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Stories related to बकरा ईद कब है

Parasram Arora

कब?

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Unsplash मेरी बिगड़ेल  चाहतो 
से मुझे राहत मिलेगी कब?

मेरे शरारती स्वार्थी तत्व 
आखिर कब समझ पायगे जीवन का यथार्थ?

मेरा मौन  चिल्लाना चाहता है युगो से 
आखिर उनकी आवाज़ मै सुन पाऊंगा कब?

©Parasram Arora कब?

Praveen Jain "पल्लव"

#sad_quotes इंसानियत का आसमान कब तक साफ होगा

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White पल्लव की डायरी
कब छटेगे दुविधाओं के बादल
साफ कभी अरमानो का आसमान होगा
खता हमने कुछ की नही
फिर कहर कियो हम सत्ता का झेल रहे है
कण कण में भगवान रहते
फिर सर्वे कर गुमराह कियो है
सियासी दाँव मजहब बन गया
इंसानियत का आसमान कब तक साफ होगा
                                           प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव" #sad_quotes इंसानियत का आसमान कब तक साफ होगा

N S Yadav GoldMine

#GoodMorning {Bolo Ji Radhey Radhey} कौन क्या कर रहा है, क्यों कर रहा है, कब कर रहा है, कैसे कर रहा है, कब करेगा, आप इन सबसे दूर रह कर यद

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White {Bolo Ji Radhey Radhey}
कौन क्या कर रहा है, क्यों कर 
रहा है, कब कर रहा है, कैसे कर 
रहा है, कब करेगा, आप इन सबसे 
दूर रह कर यदि (सुखी नाम) का 
जीवन जीना चाहते हो तो आप
सिर्फ भगवान श्री कृष्ण जी का 
मन से चिंतन करो जी।।

©N S Yadav GoldMine #GoodMorning {Bolo Ji Radhey Radhey}
कौन क्या कर रहा है, क्यों कर 
रहा है, कब कर रहा है, कैसे कर 
रहा है, कब करेगा, आप इन सबसे 
दूर रह कर यद

Adv Nimit kumar

#karwachouth ए चांद तू किस मजहब का है ईद भी तेरी करवाचौथ भी तेरी,

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White कभी करवा चौथ पर दीदार  

कभी ईद पर इंतजार,ऐ चांद 

बता तेरा मज़हब क्या है।!!!

तू सबका है तो जमीं पर.     

यह तमाशा क्या है.............

©Adv Nimit kumar #karwachouth ए चांद तू किस मजहब का है ईद भी तेरी करवाचौथ भी तेरी,

Rakesh frnds4ever

#कहना_सुनना आखिर कब तक #सहना सहना आखिर कब तक,,,,,, #क्रूरताओं और #अत्याचारों के बीच में चीखती मेरी #खामोशियाँ आखिर कब तक, प्रताड़नाओं

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Shashi Bhushan Mishra

#ख़्वाहिश कब लेती मंजूरी#

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ख़्वाहिश कब लेती मंज़ूरी,
रहती मन की बात अधूरी,

भाग्य साथ देता तो होती,
मनोकामनाएं  सब   पूरी,

दीदावर मिल जाए सच्चा,
नर्गिस कभी न हो  बेनूरी,

लोग  मुकर जाते वादे से,
रहती होगी कुछ मज़बूरी,

मनचाहा मिल जाए कैसे,
क़िस्मत के हाथों में छूरी,

हरपा हुआ नहीं फल देता,
छल प्रपंच से  रखना दूरी,

जीवन सफ़ल बना देता है,
'गुंजन' श्रद्धा  और  सबूरी,
--शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
      प्रयागराज उ०प्र०

©Shashi Bhushan Mishra #ख़्वाहिश कब लेती मंजूरी#
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