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Mohan Sardarshahari
White यह कुछ ऐसा ही है जैसे घी तोलते घी पी लेते हैं हाथ साथ रहते - रहते बन जाती है बात। जैसे पतझड़ में अनयास पतों की बरसात बरसात में भीगकर आती गर्माहट की बात। जैसे अंधेरे में रहते अनपढ़ के उद्गार अक्षर के प्रकाश से खोल देते नये द्वार।। हां यह कुछ ऐसा ही है जैसे पढ़ते - पढ़ते कोई किताब याद आती लेखक की बात बात से ही निकलती बात पूछ बैठते खुद से ही औकात। यह कुछ ऐसा ही है जब पढ़ते हैं हम कोई तहरीर खुद को भी देखते हैं उस जहां करने लगते हैं खुद से बातें शायद यही है कवि का कारवां।। ©Mohan Sardarshahari # कवि का कारवां
# कवि का कारवां
read moreHimanshu Prajapati
शब्द का मतलब है और मतलब के शब्द, सब अर्थ का अनर्थ है.! ©Himanshu Prajapati #feather शब्द का मतलब है और मतलब के शब्द, सब अर्थ का अनर्थ है.! #36gyan #hpstrange
#feather शब्द का मतलब है और मतलब के शब्द, सब अर्थ का अनर्थ है.! #36gyan #hpstrange
read moreShailendra Anand
चना दिनांक 18 जनवरी 2025 वार शनिवार सुबह पांच बजे ्भावचित्र ् ््निज विचार ्् ््शीर्षक ्् ्््छाया चित्र में दिखाया गया जलसागरमें लहरों से क़ंदन और पंछी पक्षियों में, जलचर प्राणी जीवाश्म अपना अंश में क्या है माजरा दुध का दुध पानी का पानी होना चाहिए,, यही सच्चाई देखकर जलसागर से शिक्षा दीक्षा गृहण करना चाहिए।। जो कुछ भी है वह सब कुछ मेरा अपना है ऐसा नहीं है ्् जो भी है वह विशाल ह्रदय में वास करने वाले समुद्र से आशय यह है,, यही भाव जनमानस में हो तो दुनिया में रामराज्य आ सकता है ््् ्््् वह सब कुछ देता है लेकिन जनमानस से लेता कुछ भी नहीं है।। जलसाघर के सागर में मन का सागर भरा हुआ निज विचार ग़ंन्थ साहित्य है,, यह ईधन से मानस रंजन आत्मप्रेम से नवीन ऊर्जा का संचार होना चाहिये ।। जो कर्म से भाग्य विधाता ने देश धर्म कर्म का मर्म सुंदर सुजान हर,, देशवासियों में सकल जगत के विश्ववासियो में अपने अपने देश के प्रति जागरूक हो वफादारी होना चाहिए।। आज हम प्राकृतिक सौंदर्यता से हिमकणो से अच्छादित वन जंगल पहाड़ धरती पर साकार लोक में, भ़मण करते हुए धनलक्ष्मी वर्षा से शीतकालीन मानस में , गर्म कपड़ों का परिधान पहनने से शारीरिक सुरक्षा में स्वस्थ रहना स्वस्थ् मानसिक तनाव मुक्त जीवन सफल बनाएं।। आप मेरे जैसे लोग अवश्य ही सुन्दर और सार्थक प्रयास करते हुए जीवन पर आधारित स्वस्थ्य मानसिक रूप से एक पूजा एक दर्शन करने में ऐकेश्वर केशवजी का संन्धि ्विन्यास ्के। ,,््शव ्से आशय है ्् क्या जीवन है और हैं ्अर्थ प्रधान जग जीवन में कुछ धरा नहीं जीवन में सब कुछ है लेकिन कुछ नहीं है मेरा यह कहता है।। यह जलसागर मह मान सम्मान से परेय अनजान सबमें अपने को समाया है।। यही सोच अगर आप हम में विस्तृत हो तभी कोई रिश्ता अमूमन कामयाबी, के शिखर पर जिंदगी में पहुंच सकता है।। यही दर्शन ईश वंदना प्राप्त कर सकते हैं,,, तभी तो दुनिया में कलम दवात कागज पर लिखकर चित्र में, सत्य मेव सम्प्रभुता सत्य जयते बनाएं रख सकते हैं।। ्््कवि््शैलेन्द़ आनंद ्् 18 जनवरी। 2025 ©Shailendra Anand आज का विचार सुप्रभात Extraterrestrial life Entrance examination कवि शैलेंद्र आनंद
