Find the Latest Status about सुर्य चुरोट from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, सुर्य चुरोट.
Manni Kumar *
उडीसा सुर्य मंदिर। ©Manni Kumar * उडीसा सुर्य मंदिर। ये अलौकिक दर्शन 200 वर्षो पर होती है।बिहार दर्शन। भागो मत दुनिया को बदलो।आपन बिहार।
Kamaal Husain
दिना सुर्य रोये धरा रोये रतिया बताएं सुनो का ये करती हैं बतिया ये सुरज का ग़म की उजाले में उसके लूटी कोई फिर से यहाँ आज बिटिया धरा रो के कहती है मजबूर थी मैं नहीं उस दरिंदे की लै लेतिं संसिया सुना बचपने मा रहा एक भजन हम कि गुरूवर हैं अच्छे ख़तरनाक रसिया ये पर्वत नदी रात जो बोलती है कसम से वो सुनके है फट जाए छतिया #yqdidi #bhaijaan#yourquote दिना सुर्य रोये धरा रोये रतिया बताएं सुनो का ये करती हैं बतिया ये सुरज का ग़म की उजाले में उसके लूटी
Shree
कभी देखा है.. हर पत्थर धुला है हर पत्ता धुला है हवाएं खुली-खुली दिल का कारवां जवां है बादलों से ढंकी चोटियां या धूप से चटकते पत्थर शीशे पर सरकती बूंदें फूलों से रंगी ये जहां महोगनी के वृक्ष की तरह भुजाएं जोड़े खड़ी शाखाएं प्रेम को लालायित.. धकेलती.. तुम्हारे पास लाती ये कविताएं! ✍🏻 Full poem below कभी देखा है.. हर पत्थर धुला है हर पत्ता धुला है हवाएं खुली-खुली दिल का कारवां जवां है
Shree
सही ग़लत के रेले में ख्वाहिशें यूं अकेले में इत-उत उग ही आई, दायरों के रुपहली सेंध पत्थरों में भी घर कर लहलहा धन्य कर आई, सच झूठ के फिर फेरे में रेत के टिब्बे धुआं आंधी में यादों से बना, बिगाड़ आये, मांगा-साझा-सुलझा-उलझा इन संध्या सुर्य के झमेलों में निशा ये आधी गुजार आये। सही ग़लत के रेले में ख्वाहिशें यूं अकेले में इत-उत उग ही आई, दायरों के रुपहली सेंध पत्थरों में भी घर कर लहलहा धन्य कर आई,
Shree
सुनो ना, मोरे प्रेम! तुमरे साथ हमारे लिए इतने रंग लेकर आए, इन रंगों में रंगकर ना जाने क्या-क्या भर लाए हो! मजमूआ बनूं, ऐसे संग रहो तेरे रंग जिऊं, नया आगाज़, नया आयाम, नया किस्सा लाये हो, महसूस तुमरी मुस्कान में रंग गुलाबी बयां, हंसी बरसात सी करें मोह पर तू आसमानी हो, उम्मीद बन उगता मन ये सुर्य में केसरिया, फूल पीले, सुंदर-सुंदर, मनआंगन हरियाली हो, गीत सुनहरे, बोल पीहड़ सी, यूं बतियाना घड़ी के कांटों पर कोई बैंगनी फुहारा छिड़का हो, किसने रचा-कहा रंगों के मतलबी अफसाने, तुमरी सफेदी का सुकून तो पनाहों में मोहे लाल लगे!! कभी-कभी जितना पूरी बरसात नहीं भींगा पाती, उससे कहीं ज्यादा किसी एक शाम के बेमौसम बारिश तर कर देती है...तन, मन, जीवन! रंगों को जब जहां जैसे आ
Jitendra Kumar
सूर्य से चन्द्र का अन्तर जब 121° से 132° तक होता है, तब शुक्ल पक्ष की एकादशी और 301° से 312° तक कृष्ण एकादशी रहती है। एकादशी को ‘ग्यारस या ग्यास’ भी कहते हैं। एकादशी के स्वामी विश्वेदेवा हैं। एकादशी का विशेष नाम ‘नन्दा’ है। एकादशी सोमवार को होने से 'क्रकच योग' तथा 'दग्ध योग' का निर्माण करती है, जो शुभ कार्यों (व्रत उपवास को छोड़कर) में वर्जित है। रविवार तथा मंगलवार को एकादशी मृत्युदा तथा शुक्रवार को सिद्धिदा होती है। एकादशी की दिशा आग्नेय है। चन्द्रमा की इस ग्यारहवीं कला के अमृत का पान उमा देवी करती है। भविष्य पुराण के अनुसार एकादशी को विश्वेदेवा की पूजा करने से धन-धान्य, सन्तति, वाहन, पशु तथा आवास आदि की प्राप्ति होती है। एकादश्यां यथोद्दिष्टा विश्वेदेवाः प्रपूजिताः। प्रजां पशुं धनं धान्यं प्रयच्छन्ति महीं तथा।। विशेष – एकादशी तिथि बृहस्पति ग्रह की जन्म तिथि है। ©Jitendra Kumar सुर्य से चन्द्रमा का अन्तर
CK JOHNY
सतगुरु हैं सुर्य समान दूर करें अज्ञान दूर करें अज्ञान भर्म वहम टिक न पावें नाम सुमिरन बख्श बुद्धि प्रखर बनावें। सतगुरु कृपा से जब बुद्धि प्रखर हो जाई काल की शैतानी ताकत कबहूँ निकट न आई। भवसागर से पार पहुँचे अपने मुकाम सतगुरु हैं सूर्य समान दूर करें अज्ञान। सतगुरू सुर्य
Kavya Goswami
क्या विज्ञान की यहीं तरक्की है ! ( कृपया अनुशीर्षक में पढ़े...) क्या विज्ञान की यहीं तरक्की है ! फूलों की घाटी से गुजरते हुए क्यूँ मन के सारे दू:ख दर्द गुम हो जाते है, क्यूँ नदियों की चंचल धारा हमारा मन