Nojoto: Largest Storytelling Platform

New लहू अंकुश Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about लहू अंकुश from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, लहू अंकुश.

Stories related to लहू अंकुश

BANDHETIYA OFFICIAL

#Thinking #सवाली 'हिंदी कोट्स' गोल्डन कोट्स इन हिंदी फ्रेंडशिप कोट्स गुड मॉर्निंग कोट्स मोटिवेशनल कोट्स Omprakash Bhati Narendra Sonkar D

read more
White  
एक दो तीन का जवाब नौ दो ग्यारह है,
हर हाल में सवाली का विरोधी से पौ बारह है।

©BANDHETIYA OFFICIAL #Thinking #सवाली  'हिंदी कोट्स' गोल्डन कोट्स इन हिंदी फ्रेंडशिप कोट्स गुड मॉर्निंग कोट्स मोटिवेशनल कोट्स Omprakash Bhati  Narendra Sonkar  D

BANDHETIYA OFFICIAL

#Thinking #फूल न दिया। शायरी लव स्टोरी लव स्टेटस लव लव शायरी हिंदी में शायरी लव रोमांटिक लहू सारुक Narendra Sonkar Omprakash Bhati jakir

read more
White तुमसे फूल मांगा था,
सोचूं, फिजूल मांगा था।
दिया न दिया,दी सोच -
ऊल जलूल मांगा था।
पूजा सोच से करूं,
क्या माकूल मांगा था?

©BANDHETIYA OFFICIAL #Thinking #फूल न दिया। शायरी लव स्टोरी लव स्टेटस लव लव शायरी हिंदी में शायरी लव रोमांटिक लहू सारुक  Narendra Sonkar  Omprakash Bhati  jakir

BANDHETIYA OFFICIAL

#Thinking #मोहताज ऐसा भी! लव लव कोट्स लव शायरियां लव शायरी हिंदी में लव शायरी Dil se duniya tak jakir chaudhary लहू सारुक Narendra Sonkar

read more
White जिससे लगता है के, सवाली होना चाहिए,
उससे सवाल कर नहीं सकते।
संतोष इसका है, जवाब के मोहताज न हम,
ये न कि मलाल कर नहीं सकते।

©BANDHETIYA OFFICIAL
  #Thinking #मोहताज ऐसा भी! लव लव कोट्स लव शायरियां लव शायरी हिंदी में लव शायरी Dil se duniya tak  jakir chaudhary  लहू सारुक  Narendra Sonkar

theABHAYSINGH_BIPIN

#erotica उतार दो अपने बदन की हरारत मुझ पर, इस सर्द दिसंबर को जून कर दो। लहू में बसा है अब तेरा शरारत का सफर, मेरे ख्वाबों को शोलों सा सुलग

read more
उतार दो अपने बदन की हरारत मुझ पर,
इस सर्द दिसंबर को जून कर दो।
लहू में बसा है अब तेरा शरारत का सफर,
मेरे ख्वाबों को शोलों सा सुलगा दो।

जाग रहा है इश्क़ का कबूतर खत पर,
तेरे अंगों की महक में बिखेर दो।
मेरे होठों पे उकेर, अपनी सासों की लकीर,
इस रात को मुझे अपने बदन में बसा दो।

भड़क रही है आग तेरे बदन की लहरों में,
तेरी छुअन से हर नस को झुलसा दो।
कबसे क़ैद है इश्क़ का ये सिपाही,
अपने कोमल स्पर्श से आज़ाद कर दो।

हर सांस तेरे रिदम से बंधी है अब,
तेरे बदन की नर्म लकीरों में खो जाने दो।
हवाओं में मिलकर जलते हुए इन लम्हों को,
मेरी हर शरारत को ख़ुद में समा लो।

©theABHAYSINGH_BIPIN #erotica 

उतार दो अपने बदन की हरारत मुझ पर,
इस सर्द दिसंबर को जून कर दो।
लहू में बसा है अब तेरा शरारत का सफर,
मेरे ख्वाबों को शोलों सा सुलग
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile