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Urooj Khan
White शक,, किसी भी रिश्ते में लगी उस दीमक की तरह है, जो उस रिश्ते को अंदर ही अंदर कमजोर बहुत कमजोर कर देता है, ज़ब तक इस बात का आभास होता है तब तक बहुत देर हो चुकी होती है, सिवाय पछतावे के कुछ हाथ नही लगता है ज़ब गलतफहमीयों का सिलसिला बड़ जाता है तब चाहे कोई भी रिश्ता क्यूँ ना हो जिसकी बुनियाद प्यार हो, टूट ही जाता है अगर उन गलतफहमीयों को समय रहते दूर न किया जाए ऐसा ही कुछ इस धारावाहिक के नायक और नायिका की जिंदगी में भी हुआ, जिनके दरमियान प्यार तो बहुत था लेकिन कुछ गलत फेहमीयों के चलते उनका रिश्ता टूटने की कगार पर आन पंहुचा आइये जानते है क्या उनके बीच की गलत फेहमीया दूर हो जाएंगी, आखिर क्या वजह रही जो उनके दरमियान शक नामी कीड़े ने घर बना लिया क्या इसकी वजह किसी तीसरे का उनके दरमियान आ जाना था, जानने के लिए शुरू करते है, धारावाहिक वो हमसफ़र का पहला भाग ©Urooj Khan #धारावाहिक को पढ़ने के लिए लिंक पर click करे धन्यवाद https://pratilipi.page.link/NeBAArUL71s8djUW9
Nilesh
प्रेम में तो मैं पहले भी हारा हुआ ही था इसलिए मैंने उसे प्रेमिका नहीं अर्धांगिनी बनाना चाहा था ©Nilesh #Prem
Akansh
प्रेम करने वाले.. केवल स्त्रियों के भाग्य में होते हैं... पुरुषों के भाग्य तो बस.. समझौते और सौदे वाले ही आते हैं... #Janjgiriya_Lover ©Akansh Prem #Prem #traintrack
nikita kothari
एक स्त्री ज़ब प्रेम करती हैं,तो वह करती हैं अटूट प्रेम वो बनी हैं प्रेम में मीरा, वह बनी प्रेम में राधा वह तपती हैं विरह में रात दिन उसके प्रेम में झलकती कोमलता, सहजता,सरलता। ©nikita kothari #Prem,#stree ka prem
शशांक की कलम से
टेसू के रंगों सी ज्वाला,वो मन में भड़काती है कोयल की बोली में मीठे,मीठे गीत सुनाती है महुआ सी मादकता लेकर,तन-मन को बहकाती है आमों की बौरों सी पगली,सबको ही बौराती है फागुन में होली आकर तब,दिल को शीतल करती है गालों पर साजन के सजनी,जब प्रीत का रंग लगाती है ©शशांक की कलम से #prem
sabr
मेरे लिए प्रेम कोई स्वार्थ नहीं है, न कोई दैहिक सुख, और न ही कोई प्रलोभन, मेरे लिए प्रेम है निस्वार्थ वात्सल्य की तरह, जो स्पर्श भी करे तो , उसमे इतनी आत्मीयता व्याप्त हो, कि उसकी छुअन किसी पुष्प की कोमलता सा लगे, उसके हाथो में हाथ होना, मानो जहां भर से लड़ने का हौंसला, अंधेरी राह में जैसे , कोई टिमटिमाता सा सितारा, मेरे आस पास मंडराता सा, उसका आलिंगन जैसे, एक सुखद सा एहसास, जैसे समस्त भावों का, एक अथाह समुंदर सा उमड़ आना, जैसे समेट लिया हो किसी ने, टूटे बिखरे हुए से व्याकुल मन को, और बांध लिया हो , अपनी आत्मा से सदा के लिए ....! ©sabr #Prem