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nishant kumar kishun
साथ निभा सके पुरी जिंदगी जो.. उसके हाथो में मेरा हाथ हो , राधा की चाहत नहीं अब जिंदगी में... मुझे तो रुक्मणि की तलाश है। -लेखक #alonesoul #राधा #रुकमणी
Naina ki Nazar se
कृष्ण पूरी तरह ना रुकमणी के हुवे ना राधा के ना ही मीरा के मगर रुकमणी पूरी तरह कृष्ण की थी राधा सम्पूर्ण कृष्ण की थी और मीरा भी समर्पित कृष्ण पे थी। अर्थात् एक औरत पूर्ण रूप से एक आदमी के लिए समर्पित हो सकती है ,मगर एक आदमी पूर्ण रूप से एक औरत के प्रति समर्पित नहीं हो सकता। Naina ki Nazar se कृष्ण#राधा#रुकमणी#मीरा#नैना की नजर से
Hemlata Khandelwal
राधा तो श्याम की सिर्फ़ कहलायी थी श्याम था तो रुकमणी का ही......
Raja Banerji
कितनों का दिल तोड़ा जिस शख्स के लिए, उससे मोहब्बत कमाल की हुई, ना साथ रह सके उसके ना दूर जा सके उससे। ©Raja Banerji किसी किसी का मुकम्मल, किसी का इश्क़ अधूरा रहता है, जैसे रुकमणी और कृष्ण, कृष्ण और राधा,मीरा और श्याम। #साथ
Ram N Mandal
मीरा भजन गाकर भी कृष्ण की न हुई मीरा कृष्ण के प्यार में बावली हो गई कृष्ण को पाकर भी रुक्मणी पूर्ण न हुई राधा अधूरी होकर भी मुकम्मल हो गई - Ram N Mandal Mira bhajan gaakar bhi krishna ki n hui Mira krishna ke pyar me bavali ho gai Krishna ko pakar bhi rukmani purn n hui Radha adhuri hokar bh
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
तुम्हीं हो राम को प्यारे । तुम्हीं हर कष्ट को टारे ।। तुम्हीं को हम सदा ध्यावें । तुम्हीं से आस हम पावें ।।१ नहीं चाहा कभी आधा । सुनो हे रुकमणी राधा ।। न रूठो याचना तुमसे । मिला तुम भी करो हमसे ।।२ महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR तुम्हीं हो राम को प्यारे । तुम्हीं हर कष्ट को टारे ।। तुम्हीं को हम सदा ध्यावें । तुम्हीं से आस हम पावें ।।१ नहीं चाहा कभी आधा । सुनो हे रु
Dharm Desai
कई रोज़ शामे आई और राते भी ढलती गई सुबह फिर से सांस भर कर दबे पांव चलती गई वो ठंडी सर्द बाहे भी लहरों से लड़ती गई वो गर्मजोश निगाहें भी दिल ही दिल में जलती गई सिस्काती मुसकाती वो पहर पहर चढ़ती गई बदन पे छाले थे फिर भी वो हर ग़म में हस्ती गई बागी था एक रागी था में अनुपम और अनुरागी था देख के उसकी बेबाकी आंखें मेरी भरती गई उसकी भुरी आंखो से मेरी परछाई पकड़ी गई थोड़ा रुक के फिर से चल दी वैसे ही चलती गई वो सहेलाना जुल्फों का उसका लहेरा के चलना था क्या? में भौचक्का सा हो गया, फिर शर्माना बहेलाना क्या? मुख का मधुबन लौट आया, काया भी सुंदर हो गई वो मदुराई कि राधा थी, कान्हा कि निंदर खो गई किसना ने ख़ुद को रोका भी, अंतरमन को टोका भी रानी ने जाना हाल ए दिल, अपनी कसमो को थोपा भी वो क्या मानत कन्हाई है; राधे संग प्रीत लगाई है नटखट नागर मथुरा में और बरसाने में हरजाई है बरसाने कि राधा रानी मथुरा कि रुकमणी जाए कहा कन्हाई अब दुविधा थी बड़ी घणी राधा ने श्याम पुकारा तो मथुरा मे स्वामी बोले है बृज से मथुरा का अंत
niraj kumar keshri
Happy Janmashtami श्री योगी राज कृष्ण की एक पत्नी थी जो थी माता रुकमणी और उनके अलावा उन्होंने किसी स्त्री को ना प्रेमिका बनाए और ना ही विवाह रचाया और योग के बहुत बड़े ज्ञानी थे, वे वेदों के भी ज्ञाता थे इसके लिए उन्होंने अर्जुन को गीता के रूप में ज्ञान दिए जो वेद के ही ज्ञान थे, उन्होंने ब्रह्मचर्य का 48 वर्ष तक पालन किया उनके ब्रह्मचर्य के रहते हुए उनकी विवाह रुकमणी से हुई थी तो उन्होंने विवाह पश्चात 18 वर्ष ब्रह्मचर्य पूर्ण की, उनकी गुणगान जितनी की जाए कम है और ऐसा कोई गुण नहीं जिसको अपनाया ना जाए। श्री योगी राज कृष्ण की एक पत्नी थी जो थी माता रुकमणी और उनके अलावा उन्होंने किसी स्त्री को ना प्रेमिका बनाए और ना ही विवाह रचाया और योग के ब
KM Jaya
you can follow me on Facebook km jaya ना राधिका सा प्रेम-प्रेम में बिरहा की कहानी चाहिए, ना मीरा सी भक्ति -भक्ति में विष का प्याला चाहिए । मुझे तो हे नटवर नागर ,हे गिरधर गोपाल रु