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shiv shankar
बेजान दारूवाला एस्टोलोजर का चित्रांकन
साहस
सपने है अपने बुने हुए,आवागमन का वाहक दे दो। बिखेर कर विकास का निकास द्वार मजार को नाहक दे दो।। उर - हृदय, उर्मिल - जल बूंद, उर्वी - पृथ्वी , केकी - मोर , अतलांत - बहुत गहरी #shortpoem #yourquotodidi #YourQuoteAndMine Collabora
Rajesh Khanna
किस्मत को पलट कर दुबारा मिला हूं उसे अभी भी खो दूं उसे न न न न अभी तो प्यार की बातें करी हैं अभी तो i love you भी कहना हैं मुझे ©Rajesh Khanna न न न न
Bhupendra Rawat
न हिन्दू,न मुस्लिम,न सिक्ख,न इसाई था वो कब्रगाह में दफ़न उन शवों का भाई था वो बहुत नज़ारे देखे थे,मज़हब की आड़ में बड़े दूर से आए थे,इंसान नही कसाई थे वो उम्र इसकी अभी और थी,कहकर पाछताया शब्दों को मौन कर यम ने भी शोक जताया कौन थे,वो दरिंदे जिन्हें इंसानियत से रुसवाई थी एक लाश चीख चीख कर पुकार रही थी क्या बेहरो की फौज इंसाफ की गुहार लगाने आयी थी शांति के दूत लोकतंत्र बचाने आए थे एक दबी हुई आवाज़ को दबाने आये थे भूपेंद्र रावत 26।04।2020 #न हिन्दू#न मुस्लिम#न सिक्ख#न इसाई था वो#
Devil
मैं तुम्हारा हो चुका हूं बस इसलिए अकेला हूं तुम्हारे अलावा किसी से मोहब्बत न थी न है न होगी मैं तुम्हीं पर मर मिटा हूं बस इसीलिए तबाह हूं तुमको मुझसे मोहब्बत न थी न है न होगी 🙂 Devil 😈 ©Devil न थी , न है , न होगी 🙂
Ramkrishan Rana
❤❤❤❤🌷☘💐💗 इश्क मुहब्बत तो सब करते हैं! गम-ऐ-जुदाई से सब डरते हैं हम तो न इश्क करते हैं न मुहब्बत! हम तो बस आपकी एक मुस्कुराहट पाने के लिए तरसते हैं! ❤❤❤❤ न इश्क न मोहब्बत
Parasram Arora
घोंसला बनाओ... जरूर बनाओ.. सुंदर बनाओ प्रीति कर.... बनाओ.. तुम्हारे सृजन की छाप हो उस पर.... तुम्हारे व्यक्तित्व के हस्ताक्षर हो उसपर . फिर घोंसला हो कि झोपड़ा हो कि मकान हो.. कि महल हो .....अपनी सृजनात्मक ऊर्जा उसमे ऊडेलो मगर एक स्मरंण कभी न चूके सतत एक जयोति बोधकी भीतर जलती रहे.. "यह सराय है " आज नही कल कल नही परसो इसे छोड़ कर जाना है... जाना ही पड़ेगा... तो जिसे छोड़ कर जाना है उसे पकड़ना ही क्यों?. रहलो जी लो उपयोग कर लो. लेकिन आग्रह न हों आसक्ति न हो ©Parasram Arora न आग्रह न आसक्ति....
Parasram Arora
कविता तो मैंने लिख दी.... पर शीर्षक तुम बतलाओ? ओके...क्या तुम्हारी कविता में डोल की चर्चा है? नही क्या तुम्हारी कविता में नगाड़े का कोई जिक्र है? नही तो तुम्हारी कविता का शीर्षक है "न डोल न नगाड़ा " ....ii ©Parasram Arora न डोल न नँगाड़ा.....