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प्रेम शंकर "नूरपुरिया"

खुले में पानी! #Flute #कविता

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इस लिए खुले में ना हगे😂🤣 Happy Diwali 💥🔥 #કોમેડી

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सुसि ग़ाफ़िल

खुले में बात करेंगे तो हम सुर्खियां बन जाएंगे, थोड़ा पर्दा रखते हैं साथ मूर्तियां बन जाएंगे|

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खुले में बात करेंगे तो हम सुर्खियां बन जाएंगे, 
थोड़ा  पर्दा  रखते  हैं साथ मूर्तियां बन जाएंगे| 
खुले में बात करेंगे तो हम सुर्खियां बन जाएंगे, 
थोड़ा पर्दा रखते हैं साथ मूर्तियां बन जाएंगे|

Sipahi yadav

#Labour_Day अपनी से दूर सिपाही खुले में बिस्तर लगा रखा है। Jajbaat-e-Khwahish(जज्बात) DEVENDRA KUMAR (देवेंद्र कुमार) 🙏 Ms.(P.✍️Gurjar) A #कविता #सिपाही_यादव✍️✍️

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#Labour_Day  **** मजदू₹ ****
बदन टूट रहा है मुस्कुराहटों में दर्द छुपा रखा है, 
दो वक़्त का भोजन, गरीबी का बोझ उठा रखा है।
आप सो गए चैन से अपने महलों में खा पी कर, 
अपनों से दूर सिपाही खुले में बिस्तर लगा रखा है।
#सिपाही_यादव✍️✍️ #Labour_Day 
अपनी से दूर सिपाही खुले में बिस्तर लगा रखा है।
 Jajbaat-e-Khwahish(जज्बात) DEVENDRA KUMAR (देवेंद्र कुमार) 🙏 Ms.(P.✍️Gurjar)  A

Sarita Shreyasi

आकांक्षायेँ तुम्हारी उड़ान चाहती हैं, खुले में कुछ स्व्छंद साँस चाहती हैं, खुद को मेरे संबंध से बंधा पाती हैं मेरी उपस्थिती में सिमट जाती हैं

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आकांक्षायेँ उड़ान चाहती हैं,
खुले में स्व्छंद साँस चाहती हैं,
खुद को संबंध से बंधा पाती हैं,
मेरी उपस्थिती में सिमट जाती हैं। आकांक्षायेँ तुम्हारी उड़ान चाहती हैं,
खुले में कुछ स्व्छंद साँस चाहती हैं,
खुद को मेरे संबंध से बंधा पाती हैं
मेरी उपस्थिती में सिमट जाती हैं

Mahfuz nisar

#twilight कितना इंतज़ार किया था तुमने, फिर भी घर नहीं पहुँच सके, रास्ते के लंबे साँप ने डस लिया, खुले में रखी है लाश तुम्हारी, बच्चा चादर खी

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कितना इंतज़ार किया था तुमने,
फिर भी घर नहीं पहुँच सके,
रास्ते के लंबे साँप ने डस लिया,
खुले में रखी है लाश तुम्हारी,
बच्चा चादर खींच रहा है,और
तुम्हारे रखवाले अनुलोम-विलोम।
✍mahfuz nisar © #twilight कितना इंतज़ार किया था तुमने,
फिर भी घर नहीं पहुँच सके,
रास्ते के लंबे साँप ने डस लिया,
खुले में रखी है लाश तुम्हारी,
बच्चा चादर खी

Ashwani Dixit

जालंधर विशप नन रेप कांड पर विशेष - कैंडिल नहीं प्रोटेस्ट नहीं, नहीं लेख अख़बार। घोड़े बेचकर सो गए सब, चोरों के सरदार।। चोरों के सरदार, नन को

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कैंडिल नहीं प्रोटेस्ट नहीं, नहीं लेख अख़बार।
घोड़े बेचकर सो गए सब, चोरों के सरदार।।

चोरों के सरदार, नन को ही दोषी बतलायें।
विशप खुले में घूमता, अब कोई न चिल्लाए।।

अपराधी के धर्म यहां, आउट-रेज करवाते।
अगर नैरेटिव सेट नहीं, चुपके से सो जाते।। जालंधर विशप नन रेप कांड पर विशेष - 
कैंडिल नहीं प्रोटेस्ट नहीं, नहीं लेख अख़बार।
घोड़े बेचकर सो गए सब, चोरों के सरदार।।

चोरों के सरदार, नन को

Sobersoul

उनके दिल में बड़ा अंधेरा था, और उस शख्स को रोशनी और खुली हवा की जरूरत थी। ❤️ खुले में सांस लेते हुए अब उसे शिकायतें तो बस उस पथरीले रास्ते #Poetry #HeartBreak #lovequotes #writer #alone #nojotophoto #sobersoul

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 उनके दिल में बड़ा 
अंधेरा था,
और उस शख्स को रोशनी और
खुली हवा की जरूरत थी। ❤️
खुले में सांस लेते हुए
अब उसे शिकायतें तो 
बस उस पथरीले रास्ते

साक्षी

हम किसी को कभी आजमाया नहीं करते, जो ना समझे बातें उनको समझाया नहीं करते। लोग मरहम वही लगाते हैं जो दर्द देता है, हर जख्म सबको दिखाया नहीं क

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हम किसी को कभी आजमाया नहीं करते,
जो ना समझे बातें उनको समझाया नहीं करते। 
लोग मरहम वही लगाते हैं जो दर्द देता है,
हर जख्म सबको दिखाया नहीं करते।।
तुम्हें देखकर तुम्हारे बच्चे क्या सीखेंगे, 
रोज शराब पीकर घर को जाया नही करते। 
लोगों से कहाँ देखी जाती है एक दूसरे की "खुशी",
खुले में खुशियाँ मनाया नहीं करते।। हम किसी को कभी आजमाया नहीं करते,
जो ना समझे बातें उनको समझाया नहीं करते। 
लोग मरहम वही लगाते हैं जो दर्द देता है,
हर जख्म सबको दिखाया नहीं क

अम्बुज बाजपेई"शिवम्"

बहते दरिया के पानी सी शख्सियत है मेरी, गर ठहर गया कहीं तो कहीं गंदा न हो जाऊं। . अंधेरों में भी आंखे बंद कर के रखता हूं, बेफिजूल की चमक लगे #yourquote #yqbaba #yqdidi #yqquotes #totd #yqdost #1105thquote

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बहते दरिया के पानी सी शख्सियत है मेरी,
गर ठहर गया कहीं तो कहीं गंदा न हो जाऊं।
.
अंधेरों में भी आंखे बंद कर के रखता हूं,
बेफिजूल की चमक लगे तो कहीं अंधा न हो जाऊं।
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मेरी मानो तो खुले में ही छोड़ दो मेरे टूटे ख्वाबों के बीजों को,
गहरा दबाया तो कही नमी से फिर से जिंदा न हो जाऊं।।
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 बहते दरिया के पानी सी शख्सियत है मेरी,
गर ठहर गया कहीं तो कहीं गंदा न हो जाऊं।
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अंधेरों में भी आंखे बंद कर के रखता हूं,
बेफिजूल की चमक लगे
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