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Sandeep Tiwari
घर बार सारा छोड़कर सरहद पे जो रह जाता है, निज त्याग और बलिदान से इतिहास वही गढ पाता है। दुश्मन की गोली सीने मे जब वो हसते हसते खाता है, तभी देश का आम नागरिक रातो को सो पाता है। निज सुखता और सुगमता को जिसने देश की खातिर त्याग दिया, अमर रहे वो वीर सिपाही जिसने भारत माँ की रक्च्छा मे बलिदान दिया। त्याग शब्द का मतलब पूछो उन वीर प्रसुलता माँअों से, जो ताक रही है नम आँखों से बेटों को आशाओं से, छुट्टी ना मिल पाने का सन्देशा जब घर आता है, त्याग शब्द का अर्थ ह्रदय को स्वयम् समझ आ जाता है। #sacrifice #poetry # त्याग का अर्थ
MG official
प्रेम का अर्थ है समर्पण, त्याग और इंतज़ार ©MG official प्रेम का अर्थ है समर्पण, त्याग और इंतज़ार #HeartBreak
Rakesh Kumar Dogra
स्याही का रंग चुन कुछ भी लिखने पहले। सोच ले हिन्दू-मुस्लमान होने से पहले। खून सफेद कर ब्लैक बोर्ड पर लिखने से पहले। देश-धर्म हो सर माथे, स्वधर्म चुनने से पहले।
Shubham Tripathi
हर ऋतु सुहानी छोड़ दी हर एक कहानी छोड़ दी ऑंखें रूहानी छोड़कर मैंने जिंदगानी छोड़ दी यादों की लत को छोड़ दी मिलने की हट भी छोड़ दी हंसती जवानी छोड़कर मैंने जिंदगानी छोड़ दी आँखों में पानी छोड़ दी बाते पुरानी छोड़ दी बादल आसमानी छोड़कर मैंने जिंदगानी छोड़ दी त्याग
Namrta vishwakarma
मैं, वह हूँ जो सबके हृदय में वास नहीं करता , मैं, वह हूँ जो सबके लिए नहीं बनता, मेरी इच्छा सभी नहीं करते,मुझे सभी को नहीं देते, मैं तो ईश्वर का गुण हूँ जो सभी नहीं पा सकते मेरी क्या भूमिका जब तक सहृदय न हो मैं तो दया का मिश्रण हूँ मुझे पाने वाला सौभाग्य प्राप्त करेगा मुझे देने वाला स्वगॆ प्राप्त करेगा। ©Namrta vishwakarma #त्याग
priya sharma
Girl quotes in Hindi त्याग त्याग उस स्त्री से पूछो जिसने अपनों की खातिर सपनो को छोड़ दिया.. ख्वाहिशों को मार कर जिंदगी को कुछ यूं मोड़ दिया.. अपने अस्तित्व को ना उसने कोई पहचान दी.. कुछ इस तरह त्याग कर सब कुछ उसने अपनों की जिंदगी सवार दी.. अपनी पहचान को अपने हाथो से मिटा देती है.. असल त्याग क्या होता हैं वो स्त्री बता देती हैं.. --प्रिया शर्मा ©priya sharma #त्याग
priya sharma
त्याग कुछ सपनों की खातिर अपनों को छोड़ आए.. गाँव से दूर शहर चले आए.. यंहा आकर जाना जिंदगी का फलसफा... के साहब आसमान की खातिर आशियाना छोड़ आए... किससे कहे, कैसे कहे, क्या-क्या त्याग आए.. हम उम्र के छोटे, घर के बड़े है साहब, चंद ख्वाहिशों की खातिर... सीने पर रख पत्थर, माँ का आँचल तक छोड़ आए. --प्रिया शर्मा ©priya sharma #त्याग