आज का विचार सुप्रभात Extraterrestrial life Entrance examination कवि शैलेंद्र आनंद
read moreShailendra Anand
रचना दिनांक 161 जनवरी 2025,, वार,, गुरुवार समय। सुबह छह बजे ््भावचित्र ्् ्््निज विचार ््् ्््््जासून्दी के पुष्प पराग कण में,,्रंग बिरंगे रूप स्वरूप में , स्थित सोच पर छाया चित्र में केशरियां रंग में,, ओज जोश खरोश उन्दा सोच पर निर्भर करती है््् राजनिती और अपने विचार रखे, ताकि हम किसी किरदार में अपने आप को देख सके ,, ।यंह दुनिया सुनती हैं सिर्फ सिर्फ एकमेव नियती से धन संपत्ति बाहूबल से ,, जो तुफान बनकर ज्वालामुखी बनकर घर परिवार में के मध्य सूरसा बनकर ,, जूबान की मुंहजोरी आज इस कदर हावी हो चुकी है।। धन संपत्ति की अपेक्षा और आवश्यकता ने तमाम मर्यादा ताख में रखकर अपने चरित्र का दोहन पोषण कर रही है।। आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होना घर परिवार में ,, जुतममार मच जाना आम बात हो गई है।। यह आर्थिक संकट घरेलू महिला, पत्नी और बेटी, बच्चे, प्रदेश सरकार में, , देश में, आर्थिक स्थिति बेहद नाज़ुक स्थिति में हालात बेहद कमजोर, आर्थिक आपातकाल अघोषित रूप से जीवन में व्याप्त है।। मंहगाई, बेरोजगारी, से जनजीवन प्रभावित हो रहा है, और फिर भी इन्सानी मानस में कुछ तथाकथित सभ्य समाज , अपने आप को आज आर्थिक सम्पन्नता की ओर अग्रसर होने का ढिंढोरा पीटे जा रहे हैं। यह हाल में भी इन्सानी मानस में नजर आएंगी इस देश में बदल रहे, परिवर्तन से अपनी खस्ता हालत में सुधार हो सकता है । ऐसे सोच पर निर्भर करती हैं आशावादी दृष्टिकोण रखने वाले अच्छे ख्यालात रहे। ्््कवि््शैलेन्द़ आनंद ् 16। जनवरी। 2025, ©Shailendra Anand आज का विचार नये अच्छे विचार कवि शैलेंद्र आनंद
आज का विचार नये अच्छे विचार कवि शैलेंद्र आनंद
read moreKavi Himanshu Pandey
दर्द को सहना पल पल दीवानों का काम है, कमजोरों का नहीं, शब्दों से धरा में कंपन कराना कवियों का काम है, अकवियों का नहीं! .... Er. Himanshu Pandey ©Kavi Himanshu Pandey कवि का दर्द.. #beingoriginal #NojotoHindi
कवि का दर्द.. #beingoriginal Hindi
read moreKavi Himanshu Pandey
दर्द को पल पल करना पड़ता है महसूस, नहीं आसान है वैसा होना, पता नहीं कब नसें भारी होने लगें संवेदना से, नहीं आसान है कवि होना! ........ Er. Himanshu Pandey ©Kavi Himanshu Pandey कवि का दर्द.. #beingoriginal #NojotoHindi
कवि का दर्द.. #beingoriginal Hindi
read moreShailendra Anand
