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साहस
संपन्नता तो वास्तु है,जो सपनों और अपने धर्मों से पाई जाती है।। प्रशन्नता पहले से निर्मित कोई वस्तु नहीं... जो अपनों और अपने कर्मो से आती है..!! #YourQuoteAndMine Collaborating with Gautam Kothari
रोली रस्तोगी | ~a_girl_inkings_her_emotions
........................ ©रोली रस्तोगी | ~a_girl_inkings_her_emotions Date of ✍️ 16/12/22 🙂 सुनो ये जो उम्मीद है न ये बस उन्हीं से होती जो हमें विश्वास दिलाते हैं कि हम उनसे हमेशा उम्मीद रख सकते हैं पर ये वही
Sudha Pandey
स्वच्छ हृदय से मैं माँ को ध्याऊँ,नव दिन रहूँ उपवास! माता के नव रुप ,में सिर्फ करूणा का वास!! नहीं है माँ कोई धन और दौलत , ना ही ज्ञान भंडार! सरल हृदय से मैं माँ को ध्याऊँ, बनूँ चरणों की दास!! मन क्रम वचन से जो माँ को ध्यावे,अखंड दीप रखे जलाए! सिर पर माँ का हाथ रहे, कभी बाल ना बांका होए!! नव कन्या का जो पुजन करे, चरणों में शीश झुँकाए! होती माँ प्रशन्न भक्तों पर सब कार्य सिद्ध हो जाए!! ©Sudha Pandey स्वच्छ हृदय से मैं माँ को ध्याऊँ,नव दिन रहूँ उपवास! माता के नव रुप ,में सिर्फ करूणा का वास!! नहीं है माँ कोई धन और दौलत , ना ही ज्ञान भंड
Unconditiona L💓ve😉
ओ साँवरिया तुम घर आए.. ❤️मेरे कृष्ण प्रिय ❤️ देखन से तुझको नैना भर आए ओ साँवरिया तुम घर आए..!! पग-पग तेरे आंगन छाए ओ साँवरिया तुम घर आए..!!
ALOK Sharma
सर्वप्रथम हम आज को समझने के लिए अपने अतीत और भविष्य को समझने का प्रयास करेंगे।आज अर्थात अभी इसी वक्त, बाकी सब भूत और भविष्य है। अतीत वो है ज
Unconditiona L💓ve😉
प्रकृति संसार के सौन्दर्य की रानी है, हर स्त्री अपने अपने घर की महारानी है । जगत में प्रकृति की छवि न्यारी है, महतारी अपनी सबको लगती प्यारी है। कुदरत के खेल में हम खो जाते है, माँ की गोद में सभी बच्चे बन जाते हैं। प्रकृति वसन्त में फूलों के रूप में सजती है, वह तब सोलह श्रृंगार किए दुल्हन लगती है । प्रकृति हँसती है नैसर्गिक हँसी आ जाती है, माँ की मुस्कान से बच्चे किल्कारी आती है । प्रकृति मानव के लिए सब कुछ दे देती है, माता परिवार के लिए अपना जीवन लगा देती है। प्रकृति समस्त संसार का आधार है, महिला सम्पूर्ण परिवार का मूलाधार है। आओ स्त्री और प्रकृति का सम्मान करना सीख ले, कुछ पाने के लिए निस्वार्थ सेवा करना सीख ले । पतिव्रता जगत में कहलाती महान सच्चरित्र से पाती वह अपनी पहचान । सीता मैया को कौन नहीं जानता, राम संग रही सदैव वह वन भी जाता । राधा के अलौकि
Kumar.vikash18
हमारी बिटिया READ IN CAPTION 👇 हमारी बिटिया हर दिन की तरह आज भी तड़के मैं सैर पर निकला, और दिनों की तरह आज भी मेरी श्रीमती जी मेरे साथ ही थीं! हम दोनों का विगत कई वर्षों