घुटन कियो लिबासों में हो रही है फेशनो के नाम पर नंगेपन की नुबायस हो रही है सादगी अंगों की बनी रहे सभ्यताओं के कपड़े पहनाये थे लगता है बाजारू रुख असभ्यताओ को निमंत्रण दे रहा है फले फूले बाजार,कट लिबास कर अंगप्रदर्शन को तज्जबो दे रहा है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #chaandsifarish सभ्यताओं के कपड़े पहनाये थे
#chaandsifarish सभ्यताओं के कपड़े पहनाये थे
read more