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Lalit Musiya
White अब तो गांव भी बदलने लगे है , और शहर जैसे लगने लगे है । वो कच्चे मिट्टी के घर अब गिरने लगे है , अब तो सीमेंट ईट के मकान बनने लगे है । दूर- दूर तक फैले होते थे घर के आंगन, भाई-भाई के झगड़े में वो भी अब सिमटने लगे है। घर के बाहर होते थे नीम और फलदार पेड़ अब वो भी कटने लगे है, अब तो गमले में तरह-तरह के पेड़ और फूल खिलने लगे है । हुआ करते थे गांव में कुएं और वहां लोगों का जमघट, अब तो वो कुएं भी सूखने लगे है,हर घर बोरवेल होने लगे है । खेतों को जोतते थे वो बैल अब वो भी बिकने लगे है , अब तो खेतों में चलते ट्रैक्टर दिखने लगे है । अब तो गांव भी बदलने लगे है , अब तो बेटे भी मां-बाप से दूर रहने लगे है । ©Lalit Musiya अब तो गांव भी बदलने लगे हैं #story #Poetry
सत्यमेव जयते
White चूम कर मेरे कफन को उसने क्या खूब कहा, नया कपड़ा क्या पहन लिया अब तो बात भी नही करते…! ©सत्यमेव जयते अब तो बात भी नही करते…!
Mamta Singh
White हां ये सच है कि हो गया है खत्म , सिलसिला हमारी मुलाकातों का । बंद हो गया सिलसिला , हमारी बातों का । पर अब भी, बज़्म में जो जिक्र-ए मोहब्बत होती है, तो आंखों में अब भी तेरी , सिर्फ तेरी ही , तस्वीर उभरती है। क्यों कि मोहब्बत तो अब भी है... सिर्फ तुमसे पर तूम्हे.....?? ©Mamta Singh #Romantic मोहब्बत तो अब भी है, सिर्फ तुमसे..
Anuj Ray
White इक वक्त के बिछड़े दिलों की दास्तान के पन्ने, न जाने कब से बर्फ की परत में ढके थे। बह बह के आंसुओं का जम गया था समंदर, खुली हवा में, आहिस्ता आहिस्ता पिघल रहे हैं। टूटा है पहाड़ गलत फहमी का, मुद्दत के बाद आज फिर से, पुरानी यादों के अलाव जल रहे हैं। ©Anuj Ray # यादों के अलाव जल रहे हैं"
कलम की दुनिया
व्यर्थ जो कर रहे हो मुझे अर्थ मेरा समझ आएगा तरसोगे एक एक बूंद के लिए पर मुझ तक पहुंच न पाओगे उस दिन तुम्हे मेरा अर्थ समझ आएगा ©कलम की दुनिया #जल
Anuj Ray
मोहब्बत तो आप भी" मोहब्बत तो अब भी, तुम्हीं से है,और ता उम्र रहेगी। बस कर्ज़ था मां बाप का इसीलिए ,शादी का जोड़ा पहन लिया। ©Anuj Ray # मोहब्बत तो अब भी"
Krishna
मछली जल की रानी हे जीवन उसका पानी है हाथ लगाओ दर जायेगी बाहर निकलो मर जायेगी ©Krishna #मछली जल की रानी हे #
Gondwana Sherni 750
"न राग है, न आवाज है मेरे शब्दों में खामोशी का इलाज है मेरे शब्दों में किसी से व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं, निशाने पर समाज है मेरे शब्दों में बड़े-बडो़ं की पोल खोल तो दूं मगर, छोटे-बड़े का लिहाज है मेरे शब्दों में अश्लीलता परस्त आज के जमाने में, शर्मो हया और लाज है मेरे शब्दों में सच ही सत्य है, सच ही इबादत है, पुरखा और उनकी धरोहर है मेरे शब्दों में जल जंगल जमीन पुरखा जोहार preeti uikye 750 03/03/24 ©Gondwana Sherni 750 #RoadTrip जल जंगल जमीन
Shashi Bhushan Mishra
जो मेरे गुण-दोष हैं उसके ही अनुरूप मिलेगा फल, वहाँ नहीं होती अनदेखी चलता नहीं है कल बल छल, सबके दिल की सुन लेता है करता दया निधान प्रभु, बड़ा दयालू है जगदीश्वर कहते सभी भक्त वत्सल, रखो साफ दिल के दर्पण को शांति प्रकट हो जाएगी, दिखता तभी रूप जल में जब होती नहीं कोई हलचल, दु:ख की पीड़ा से बचना है तो दिल की आवाज़ सुनो, मुश्क़िल हो जाएगा बचना माया का फैला दलदल, निर्मल मन ज्यों शाख लचकती बचती झंझावातों से, मन का मैल नहीं मिटता है धोने से तन को मलमल, मय कुटुंब सानंद गुजारो जीवन के दिन दुनिया में, काल न बाल करेगा बांका नाम जपो हरि का प्रतिपल, खिलते फूल ज्ञान के 'गुंजन' होता सफल तभी जीवन, सहज भाव लाती कोमलता हृदय बना देती समतल, ---शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' चेन्नई तमिलनाडु ©Shashi Bhushan Mishra #दिखता तभी रूप जल में#