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अभिव्यक्ति और अहसास -राहुल आरेज
White नौकरी बजानी होती है सहाब, झोला उठाकर निकल जाता हूं लौट आता निस्तेज मै क्या करूं, पेट बडा हो गया है मेरा सब डकार जाता है रद्दी हो या बेकार, नौकरी बजानी होती है सहाब पकने लगे है अब बाल मेरे , सब पता है फिर भी चलायमान तन मन, रूकता कहां है थमता कहां है हा ठिकाना भी जानता हूं साठ के बाद का वही पिछले का पुराना पलंग , गंदी तकिया और वो अंतिम पथ का प्रथम कोना। हास्यपद है फिर भी नौकरी बजानी पडती है सहाब। ©अभिव्यक्ति और अहसास -राहुल आरेज नौकरी बजानी होती है सहाब
नौकरी बजानी होती है सहाब
read moreVinod Mishra
Anuradha T Gautam 6280
#मां_को_मां_की_जरूरत मां क्या होती है एक मां ही समझ सकती है जाकर मां से पूछो जिनकी मां नहीं होती अरे हमारे सामने तो मां होती है पर उसकी कद
read moreRAMLALIT NIRALA
आप सभी भाईयों से रिक्वेस्ट है कुहेसा मे गाडी धीरे चलाये क्योंकि गाडी तो मील जायेगी पर आप जैसा भाई मूझे नही मीलेगा थोडा धीरे चले आगे कुहेसा है आप बचे और दूसरो को भी बचाये सब ग्रुप में शेयर कर दे ©RAMLALIT NIRALA किमत सोना और चांदी की नहीं होती किमत जान कि होती है बचालो आप के ही हाथ में है
किमत सोना और चांदी की नहीं होती किमत जान कि होती है बचालो आप के ही हाथ में है
read moreAnuj Ray
White सर्दियों की दस्तक है" शीतलहर की शुरुआत हो चुकी है हिमशिखर पे, हल्की हल्की सर्दियों की दस्तक है। उठाना है जिन्हें लुत्फ़ वादियों में बर्फ रवानगी डाल दें पहाड़ों पे घूमने का यही वक्त है। धरती पे स्वर्ग की यादों को संजोने का यही मौका है, जन्नत में मधुर चंद्रिमा का यही वक्त है। ©Anuj Ray #सर्दियों की दस्तक है"
#सर्दियों की दस्तक है"
read moreਸੀਰਿਯਸ jatt
"बताओ कितना बुरा हाल है, जिसको प्यार की ज़रूरत होती है, उसको मिलता नहीं जिसको मिलता है उन मादरचोद लोगो को क़दर नही! "
read moreVEER NIRVEL
मेकअप वेकअप सब कहने को है.. सुन्दरता सादगी से शुरू होती है... #Veer_Ki_Shayari ©VEER NIRVEL मेकअप वेकअप सब कहने को है.. सुन्दरता सादगी से शुरू होती है... #Veer_Ki_Shayari
मेकअप वेकअप सब कहने को है.. सुन्दरता सादगी से शुरू होती है... #Veer_ki_Shayari
read morePraveen Jain "पल्लव"
White पल्लव की डायरी है अकेला तू,गति कर्मो की है चेतना की सुध भी नही लेता तू मोहपाश में ज्यो ज्यो फ़ँसा तू बन्धनों में ऐसा जकड़ा तू राग द्वेष का व्यापार चलाता तू किसी से प्रीती किसी से दुश्मनी कर भावो की सतत सरिता में बहकर नित पापो से कलुषित आत्मा करता क्यू भोग ही जीवन नही है योग संजोग निज तत्वों में ला भटकावों के सजे है मेले दुनियाँ में तू इनमे फँसने, बार बार जन्म ना पा क्लोज करो यहाँ कर्मो का एकाउंट बार बार के जन्म मरण से आत्मा को मुक्ति करो प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #sad_quotes है अकेला तू,गति कर्मों की है
#sad_quotes है अकेला तू,गति कर्मों की है
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