Find the Latest Status about बहा किलिकी सोंग from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, बहा किलिकी सोंग.
Devesh Dixit
मंत्री जी मंत्री जी ओ मंत्री जी मुंह उठा कर कहां चले धोती कुर्ता पहन के टोपी धूल उड़ा कर कहां चले अत्याचारों से लिपटी धरती सब तुम्हारी करनी है आतंकवाद की बढ़ती दरिंदगी सब तुम्हारी निशानी है पाप कर्म और मक्कारी का दिया जलाया तुमने है खून बहा के निर्दोषों का धन कमाया तुमने है मुद्दा बनाके जाति - पांति का आपस में लड़वाया तुमने है उसी से भड़कती है हिंसा उसी से रोटी सेंकी है और कौन से कुकर्म हैं बाकी जो तुमने आगे करने हैं धरती माता पर और लहू की बारिश करनी तुमने है मंत्री जी ओ मंत्री जी मुंह उठा कर कहां चले धोती कुर्ता पहन के टोपी धूल झोंक कर कहां चले ……………………………. देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #मंत्री_जी #nojotohindi #nojotohindipoetry मंत्री जी मंत्री जी ओ मंत्री जी मुंह उठा कर कहां चले धोती कुर्ता पहन के टोपी धूल उड़ा कर कहां
Niaz (Harf)
White मैं एक बंजर ज़मीन हु , उम्मीद ना कर , मोहब्बत ना कर, प्यार के बीज। मुझमें दफन ना कर। मैं एक बंजर ज़मीन हु । काटें भी नहीं उगते , मेरे दामन में। मैं प्यार के बीज लिए, भटकता रहा संसार में । किसी दोस्त की तलाश में। मैं एक बंजर ज़मीन हु , उम्मीद ना कर , मोहब्बत ना कर, कुदरत भी खफा है मुझसे। उठे थे कई हाथ दुआ में। फिर भी , सैलाब मेरे ही, हिस्से आते है। बहा ले गए वो, प्यार के बीज । मैं एक बंजर जमीन हूं मुझे मिटा दिया जाए। मुझे अब खत्म किया जाए।। मुझे अब खत्म किया जाए।। मैं एक बंजर जमीन हूं ©Niaz (Harf) *प्यार के बीज* मैं एक बंजर ज़मीन हु , उम्मीद ना कर , मोहब्बत ना कर, प्यार के बीज। मुझमें दफन ना कर। मैं एक बंजर ज़मीन
Poet Kuldeep Singh Ruhela
White बड़ी खामोशी से देख रहा था समंदर में यारो एक हवा का झोका सब कुछ बहा कर ले गया मेरा न मोका मिला संभलने का मुझको में देखता रहा अपनी कश्ती को साहिल पर डूबते हुए गुमनाम शायर poet of saharanpur ©Poet Kuldeep Singh Ruhela #Free बड़ी खामोशी से देख रहा था समंदर में यारो एक हवा का झोका सब कुछ बहा कर ले गया मेरा न मोका मिला संभलने का मुझको में देखता रहा अपनी कश्त
Devesh Dixit
मंत्री जी मंत्री जी ओ मंत्री जी मुंह उठा कर कहां चले धोती कुर्ता पहन के टोपी धूल उड़ा कर कहां चले अत्याचारों से लिपटी धरती सब तुम्हारी करनी है आतंकवाद की बढ़ती दरिंदगी सब तुम्हारी निशानी है पाप कर्म और मक्कारी का दिया जलाया तुमने है खून बहा के निर्दोषों का धन कमाया तुमने है मुद्दा बनाके जाति - पांति का आपस में लड़वाया तुमने है उसी से भड़कती है हिंसा उसी से रोटी सेंकी है और कौन से कुकर्म हैं बाकी जो तुमने आगे करने हैं धरती माता पर और लहू की बारिश करनी तुमने है मंत्री जी ओ मंत्री जी मुंह उठा कर कहां चले धोती कुर्ता पहन के टोपी धूल झोंक कर कहां चले ……………………………. देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #मंत्री_जी #nojotohindi #nojotohindipoetry मंत्री जी मंत्री जी ओ मंत्री जी मुंह उठा कर कहां चले धोती कुर्ता पहन के टोपी धूल उड़ा कर कहां
K R SHAYER
Poet Kuldeep Singh Ruhela
#5LinePoetry बड़ी ही खूबसूरती के साथ कट रही थी जिंदगी यारो ये कैसी गम की हवा चली जो सब कुछ एक पल में बहा कर ले गई रह गया सिर्फ टूटे हुए मकानों के किस्से ©Poet Kuldeep Singh Ruhela #5LinePoetry बड़ी ही खूबसूरती के साथ कट रही थी जिंदगी यारो ये कैसी गम की हवा चली जो सब कुछ एक पल में बहा कर ले गई रह गया सिर्फ टूटे