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aditi the writer
White तेरा साथ जरूरी है नहीं तो अकेलापन निगल जायेगा ©aditi the writer #Sad_Status Da "Divya Tyagi" m raj. g shraddha.meera 13ra__Rao
#Sad_Status Da "Divya Tyagi" m raj. g shraddha.meera 13ra__Rao
read moreAbhishek jha
Happy Republic Day😊 26 जनवरी 1950 का दिन हम भारतीय के लिए सबसे गौरवपूर्ण दिन है क्यों की इसी दिन श्री बाबा साहेब की (2 साल, 11 महीने, और 18 दिन) की कड़ी मेहनत के बाद हमारा संविधान लागू हुआ था , (संविधान = सम्+ विधान) मतलब एक ऐसी विधि जिसमे सब एक समान हो। 26 जनवरी 1929 ई. को लाहौर के कांग्रेस अधिवेसन मे पंडित जवाहर लाल नेहरू जी ने पूर्ण स्वराज की मांग की थी इसलिए हम 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं। गणतंत्र शब्द का अर्थ है जनता का शासन भारत का शासन जनता का है, जनता के लिए है और जनता के द्वारा है अतः ये हमारा फर्ज़ बनता है की हम अपने मौलिक अधिकारों का हनन ना होने दें, संविधान का सम्मान करें अपने अधिकारों का दुरूपयोग ना करें और अपना प्रतिनिधि ऐसा चुनें जो समाज और राष्ट्र हित में योगदान दे न की अपने स्वार्थवश रहे. जय हिंद जय भारत 🇮🇳 ©Abhishek jha #RepublicDay #HINDUSTANI #Maa #Bharti #Love #Tiranga🇮🇳 #me #Nojoto #today #26janrepublicday 'अच्छे विचार'
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read moreNeema Pawal
मातृभाषा को बढ़ावा दें भारत के नागरिकों को बोलने की स्वतंत्रता दें। ©Neema Pawal #Hindi
Onkar Borhade Official
मुस्कुराओ क्या गम है जिंदगी में टेंशन किसको कम है अच्छा या बुरा तो केवल भ्रम है जिंदगी का नाम ही.. कभी खुशी कभी गम है…।। Good Morning ☕ ©Onkar Borhade official #Hindi
Anudeep
Unsplash एक खामोशी जब. गहरी अता हो... जिस्म मिटे... रूह खुदा हो... ये शोरत,नाम ,मुकाम सभी... मिट्टी, मिट्टी... या फिर धुआ, धुआ हो.. होगा हजुम आख़िरी वक़्त ख़ूब... ज़मीन पे तेरे होने पर... आखरी नींद तेरे सोने पर. ©Anudeep #library poetry in hindi love poetry in hindi hindi poetry hindi poetry
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read moreBharat Bhushan pathak
खेल कबड्डी सर्दी यारों,बुलवाती हर्दी-गुर्दी। हाय ठिठुर कर रातें बीती,कैसी ये गुण्डागर्दी।। दिन की लघुता करे बेचैन ,ठण्ड फोड़ती रह-रह बम। रोज सवेरे भागादौड़ी,बजकर घड़ी निकाले दम।। सोने की जब भी हो इच्छा,लेती तब ठण्ड परीक्षा। रोज सवेरे उठकर हरदम,देनी होती है शिक्षा।। सोच यही मैं लौटूँ हरदम,न अभी जी रात हुई है। सो सकूँगा अभी जी भर कर, बस ये शुरुआत हुई है। ना जाने फिर क्या हो जाता,दिन ही छोटा हो जाता। दिन की लघुता करे बेचैन,मन ये बस कहता जाता।। ©Bharat Bhushan pathak hindi poetry on life hindi poetry poetry in hindi poetry love poetry in hindi
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read moreMadhu Arora
White ठंड धीरे-धीरे बढ़ती जा रही है.... अगर कोई हाय बोले...... तो चाय सुनाई देता है......!!😛😛 मधु अरोरा ©Madhu Arora #Hindi #thought# Hindi #hi# chai
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read moreBharat Bhushan pathak
विषय-वीर/ आल्हा छंद विधा-१६-१५ मात्रा प्रति चरण,चार चरण। दो-दो चरण समतुकांत।चरणांत गुरु लघु रखना है। छंदों का तुम भी कर जाना,केवल थोड़ा ही अभ्यास। नहीं कभी तुम ऐसे-वैसे,करना नहीं शब्द विन्यास।। ये विधा है बहुत ही प्यारी,सीखो इसका अभी विधान। अँधेरे में तीर ना छोड़ो,सोच-समझ करना संधान।। काव्य लगे बिना छंद सूना,सीखो थोड़ा इसको आज। स्वरविहीन ही गाना ये है,संगीत बिना ये है साज।। ©Bharat Bhushan pathak hindi poetry on life hindi poetry poetry in hindi poetry
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