Find the Latest Status about जाम सांवरी from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, जाम सांवरी.
Tarakeshwar Dubey
सांवरी ......... आंखें उसकी तिरछी कटारी, अरुणिम उभरे गाल। सगरे बदन पर सितारे लपेटे, ठुमकत हिरनी चाल। रुनझुन छनकावत पैजनियां, लिए हाथ रुमाल। अधरों की लाली के आगे, फीकी लागे गुलाब। जूड़े से लटके गजरे उसके, घायल कर दे गमक के। बीबी मेरी बड़ी रंगीली, चले जी देखो संवर के। उसके मतवालेपन के आगे, मैं सारा जग हारूं। जो कुछ है मेरे बस में, सब कुछ उस पर वारूं। चारु चंद्र की चतुर कामिनी, जीवन रंगीन बना दूं। उसके कोमल कदमों नीचे, फूलों की सेज बिछा दूं। चमके ऐसे रूप की रानी, आई चांदनी उतर के। बीबी मेरी बड़ी रंगीली, चले जी देखो संवर के। कदंब की टहनी पर बैठी, कोयल कुहूंके गाये। अपनी ही मीठी बोली में, मन के गीत सुनाये। सांवरिया संग लागी नेह, अपने हुए पराये। बचपन के जो सगे संगी, अब न उसको भाये। चढ़ी अटारी बाट निहारे, रानी राजमहल के। बीबी मेरी बड़ी रंगीली, चले जी देखो संवर के। ©Tarakeshwar Dubey सांवरी #Books
sachu bihaniya
दोस्त ना सही दुश्मन ही बना लो निगाहों से ना सही जाम से ही पिला दो और नशा तुम्हारी निगाहों से ज्यादा जाम में ही होगा एक घूंट जाम का तुम पीकर बाकी हमें पिला दो जाम
HARSH VARDHAN
वक्त कहा गुजर रहा हैं..।। हम यूहीं काट रहे हैं..।। हर रात जाम के संग अपने दर्द बाट रहें..।। हर्ष वर्धन 💐 जाम....
Guruji
ये ही एक फर्क है तेरे और मेरे शहर की बारिश में! तेरे यहाँ ‘जाम’ लगता है, मेरे यहाँ ‘जाम’ लगते हैं..!! Dil_da_nai_mada143 जाम
nikhil
Alone रेत सी हैं न तू भी ज़िन्दगी जब तक गीली हैं थमी हैं, जहाँ सूखने लगी तो फिसलने लगी थामे हाथो से तू रेत बनजा और मैं बन पानी तुझे थाम लू तू ख्वाब हैं मेरी बंद आँखों का और मैं नींद बन तुझे थाम लू। तू सुकुन बन जा मेरी चाहत का और मैं तुझे बना जाम चख लू । feel by heart~neer~breath of love जाम
संजीव निगम अनाम
बहक जाए इरादा कर,संवर हर शाम आता है, लिऐ मस्ती निगाहों भर,लबालब जाम आता है। बशिंदे है जो लखनऊ के,दशहरी स्वाद पहचाने, तपी धरती दुपहरी जब,घरों में आम आता है। चुरा कर दिल संकू मेरा,दरोगा खुद हुआ जाता, किये जो एक मैसज हम,लिए इल्जाम आता है। सफर कितना सुहाना हो,खत्म हो लाजमी ये भी, परिंदा शाख जा बैठे,तभी आराम आता है। तेरी बातें तेरे मैसेज,तेरी तस्वीर ही देखे, यहीं फन है हमे हासिल,यही बस काम आता है। अमिट कर्मो का लेखा है,मिटाए जो नहीं मिटता, किए कर्मो का आखिर पल,पलट अंजाम आता है। उदासी का सबब क्या है,कभी "अनाम" तुम पूछो, मुसलसल हश्र ख़्वाबों का,हुआ नाकाम आता है। - संजीव निगम "अनाम" #जाम
©️shaan_writzz
©️writer_shaan🌠 क्या लिखूं की मेरे जज्बात जाहिर हो? बताओ तुम्हें सुहानी सी शाम लिख दूं? या फिर कोई मदहोश सी जाम लिख दूं!! 🥂 जाम