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MDS GK question
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read moreDeepbodhi
उठाते हैं तूफा यहाँ पर प्यालियों में लोग, जिनमे खाते छेद करते उन्ही थालियों में लोग। पी -पी कर सत्ता की मदिरा बेहिसाब, लुढ़क गए राजनीति की नालियों में लोग। हर्ष के उन्माद में जलाकर किसी का घर, खो गये अपनी अपनी दीवालियों में लोग। चुटकी भर खुशहाली पाने की उम्मीद में, जी रहे बरसो से बदहालियों में लोग। चमन में चुन चुन के जो नोचते है कलियाँ, उन को भी गिन रहे है मालियों में लोग। नपुंसक भीड़ जुटा करके अपने आस पास, खुश हो रहे खरीदी हुई तालियों में लोग। या जोड़ने में लोग खर्च कर देते जिन्दगी, या बिताते है जिन्दगी रखवालियों में लोग। उजाले में जो बाँटते गरीबो में अन्न बस्त्र, अँधेरे में शामिल वही मवालियो में लोग। कालिख को साफ करने के जरिये बहुत है 'राज', सो लगे है कोयले की दलाली में _______लोग। ©Deepbodhi #sad_quotes शायरी वीडियो शायरी लव रोमांटिक हिंदी शायरी '15 अगस्त पर शायरी' शायरी लव
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read moresidhu moosewala
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read moreनवनीत ठाकुर
नौकरी करने वालों, न करो खुद पर इतना गुमान, उस खामोश औरत की मेहनत को भी पहचानो, जो है घर की असल जान। बिन वेतन, बिन तालियों के वो हर दिन खप जाती है, हर मुश्किल को मुस्कुराकर सह लेती है, फिर भी चुप रह जाती है।" "वो है घर की बुनियाद, हर सुख-दुख की साथी, उसके बिना अधूरी है हर खुशी, हर बात प्यासी। चुपचाप समेटे रखती है अपने आंचल में घर की रौनक, उसकी मेहनत से घर में बसी है सुख-शांति की सौगात।" "हवा की तरह बहती, फिर भी उसकी पहचान खो जाती है, घर में हर खुशी का रंग, वो खुद मिटकर सजाती है। वो हर दर्द, हर ग़म छुपाकर अपनी मुस्कान सजाती है, अपने हर कदम से घर में नयापन और उजाला लाती है।" "वो ही है जो चुपचाप सारा भार उठाती है, घर की महक और खुशियों की जड़ बन जाती है। ©नवनीत ठाकुर #महिला