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Author Harsh Ranjan
टूटे अंगों वाले पुरुष, नुचे अंगों वाली स्त्रियां, माँस, बोटियों के अंबार, अस्थि-पिंजरों के पहाड़ पर एक हेलीकॉप्टर उतरा और हेलीकॉप्टर से नेता जी उतरे। सामने ऊंचाई पर अमृत-हांडी लटकी है, ये दोस्ताना मैच है, लोगों के जेहन में ये परंपरा अटैच है। नेता जी प्रयास करेंगे, थोड़ा पर्वत तो थोड़ी हांडी से आस करेंगे। अगर हांडी टूटी तो टनों पुष्पवर्षा होगी, पहाड़ अनायास ही स्मारक बन जाएंगे। अगर हांडी न टूटी तो नेता जी थिरायेंगे, थोड़ा रोयेंगे मानवी आपदा पर, थोड़े निर्गुण गाएंगे, खुद को पहाड़ पर गड़ा ध्वज बताएंगे और फिर जनता को मोटिवेट कर उड़ जाएंगे। नशे के लती, व्यसनी, बेरोजगार, सिरफिरे, ताक़त के आग्रही और कुछ एक्सीडेंटल बलि के बकरे साभार हांडी को लक्ष्य किये उन्मादी से, कभी आदतन, कभी भाग्य लिखे बर्बादी से बेबस पर्वत पर कूच करेंगे, गिरेंगे, मरेंगे और पर्वत के ऊंचाई के नए नए आयाम गढ़ेंगे। ये जो हांडी की ऊंचाई है इसकी यही भरपाई है भले नेता जी ने आपको मुंह से न बताई है। छींका और बिल्ली
Author Harsh Ranjan
टूटे अंगों वाले पुरुष, नुचे अंगों वाली स्त्रियां, माँस, बोटियों के अंबार, अस्थि-पिंजरों के पहाड़ पर एक हेलीकॉप्टर उतरा और हेलीकॉप्टर से नेता जी उतरे। सामने ऊंचाई पर अमृत-हांडी लटकी है, ये दोस्ताना मैच है, लोगों के जेहन में ये परंपरा अटैच है। नेता जी प्रयास करेंगे, थोड़ा पर्वत तो थोड़ी हांडी से आस करेंगे। अगर हांडी टूटी तो टनों पुष्पवर्षा होगी, पहाड़ अनायास ही स्मारक बन जाएंगे। अगर हांडी न टूटी तो नेता जी थिरायेंगे, थोड़ा रोयेंगे मानवी आपदा पर, थोड़े निर्गुण गाएंगे, खुद को पहाड़ पर गड़ा ध्वज बताएंगे और फिर जनता को मोटिवेट कर उड़ जाएंगे। नशे के लती, व्यसनी, बेरोजगार, सिरफिरे, ताक़त के आग्रही और कुछ एक्सीडेंटल बलि के बकरे साभार हांडी को लक्ष्य किये उन्मादी से, कभी आदतन, कभी भाग्य लिखे बर्बादी से बेबस पर्वत पर कूच करेंगे, गिरेंगे, मरेंगे और पर्वत के ऊंचाई के नए नए आयाम गढ़ेंगे। ये जो हांडी की ऊंचाई है इसकी यही भरपाई है भले नेता जी ने आपको मुंह से न बताई है। छींका और बिल्ली
#maxicandragon
#इमारत_का_पोस्टमाॅर्टम बडी मशहूर थी तुम चर्रचे थे अखबारों में तेरे से दाँए, तेरे से बाँए तेरे से सीधा बताकर भेजते थे हम मुसाफिरों को घर गली गलिआरों में हर बरस पटाती थी तू करवाती भी थी मिलता था कागज तुझे बचते थे पैसे, तेरे मालिक के पर जरजर हो गई तू उसी मरम्मत टैक्स में इक झोके से छींक से किसी के इक कंपन से धराशायी हो गई मिंटों में दबाव है मुझ पर बता बता क्या लिखूं, क्या लिखें पोस्टमार्टम में चार गवाह लाया है मालिक अब तेरा पगलाया है के क्या लिखाउं गवाही में सीमेंट बालू दिखाउं ज्यादा के उसने छींका भरदम बस ना फसूं कार्यवाही में मैं पूछूं बस तू बता किससे कब कब हुई खता तुझको अपंग बनाने में पूरा सरिया रेत और गारा ठूंसू मालिक के पिछवाड़े में ये मालिक खडा निहत्था है की मासूमों कि हत्या है मैं नहीं जानता सिविल इंजीनियरिंग क्या कम क्या ज्यादा है इस इमारत के पोस्टमार्टम में भ्रष्टाचार हत्यारा है #साधारणमनुष्य #Sadharanmanushya #Accident #BuildingCollapse #Curroption ©#maxicandragon #इमारत_का_पोस्टमाॅर्टम बडी मशहूर थी तुम चर्रचे थे अखबारों में तेरे से दाँए, तेरे से बाँए तेरे से सीधा बताकर भेजते थे हम मुसाफिरों को घर गल
Anil Siwach
Anil Siwach
Anil Siwach
Arsh
व्यसन से विमोचन तक (आपबीती) [क्योंकि धुआँ सिर्फ आपको नहीं आपके रिश्तों को भी पी जाता है] 👇 मेरी वह दोस्त तो याद है न आपको? अरे वही! जिसने मुझे बोलना सिखाया था! सारी दुनिया से लड़कर जिसने हर पल मेरा साथ दिया, गलत होने पर यकायक मेर