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Eshwari

#मरण एक आनंद

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White प्राण गेल्यावरही "नेत्र" चार तास जिवंत असतात
 या चार तासात आपल्या माणसांची वागणूक पाहून 
प्राणशून्य  देहाला "मरण" म्हणजे 
खुप  मोठं गिफ्ट वाटत असेल.....

            ईश्वरी

©Eshwari #मरण एक आनंद

Shailendra Anand

भक्ति सागर कवि शैलेंद्र आनंद

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रचनादिनांक,,7,, नवम्बर,,2024
वार शनिवार
समय सुबह पांच बजे
््भावचित्र ््
््निज विचार ््
्शीर्षक ्
््छाया चित्र में सृष्टि सृजन में एक नज़र में समभाव निष्ठ विचार
 ऐकत्व एकमेव नियती संसार जगत है,,
जींव जंन्तु जीवन में एक सूर्य चंद्र दर्शन सपनो में प्यार प्रेम और विश्वास जगत पिता त्वमेव विद्या बालकं ज्ञानबोध गुरुकुलंन्यायपीठ ब़म्हकर्म मंत्रधर्म बम्हसृष्टि कर्मनिष्ठभाव ब़म्हाण्ड स्वरध्वनि अखण्ड दिव्य ज्योति प्रकट हो प्यारा हिंदुस्तान हमारा है ््
््््
नज़र ही नजर में एक बार की जिंदगी को,  
हमेशा के लिए सम्पूर्ण भारत प्रजातांत्रिक देश की व्यवस्था बेहतर बनाने वाले आत्ममंथन करना ही जिंदगी है।।
 यही नजारा देखता हूं जो नज़र और नजरिया समझ कर खैला ही सुन्दर पल अनमोल घड़ी विलक्षण प्रतिभा को निखारना स्वयं को परखना तन मन को शांति प्रदान करे,,
 खोटा सिक्का चलता नहीं है,राम नाम सुखदाई है,
 रावण उसका सबसे बड़ा कारण मजमा लगाकर भोलेनाथ को प्रसन्न कर मदारी बनाकर अयोध्या में जन्म दिवस मंगलमय हो ऐसा खैला रावण ही कर सकता है।।
, जो हर कोई ओर कर भी नहीं सकता था,, 
जो सेतुबंधेश्वररामेश्वरं में जो पंण्डित आचार्य दशानन रावण ही यजमान से दक्षिणा में वो सब लेता है।।
 जो धरती पर साकार लोक में अपना और अपने वंश का कल्याण ही जग में जगदीश्वरी मां जानकी भुमिपुत्री से सजाया गया,,
 जिसे हम अच्छे ख्यालात से राम मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम हैं ।।
तो दुनिया में रावण का भी इन्सानी मानस में शास्त्र में,,
 प्रकाशवान जो सुर्य तेज पुंज सम है।।
             ्कवि शैलेंद्र आनंद 
7,, दिसंबर,,2024,,

©Shailendra Anand  भक्ति सागर
              कवि शैलेंद्र आनंद

Shailendra Anand

भक्ति सागर कवि शैलेंद्र आनंद

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रचना दिनांक 3 दिसम्बर 2024
वार  मंगलवार
समय सुबह दस बजे
््भाव रस से भावचित्र ््
्निज विचार ्
्््छाया चित्र में दिखाया गया जिसे हम इस नश्वर शरीर में
 प्राण वायु और पंचतत्व से बना हुआ प्राणतत्व में
माया मोह में फंसे हुए जीवन में कर्मलीला कर्मशील नायक बम्हदेव वरदानित 
भाव है क्या देव असुर, यक्ष, किन्नर, गन्धर्व, मनुज देह है प्राण गंवाए है मारिच असूर सर्वग्य भाव में निश्चल सत्य अदृश्य शक्ति दिव्यता कोटीश्यं प्रमाणितं
 ब़म्हकर्मसाक्ष्य मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम है ््
्््
,,निज मानस स्वरचित है भावचित्र स्वज्ञान है,,
़््
कंचन मृग मारिच असूर,मन हरण,
सियाजानकी रघुराज लीला करत ,मारिचप्रान  अधार करंहि,,
 लखन राम राम उच्चारण ही हरण,शरण, 
दासहनुं््यमदूत शोकविनाशमं काल है,।।
छल माया मोह ््मद सब धर्मों में,
भेद नहीं भाव नहीं है,
सब कर्म भूमि पर जातक जींवजीवाश्म प्राणी में ,
प्राण वायु सब कुछ एक है,,
््कवि््शैलेन्द़ आनंद ््
3,, दिसंबर 2024,,

