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no writings
आसमान पर अब नज़र कहाँ तक जायें इतनी बसीरत अब तकदीर में कहाँ hittika #NojotoQuote बसीरत बसीरत = दिल की नज़र , प्रतिभा
Sangeeta Patidar
क़ाबिल नहीं लगता दिल, क्योंकि अभी वाकिफ़ नहीं हो तुम उससे, जब पहचान लोगे उसकी बसीरत, शायद तब इश्क़ करोगे तुम उससे। -बसीरत- Intelligence #sangeetapatidar #कोराकाग़ज़ #collabwithकोराकाग़ज़ #बसीरत #yqdidi
Sunita Singh
तेरी बसीरत के चर्चे हो रहे जमाने में तासीर तेरे मिजाज़ की यूं ही मशहूर नही। written by Sunita Nimish Singh बसीरत written by Sunita Nimish Singh
Ek villain
इन दिनों में गंज तत्वों का शिकार हो रहा है इमानदारी से तो हो रहा है हूं कहकर भी मैं अपने इस हताशा को जीतने की कोशिश कर रहा हूं जो बालों के लगातार बढ़ते देख पैदा हुई है सच्ची बात यह है कि सिरका वैभव कमोबेश लूट ही चुका है पूरी शीशे क्षेत्र में इतना ही बाल बचे हैं जितने से राजनीति में विचारधाराओं के प्रति प्रतिबंध लगे जिस तरह इमानदार लोग से लोकतंत्र की नार आगरा में कायम ठीक उसी से मन तेवर बची दो हुई चार जुल्फों के दम पर खड़ा बता रहे हैं इस इमारत बुलंद थी आदमी अपने दिल को बहलाने के लिए क्या-क्या नहीं करता जवानी के जिन दिनों में मेरे सिर पर लंबी और घनी जुल्फें हुआ करती थी मैं उन्हीं के सवारने में घंटों गुजार देता था वह दिन बेरोजगारी के थे लेकिन किसी ना किसी मुझे यह बात नहीं था कि बेरोजगारी बहुत खतरनाक होती है इसलिए मैंने नौकरी के लिए प्रतियोगी परीक्षा देता था और पढ़ाई के बाद के समय में अपनी जुल्फें सवाल करता था जिस से मिलने जाने के लिए ना जाने कितने महीनों तक अपनी जुल्फों को संवारा वही प्रेमिका तो कई सालों पहले किसी और के लिए शैंपू खरीद के ले उसकी का आंगन बन गई अब उसकी याद में जुल्फें भी किनारे कर लिया करें आदमी को यह बात बहुत आसानी से समझ नहीं आती की दोस्ती के दावे और जुल्फों के साए कभी भी साथ छोड़ सकते हैं ©Ek villain #मैं गंज तत्व और सुख #adventure
Raktmitr Vicky Singh Khalsa
Anindya Dey
.. मौज़ु ए हालात से समझ तजुर्बे जोड़ती रही, कमसकम ज़रूरी हो ज़्यादा तो ज़्यादती ही रही.. .. उस्ताद की तालीम हालात से ज़हीन हो रहीं, तय निसाब के हर पहलू में बसीरत बेशुमार रहीं.. .. एहसान मंद हैं के शुक्रगुज़ार ये उलझन रही, भरपूर पे तसल्ली आते से रुख़सत की घड़ी रही.. .. 🌱खुशामदीद..💞 निसाब माने, पाठ्यक्रम, अंग्रेज़ी में सिलेबस/ syllabus. बसीरत माने, अनुभूति, अंग्रेज़ी में इनसाइट/insight.
Sanjay Ni_ra_la
रखकर कफस में, कैफ़ियत पूछते हो कतर कर मेरे पर, हैसियत पूछते हो भरम है तुम्हारा की मिला दिया है मुझे मिट्टी में लगाकार आँख पर पट्टी बसीरत पूछते हो 11 Feb 1023 ©Sanjay Ni_ra_la कैफ़ियत पूछते हो रखकर कफस में, कैफ़ियत पूछते हो कतर कर मेरे पर, हैसियत पूछते हो भरम है तुम्हारा की मिला दिया है मुझे मिट्टी में लगाकार आँख