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Deepak Vaishnav
भारत माता की जय ©Deepak Vaishnav स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
Vinay Kumar
#OpenPoetry ना झुका है ना झुकेगा सिर कोई कितना भी जोर लगा ले। हस्ती मिटा देंगे दुश्मन की हम हैं वतन पर मिटने वाले। स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
Anindya Pranay Bharati
स्वतंत्रता सेनानी के ओजस्वी संग्राम से सरहद के बीर ज़वानो की निस्वार्थ त्याग तक, मेरा देश हैं निर्मल मेरा भारत माता हैं अनमोल । साहसी बीर शहीदों के तपती हुई लहू की हर एक बुंद से प्रत्येक नागरिक के दिलों की बुलंद धरकन तक ,मेरा वतन हैं शानदार मेरा मुल्क हैं दमदार ।। महकती हुई मिट्टी की मिठी खुशबू से दशों दिशा फैली हवा की सनसनी गुंज तक, मेरा देश हैं कमाल मेरा भारत माता हैं बेमिसाल। । स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
Sandeep Shukla
स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
Kunwar Ji
रंग तिरंगे का कहता हैं कहानी सब एक रहो कहे ये कहानी।। जय हिंद जय भारत स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।
Madhu Maurya
आजादी की किमत हम आज के समय से पहले कभी नहीं जान पाए थे। स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।
MANJEET SINGH THAKRAL
*भारत की आज़ादी और गुमनाम शहीद* हर वर्ष 15 अगस्त को हमारे भारत में केंद्र और प्रादेशिक सरकारों द्वारा स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है । सरकारी समारोहों का आयोजन होता है । वर्तमान में देश का आम नागरीक इन समारोहों में विरले ही भाग लेता है और न ही उसको इसमें दिलचस्पी है । आम आदमी के सामने और अन्य मसले हैं जैसे कि, आम रोज़मर्रा की वस्तुओं की महंगाई, कानून और व्यवस्था की बिगड़ी हुई स्तिथि में अपने परिवार की सुरक्षा, सामाजिक संस्कारों में गिरावट के कारण युवा पीढ़ी का गिरता व्यवहार, बच्चों की शिक्षा और करियर आज के समय मे कोरोना का भय व अन्य समस्याऐं । आज़ादी के इस दिन पर सरकारी समारोहों में भी उन लोगो का गुणगान होता ही दिखाई देता है जो सन 1947 ई. में सत्ता सँभालने के लिए अग्रसर थे और देश के बंटवारे को इसलिए मानने को तैयार हो गये कि कहीं "अखंड भारत" के रहने की सूरत में वह हुक़ुमती गद्दी से दूर न रह जायें या फिर कुछ ऐसे "कथित स्वतंत्रता सैनानियों" का जिक्र छिड़ जाता है जिन्होंने आज़ादी के नाम पर कभी - कभार जेल काटी हो । जिन लोगों ने असलियत में आज़ादी के लिए अपनी जाने गँवाई , जिनके परिवार के परिवार उजड़ गये, उनको तो जैसे भुला ही दिया गया है । 15 अगस्त 1947 से लेकर आज तक 73 बार उस समय के प्रधानमंत्री देश को लालकिले की प्राचीर से सम्बोधित कर चुकें हैं परन्तु बहुत हैरानी की बात है कि आज तक किसी भी प्रधानमंत्री ने "स्वतंत्रता दिवस" पर दिये गये अपने भाषण में देश के बंटवारे के समय हुए कत्लेआम का जिक्र तक नहीं किया उन्हें श्रद्धांजलि देना तो दूर की बात है । जबकि बंटवारे में 10 लाख लोगों का क़त्ल हुआ और 80 से 84 लाख लोग बेघर हो गये थे और शायद पिछले 73 वर्षों से 10 लाख लोगों की आत्मायें लालकिले के मैदान में कान लगाकर सुनती होंगी कि शायद, शायद हमारी कुर्बानी को कोई याद करेगा पर उनकी कुर्बानी को आज तक किसी ने याद नहीं किया । आखिर ऐसा क्यों ? *हमने यह तो कह दिया :* *"दे दी हमें आज़ादी बिना खडग बिना ढाल।* *साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल"।* पर भूल गये सन 1947 ई. और उससे पहले आज़ादी के लिए चले आंदोलनों और क्रांतियों में होने वाले बेशुमार शहीदों को । ये उन शहीदों का अपमान है जिन्होंने अपने परिवार के बे - रहमी से मारे जाने पर, अपनी अरबों रुपयों की संपत्ति गंवाकर, अपने घर - बार छोड़कर आज़ादी को गले लगाया, जिन्होंने कालेपानी की जेलों में अपनी जवानी गुजार दी, जिन्होंने हँस - हँस के फांसी के रस्सों को चूमा और इसके अलावा "आज़ाद हिन्द फ़ौज" व "कामगाता मारू" जहाज के शहीद, उनका कहीं नाम तक नहीं लिया गया । आज एक बात याद करने की और महती ज़रूरत है कि भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव, चंद्रशेखर आज़ाद, रामप्रसाद बिस्मिल, अशफाकुल्लाह खान, उधम सिंह, करतार सिंह सराबा, खुदीराम बोस, लाला लाजपत राय आदि जैसे कई महान क्रान्तिकारियों को जो देश की आज़ादी के लिए शहीद हो गए, जिन्हें आप और हम दिल से नमन करते है और भारत के वीर शहीद मानते है आज तक कि कोई भी सरकार इन सभी शहीदों को आधिकारिक तौर पर शहीद का दर्जा नही दे पाई है। आखिर क्यों ? हम उन सभी शहीदों और कुर्बानियां देने वालों को दिल से नमन करते हैं और श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं । साथ ही आप सभी के लिए एक प्रशन छोड़े जा रहे हैं कि आखिर क्यों हमने उनकी कुर्बानियों को भुला दिया जिनकी वजह से हमे आज़ादी मिली ?. और क्या इस बार 15 अगस्त 2020 को हमारे देश के अभी के प्रधानमन्त्री लाल किले की प्राचीर से उन "गुमनाम शहीदों" को श्रद्धांजलि देकर उनकी कुर्बानियों को याद करेंगे ? या फिर इस वर्ष भी उन शहीदों की आत्मायें इसी आस में लालकिले के मैदान पर कान लगाये इंतज़ार करती रहेंगी की शायद आने वाले वर्षों में कोई हमारी कुर्बानी को याद कर ले । साथ ही आज की स्वघोषित घोर राष्ट्रवादी सरकार से ये भी उम्मीद करते है कि वो जल्द ही भारत की आज़ादी के सभी शहीदों को आधिकारिक तौर पर शहीद घोषित करेगी और उन्हें विश्वस्तर पर उचित सम्मान दिलवाएगी । सभी देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं 🙏🙏🙏 जय हिन्द ! जय भारत ! वन्दे मातरम ! -- *मनजीत सिंह ठकराल।* *महासचिव स्वराज इंडिया मध्यप्रदेश* स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं