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Ghumnam Gautam
kavi pawan Sen
मुक्तक एक मारीक्ष ने स्वयं को हिरण कर लिया राम जी ने धनुष का वरण कर लिया राम जी क्या गए कुटिया छोड़ कर एक साधू ने सीता हरण कर लिया ©kavi pawan Sen #NojotoRamleela सीता हरण कर लिया Kajal Singh [ ज़िंदगी ] Chanchal Chaturvedi Dr Namrata Jain ANOOP PANDEY मनीष कुमार पाटीदार
J shree
क्या अच्छा क्या बुरा हुआ। अहंकार का सतीत्व पर प्रहार हुआ। तेरे आत्म सम्मान को मीटाउगा। अपनी काम क्रोध और अभिलाषाओं को बुझाउगा। एक अहंकारी के अहंकार प्रचार हुआ। सीता पर विपत्ति अती भारी,ये तो अंत ही बताएगा वक्त किस पर रहा उपकारी। ©J shree सीता हरण #NojotoRamleela ram singh yadav heartlessrj1297 Jugal Kisओर Surya Sawan(Producer) Skumar
sirohibholu
नेह का व्याकरण हम नही जानते , यानी जीवन -मरण हम नही जानते ।। हम हैं सीता स्वयंवर में हारे हुए, किंतु सीता हरण हम नही जानते।। @sirohibholu नेह का व्याकरण हम नही जानते , यानी जीवन -मरण हम नही जानते ।। हम हैं सीता स्वयंवर में हारे हुए, किंतु सीता हरण हम नही जानते।।
Pankaj Kumar_111
"JUSTICE FOR ISHITA" मेरे देश में फिर वही विधान ला दो, सीता हरण, पे लंका दहन, रावण मरण .! और चीरहरण पर महाभारत करा दो..!! राइटर_Pankaj Vaish_786 #शायर साहब# "JUSTICE FOR ISHITA" मेरे देश में फिर वही विधान ला दो, सीता हरण, पे लंका दहन, रावण मरण .! और चीरहरण पर महाभारत करा दो..!! राइटर_Pankaj V
Unpredictable.Ink
रावण को अपना आदर्श मानने वालों राम सा चरित्र कहां से लाओगे पराई स्त्री पर होकर मोहित एक स्त्री के प्रति समर्पण कैसे निभा पाओगे कहते हो एक औरत के सम्मान मे हुईं ये कथा हैं पर दूसरी औरत के सम्मान को भी तो रावण द्वारा कुचला गया हैं ©Unpredictableink आज के दिन यह कुछ लाइन पढ़ने को मिलती है ना जाने क्यूँ कहा जाता है "राम तेरे युग का रावण ही सही था दसों सर सामने रखता था " पर शायद उन्होंने
नंदन.
रावण का पुतला जलाने वालों रावण जिंदा रखा सीने में अच्छा हुआ सीता हरण हुई पुराने जमाने में रावण केवल दस सिर का प्रतीक नहीं रावण अतताइ यह केवल ठीक नहीं था असुरपति यह यह केवल ठीक नहीं ब्राह्मणों का अभिमान था रावण भुपों के भोग,विलास का प्रतीकात्मक रूप था रावण सच कहूं तो तुमसे कहीं मर्यादा में मर्यादित था रावण रावण का पुतला जलाने वालों रावण को जिंदा रखा कूकृत्य के अंशों में आज भी रावण दाह होता दिल्ली और हरियाणा में हवसी था रावण यह याद रखा निर्भया कांड हुआ दिल्ली में रावण मरा नहीं रावण पला हमारे गलियों में आज सोचता हूं सीता हरण तो रूह कांप उठता पसीना आता पूस महीने में वुमंस डे के बाद वुमंस की गति पर रावण का चिंतन। -नंदन ©M.N.Sahitya Sangh,Katihar Mn75 #Women रावण का पुतला जलाने वालों रावण जिंदा रखा सीने में अच्छा हुआ सीता हरण हुई पुराने जमाने में रावण केवल दस सिर का प्रतीक नहीं रावण अतताइ
Divya Joshi
माता सीता का जब कर चला हरण भरने लगा पापों का घड़ा तेरा लंकापति रावण वृद्ध गिद्धराज जटायू ने जोर बहुत लगाया रावण ने उन्हें घायल कर अट्टहास खूब लगाया भाग्य भी अरुणपुत्र जटायू देखो क्या लिख लाया मर्यादा पुरषोत्तम राम के हाथों पिंडदान था पाया थी सीख सिखानी हमें तभी विधि ने हरण की लीला रचाई क्या नही बचा सकती थी खुद को जो खीर में पड़े तिनके को नज़रों से भस्म कर आई कर्म सभी के साथ हैं अपने जब ईश्वर न बच पाए हम तो हैं फिर मनुपुत्र बिन कर्मफल भोगे कहाँ जाए ©Divya Joshi माता सीता हरण: जटायु प्रसंग माता सीता का जब कर चला हरण भरने लगा पापों का घड़ा तेरा लंकापति रावण वृद्ध गिद्धराज जटायु ने जोर बहुत लगाया राव
Naresh Chandra
बुराई को अपने हृदय से निकालो अंहकार तुम पहले अपने जलाओ शुद्धता को अपने मन मे ले आओ तब आकर तुम मुझको जलाओ।। खडा सीना ताने नहीं कोई डर है मेरी बुराई तुममें अब समाहित है पहले तुम राम बनकर दिखलाओ तब आकर तुम मुझको जलाओ।। कहते है असत्य पर सत्य विजय है मुझको कहीँ.......आता न नजर है पहले हृदय से मिथ्या वाचन हटाओ तब आकर तुम मुझको जलाओ।। मैंने तो किया सीता हरण है लेकिन अपनी मर्यादा न......लांघी कभी है जाओ पहले खुद को मर्यादा मे लाओ तब आकर तुम....मुझको जलाओ।। ©Naresh Chandra बुराई को अपने हृदय से निकालो अंहकार तुम पहले अपने जलाओ शुद्धता को अपने मन मे ले आओ तब आकर तुम मुझको जलाओ।। खडा सीना ताने नहीं कोई डर है मे