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Praveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी वातावरण दूषित, व्यबस्था मन को कसौटती है आपाधापी मची है जीवन मे खुराक मिलावटी और जहरीली मिलती है खिले है व्यसन के द्वार इनकी लतो से जीडीपी सरकारों की बढ़ती है डिप्रेशन और निराशा के अधीन जीवन जो रोगो को आमंत्रण देती है स्वस्थ रहना अब दूर की कौड़ी हो गया बीमारियों से कई देशों की अर्थव्यवस्था चलती है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #Health बीमारियो से कई देशों की अर्थव्यवस्था चलती है
#Health बीमारियो से कई देशों की अर्थव्यवस्था चलती है
read moreनवनीत ठाकुर
Unsplash जिंदगी के सफर में जो मौन रहते हैं अक्सर, उनकी खामोशी में कई राज़ छुपे होते हैं। सूरत की जगह, हर किसी की नज़रों से देखो, कुछ जख्म चेहरे पे नहीं, दिल में रहते हैं। राहों में खो जाने वाले, कभी नहीं हारते, वो अपनी तक़दीर खुद से लिखते हैं। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर जिंदगी के सफर में जो मौन रहते हैं अक्सर, उनकी खामोशी में कई राज़ छुपे होते हैं। सूरत की जगह, हर किसी की नज़रों से देखो, कुछ जख
#नवनीतठाकुर जिंदगी के सफर में जो मौन रहते हैं अक्सर, उनकी खामोशी में कई राज़ छुपे होते हैं। सूरत की जगह, हर किसी की नज़रों से देखो, कुछ जख
read morevksrivastav
White कई खयाल हैं लोगों के मेरे बारे में जुबां से कुछ नही कहते हैं सब इशारे में मेरी जद्दोजहद पे जिनको हंसी आती है बारिशें छोड़ नहाते हैं ख़ुद फुआरे में ©Vk srivastav कई खयाल हैं लोगों के #viral #Shayari #Videos #SAD #Trending #vksrivastav
Parasram Arora
Unsplash जिंदगी को अपना समझ कर मैंने उससे गुफफ़्तगू करली और बहूत सारे अपने राज़ भी उससे साझा कर लिए अब पछता रहा हूँ कि कही वो मेरे राज़ सबकेसामने उगल न दे काश जिंदगी मेरी बहरी होती ©Parasram Arora जिंदगी से गुफ़्तगू
जिंदगी से गुफ़्तगू
read moregaTTubaba
जुबां से चुप हैं आंखों से भी हो जाएं क्या ? ©gaTTubaba जुबां से चुप हैं आंखों से भी हो जाएं क्या ?
जुबां से चुप हैं आंखों से भी हो जाएं क्या ?
read morekuldeepbabra
पहले लगाए जाते हैं फिर उनको काट दिए जाते हैं ऐसी है जिंदगी# Extraterrestrial life wvideoshow" class="text-blue-400" target="_blank">wvideoshow
read moreAnuradha T Gautam 6280
नवनीत ठाकुर
"जहां से सब छोड़ देते हैं उम्मीदें सारी, हम वहां से नई शुरुआत करते हैं। जिस शाख से पत्ते भी झड़ जाएं सारे, हम वहीं से उड़ान भरते हैं । ©नवनीत ठाकुर "जहां से सब छोड़ देते हैं उम्मीदें सारी, हम वहां से नई शुरुआत करते हैं। जिस शाख से पत्ते भी झड़ जाएं सारे, हम वहीं से उड़ान भरते हैं ।
"जहां से सब छोड़ देते हैं उम्मीदें सारी, हम वहां से नई शुरुआत करते हैं। जिस शाख से पत्ते भी झड़ जाएं सारे, हम वहीं से उड़ान भरते हैं ।
read moreshumaila anjum..
White जिनपे दुश्मनी का डर हो,, उनसे फासले ज़रूरी है... ©shumaila anjum.. #फासले