©Shailendra Anand  भक्ति सागर
         कवि शैलेंद्र आनंद

Shailendra Anand

'अच्छे विचार' ्््कवि््शैलेन्द़ आनंद

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रचना दिनांक 24,, नवम्बर 2024,
वार।  रविवार,,
समय सुबह दस बजे
्््भावचित्र ््
््निज विचार ््
््शीर्षक ््
््छाया चित्र में दिखाया गया फूलों से महकते रहे
कला संस्कृति साहित्य और कला धर्मी रचनाकार ,
शब्द शिल्पी कलाकृति मुर्तिकार चित्रकार की, तुलिका से सजाया गया विचार सच है ्््निज विचार
््््भावचित्र ््
कलाधर्मी्््
््शब्द साधिका कलाप्रेमी शब्द मनिषी ्््
              ््््निजविचार ्््
बहुत सुंदर बहुत खुब सिद्धांत सुविधाएं मांगे साक्ष्य सब कुछ उपलब्ध है ,,
,,पत्थर को तराशती तोड़ती पत्थर से निकलते झैनी और हथौड़ी से आकर प्रकार निर्राकार।। आकारहीन हवाओं में रहते,,
 मन से कलम दवात कागज पर लिखकर ,।।
चित्र को चित्रकार,और मूर्ति को मूर्तिकार
रचना संवरचनाकी धर्मी रचनाकार कवित्व शक्ति से रूबरू होकर नक्काशी वाले ,,
शब्दशिल्पी अपने विचार प्रकार,,मीनु,, अलग अलग गुणों से भरपूर होते हैं ।।
जो कला साहित्य विज्ञान कर्म मर्मज्ञ शब्द साधिका है ,,
सुर्य के भांति संसार में जगत में चमक रही है।। 
             ््् कवि शैलेंद्र आनंद ्््
24,,11,,2024,,

©Shailendra Anand  'अच्छे विचार'
्््कवि््शैलेन्द़ आनंद

Shailendra Anand

आज का विचार ्््कवि््शैलेन्द़ आनंद

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भावचित्र ््
निज विचार ््
               ््शीर्षक ््
                ््मन की व्यथा ््
सुंदर रचना सुंदर लेखन रचना है ,,
संवरचनाकी से कलम दवात कागज पर लिखकर चित्र बहुत दिल में उतर गया।
 मेरे मित्र आपके जस्बात से जन्मा विचार सच है,, धन्यवाद् राम में ही आवृत्ति प्रवृत्ति निरन्तर प्रगति विरोध समर्थन दोनों ही आनंद दे सकता है ।।
मैं सोच रहा हूं,
 मैं आपके साथ खड़ा हूं।
मसला मक्ता जेहन से अपना रिश्ता अनमोल वचन क्षण पल है ,,
सूर्य चंद्र दर्शन सपनो में प्यार अमर उजाला है।।
 मन खटृटा करने से कुछ बिगड़ने वाला नहीं है,,
  आप आगे बढ़ो हम दिलों से सजाया गया,
 भाव भंगिमा इच्छा शक्ति प्रेम शब्द ग़ज़ल में ,
एक स्वर पुकार नाद प्रेम शब्द है ।।
राम नाम सुखदाई है तो देश दुनिया सुनती हैं,, आनंद भयो जग में जगदीश्वरी मां शब्दों में।।
             ्््कवि््शैलेन्द़ आनंद ््
22,, नवम्बर 2024

©Shailendra Anand  आज का विचार
्््कवि््शैलेन्द़ आनंद

Shailendra Anand

#sad_quotes मोटिवेशनल कोट्स ्््कवि््शैलेन्द़ आनंद ््

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White रचना दिनांक ,,21, ब नवम्बर  2024
वार   गुरुवार
समय सुबह ्््पांच  बजे
््निज विचार ््
््भावचित्र ््
््््शीर्षक ्््
्््छाया चित्र में दिखाया गया गगन निहारते हुए एकाएक ही सुन्दर ,,और सार्थक, है,,,
हे  मेरा मानना ही जिंदगी में नवगति नव स्वपन में अभिनय  कर देख रहा है,
 चलचित्र द़श्य और द़श्यावलोकन से अपनी दिशा में एक स्वर पुकार ,
नाद प्रेम शब्द संग्रह में शब्द सरोवर में स्नान करने वाले अच्छे लगते है््
 स्वपन आत्मप्रेम आत्मसात करने वाले अच्छे लगते है ््
जीवन मंत्र एक जीवंत प्रयास कर रहे जीवन यात्रा में शामिल समन्वय स्थापित कर रहे हैं ,,
आज के परिवेश में दिनचर्या में तीखे सवाल तौर तरीके लौकिक और अलौकिक पारलौकिक
 शक्तियों से, मायावी संसार में जगत में एक जीवंत मंथन चिन्तन मनन ही जिंदगी है।।
ईश प्राप्ति हेतु गुप्त मंत्रसिद्ध स्फटिक माला से जप साधना ,
अष्टलक्ष्मी धनवंतरी पूजणऔषधीय गुणान्चा माला वैजन्ती माला से जप करें ।।
शुभप्रद परिणाम प्राप्त होंगे यह दर्शन करने वाले अगहन मास में मुख्य रूप है ,,
मेरे निज विचार है करे साधना प्रकृति में आनंद स्वरुपिणी दैवीय,
 स्वाहादैवीय स्वपत्नी स्वधादैवीय ,नरनारायण नमोस्तुते नमोस्तुते नमस्ते दैवीय नमः।। 
अन्न, धन, संपत्ति, धनधान्य से पूर्ण सम्पूर्ण विश्व जगत में निहित निष्ठा और लगन जुनून है,,
 मेरा जीवन क्षण क्षणिका एहसास क्षणिका में एक स्वर में प्रेम शब्द से,
 अखिल विश्व में जनजीवन मंगलमय हो प्यारा हिंदुस्तान हमारा है।।
आज अशांति और वैमनस्यता से जन्मा है,,
 वैचारिक मतभेद और जहरीले दंश झेल रही ।
आकुलता से व्याकूलता से जनजीवन हैरान परेशान जमाने में लोग,,
अवश्य ही जिंदगी से जुड़ी हुई घटनाओं से बहुत ही परेशान हैं 
यह साम्प्रदायिक भेद भाव और धार्मिक उन्माद से जन्मा विचार सच में जहरीले सांप प्रतीत हो रहा है।।
््््कवि शैलेंद्र आनंद ््
21,, नवम्बर,,2024,,