green-leaves रचनात्मक कार्यों को परखना तन मन को पढ़कर अभ्यास से संघर्षरत रहीं हमारी आत्मा जो मानवता पर शोध करने वाली शक्ति को राह दिखाने वाले इस संदेश को अखिल विश्व में जनजागरण यात्रा ही जिंदगी है।। दिनांक 2जनवरी 2025, वार। गूरुवार समय सुबह पांच ब जे ्््भावचित्र ् ् ््निज विचार ् ्््शीर्षक ्् ््््पंचपल्लव, पंच परमेश्वर, छाया चित्र में, दृष्टि भास अभास, प्रतिभास ,अनुमान, , से ही आनंद दे सकता है , ्यह शक्ति दिव्यता प्रदान करने वाला अभ्योदय उदय सुर्योदय ईश कृपा प्राप्त होती है ्् नवीनतम प्रतिक्रियाएं और अपने विचार रखे ताकि हम अनुसरण करें ,, आख्यान संहिता दर्शन मन दर्पण प्रेम दर्शन कर देख रहा है। अन्जान से चलने वाला भावचित्र शीर्षक से एक अहसास हो रहा है,, ईश्वर सत्य और स्वपन में एक स्वर पुकार नाद प्रेम शब्द से बना हुआ ।। आनंद मस्ती छाई हुई श्रंगार श्रंखला बनाकर रख कर देख रहा है,, ईश्वर सत्य सनातन सुन्दर शिव मय स्मृति चिन्ह प्रदान करने वाले अच्छे लगते है।। त्वमेव तत्वों में से एक है जो कि एक पूजा करने वाले में शिवतत्व शैव शैल शैली में,, शिलाओं पर ख्यालों का चरित्र चित्रण करने वाले चित्र वीथिका चित्रण में मानव जीवन समाहित है।। कलाकृति कल्पना शक्ति पूंज आत्मिक शांति चित्र में दिखाया गया है,, राष्ट्र धर्म सर्वोपरि है और विनम्रता साज सज्जा से जन्मा आत्म सम्मान से, सम्मानित जीवन में भी इन्सानी मानस में शास्त्र में प्रकाशवान जो सुर्य तेज पुंज सम है समान रूप है।। सत्य मेव सम्प्रभुता में एक बार एक नया मोड़ परिवर्तन शील समाज सभ्यता संस्कृति है।। ्््््कवि शैलेंद्र आनंद 2जनवरी 2025, ©Shailendra Anand #GreenLeaves नये अच्छे विचार आज का विचार कवि शैलेंद्र आनंद
#GreenLeaves नये अच्छे विचार आज का विचार कवि शैलेंद्र आनंद
read moreParasram Arora
Unsplash मन अगर संवेदबमनाओ के संवेनद से भरा हो तों अनर्थ क़ी झड़ मे से भी अर्थ डुंडा जा सकता है ©Parasram Arora अर्थ अनर्थ
अर्थ अनर्थ
read moreMayuri Bhosale
❣️❣️ ... प्रेमाचा खरा अर्थ...❣️❣️ मी उभी इथे🙋 तू पाहशील मला जिथे🤷 दूर झाल्या आपल्या वाटा साऱ्या मिळुनी तिथे.🛣️ मी आकाशातील धुके 🌨️ तू न बोलताच शब्द पडले मुके 🤫 ढगांचे हे आज कालचे असे वागणे वाऱ्याला सारखे खूपे. मी सागरातील लाट 🌊 तू न संपणारी वाट 🛣️ सुंदर स्वप्न वेडी प्रेमाची होईल एक दिवस पहाट.🌅 मी बासरीतील सूर 🎶 तू गीत बोलती मधुर 🎵 किमया सारी सप्तसुरातील स्वरांची गेली कुठे निघूनी दूर. मी तुला रागावणे 🤨 तू त्यावर काहीच न बोलणे🤫 भासते जणू आभाळाचे सावलीला काहीसे बिलगणे. 🌫️ मी नात्यातला दुरावा💔 तू कृष्ण राधेच्या प्रेमातील पुरावा 👩❤️👨 आंबट गोड नातं फुलूनी तो हृदयात निरंतर मुरावा.❤️🩹 मी जपला नात्यात निस्वार्थ 🤷 तू दिलास प्रेमाचा खरा अर्थ💓♥️ लोक त्याला उपमा देऊनी साधून घेती स्वतःचा स्वार्थ.😔 ©Mayuri Bhosale # प्रेमाचा खरा अर्थ
# प्रेमाचा खरा अर्थ
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