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Aditya

दुसरा मौका सिर्फ कहानियां देती है जिंदगी नहीं ! 💫📌 #Virel #Shaayari

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Unsplash दुसरा मौका सिर्फ कहानियां देती है जिंदगी नहीं ! 💫📌

©Aditya दुसरा मौका सिर्फ कहानियां देती है जिंदगी नहीं ! 💫📌 #virel #Shaayari

Parasram Arora

आदम और ईव

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Unsplash वो दिन याद करो 
ज़ब ये आदमी पहले  "आदम "  था 
और स्त्री "ईव " थीं 

तब न आखर था न शब्द न लिपि 
न कोई आपस मे संवाद था 
तब केवल ध्वनि थीं तरंग थीं लय थीं
इसके बाद वो ध्वनि  कब  संगीत बनी कब सरगम मे तब्दील हुई कोई नहीं जानता
लेकिन वो "आदम " तब तक आदमी और  वो ईव स्त्री मे  रूपांतरित 
 हो  गए थे

©Parasram Arora  आदम और ईव

Vs Nagerkoti

#good_night इस दुनियां की अनगिनत कहानियां ।

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White कितना अद्भुत रहस्य है 

जिसके पास सब कुछ हो वो कभी समझ
नही पाता है  ।
जिसके पास कुछ नहीं वो हर खुशी चाहता है ।
कोई जीना भूल गया कमाने के चक्कर मे ।
कोई खाना भी भूल जाता हैं करोड़ों की बहस 
मैं।
कोई दुनियां भुलाकर सोता है खुले आसमान 
के नीचे ।
किसी को मखमली बिस्तर होके भी चैन नहीं 
पाता है ।
कोई हार जाता हैं जमाने में अपनों की बदौलत 
कोई गैरों के लिए भी जी के चला जाता हैं ।
खाली हाथ लौट जाता हैं एक रोज हर कोई ।
शायद इस सफर को कोई कभी समझ पाया 
है ।

©Vs Nagerkoti #good_night इस दुनियां की अनगिनत कहानियां ।

Asheesh Mishra

MiMi Flix

"मोंटू, चुटकी और हुकु का बाढ़ से बचाव" - घने बादलों की गड़गड़ाहट और मूसलाधार बारिश से जंगल में खतरा मंडराने लगा। बढ़ते जल स्तर ने जानवरों को

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Parasram Arora

आदर्श और संवेदनाये

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White हमारे  आदर्शी को पस्तझनी देने मे समर्थ है हमानी विचलित  चेतनाये
 
तभी तों  रेत मे मुंह छुपा कर रहती है  हमारी अनसुलझी समस्याएं 

जबकि अंतकाल तक हम फेरते रहते है मुर्ख 
सपनो की  मालाये
शायद इसीलीये  डूब चुके है हमारे भाव  और ख़ो चुकी है  संवेदनाये

©Parasram Arora आदर्श और संवेदनाये

Ashok Verma "Hamdard"

#गांव और शहर

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White अच्छे थे वो, कच्चे घर भी,
इमारतों में, इंतजाम बहुत है!!

गाँव की गलियाँ, खाली पड़ी हैं,
शहरों में, सामान बहुत है!!

खुली हवा में, जो चैन मिलता,
बंद कमरों में, धुआँ बहुत है!!

न रिश्तों की अब, गर्मी बची है,
पर तकनीकी, सम्मान बहुत है!!

दादी-नानी की बातें छूटीं,
 मोबाईल में ही ज्ञान बहुत है!!

सच्ची हंसी, कम दिखती अब,
लेकिन चेहरे पर ,नकाब बहुत है!!

सुख-सुविधाओं से घिरा इंसान,
पर दिलों में, अरमान बहुत है!!

दौड़ रही दुनिया, आगे बढ़ने को,
फिर भी जीने में, थकान बहुत है!!

सादगी की जो मिठास थी कभी,
अब दिखावे में, ईमान बहुत है!!

अकेले होते लोग भीड़ में,
फिर भी दिखते, महान बहुत है!!

*अशोक वर्मा "हमदर्द"*(कोलकाता)

©Ashok Verma "Hamdard" #गांव और शहर
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