©Shailendra Anand #sad_quotes  मोटिवेशनल कोट्स
          ्््कवि््शैलेन्द़ आनंद ््

MRohit

Shlok Bhakti bhagwatgeeta Deep Meaning

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White नाभिषेको न संस्कारः सिंहस्य क्रियते वने ।
विक्रमार्जितसत्तवस्य स्वयमेव मृगेन्द्रता ।।

There is no sanskar (ceremony) held to declare that the lion is the king of forest. He becomes king by his own merits and heroism.

©MRohit #Shlok #Bhakti #bhagwatgeeta #Deep #Meaning

joya

#Real meaning about life

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Shailendra Anand

शायरी दर्द ्््््कवि शैलेंद्र आनंद

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रचना दिनांक,,16,, नवम्बर 2024
वार। शनिवार
समय। सुबह पांच बजे
््निज विचार ््
्््भावचित्र ्््
्््शीर्षक ्््
 ्््ऐ नज़र ््््निजविचार्भावचित्र ्
  ्शीर्षक ्
ऐ नज़र 
     बड़े खुश नसीब है वो,,
     जो अपने होते नहीं देख सकते थे।।1।।
    जिन्हें अपना कहते थकते नहीं थे,,
    वो लफ्जो से आस्तीन के सांप बन गये।।      
     देखें सपनो में खो गए ऐ नज़र,,
     वो लफ्जो का नूर काफ़िर बन गया।।3।।
     कहने को परखना तन मन नहीं,,
     ये पूतला माटी का नही है।।4।।
      ये इबादत अकीदत पेश किया गया,,
      मेरे हजूर नबी की खिदमत में पेश है।5। 
      ये अल्फाज़ नगीना है नूर है,,
      ये साफ़ आयना मेरे ज़िगर से है।6।
        ये ईमान लिखूं या प्रेम की हकीकत,,
        ऐ नज़र इश्क में जो कुछ लिखा गया,, 
         वो मतला तेरे ख्यालों का,,
         ये नूर ए नज़र रुहानी जिंदगी का।7।
          यूं ही पत्थरों को तराशते रहे,, 
         किसी कि याद में  जिंदगीसवार दी।8।
            ्््कवि््शैलेन्द़ आनंद ््                
            किसी की यादों में हम दिलों सए

©Shailendra Anand  शायरी दर्द
्््््कवि शैलेंद्र आनंद

Shailendra Anand

सायरी मोटिवेशन ्््कवि््शैलेन्द़ आनंद

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रचना दिनांक,,,15,, नवम्बर,,2024
वार,,,, शुक्रवार
समय  सुबह   दस  बजे 
्््निज विचार ्््
््भावचित्र ््निज विचार ््
्भावचित्र ्
्शीर्षक ्
््दर्द ऐं ग़म पर जमाना हंसेगा,
फ़कत अश्क आंखों में हमको छुपाना पड़ा््
         कहे तो जाने अंजाने में,,
आंखें यूंही बदनाम हो गई ््
प्यार करने वाले खूद ही खुद से,,
 सवाल जवाब बन गये।।1 ।।
जो प्यार नहीं करते है वो प्यार के,,
 मायने क्या समझेगे।।2 ।।
वो बस झुठे किस्से ख्याली पुलाव,,
बनाने वाले होते हैं ।।3 ।।
जिन्हें किसी की मोहब्बत भरी नज़रों से,,
ना था कोई वास्ता ना,ही, कोई रिश्ता नाता,
बस वो ग़म ऐं द़र्द पर जिंदगी के मज़ाक उड़ाते हैं।।4 ।।
वो लफ्जो का मोल अश्कों का तोल ,,
और मेरे प्यारे नयनों में ढलकते अश्कों के 
छुपने का प्रहर।।5 ।।
 मेरी मुस्कान मन्द अधर पर ले उड़े होश का आनंद लें,,
 जो कोमल सा गुलाबी से लाल हो,प्यारी सी जीवन शैली ।।6 ।।
शैलेंद्र आनंद की सज गई तस्वीर,,
 मेरे प्यार की रंगत इस ज़माने में।।7 ।।
            ्््कवि््शैलेन्द़ आनंद

©Shailendra Anand    सायरी मोटिवेशन
्््कवि््शैलेन्द़ आनंद
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