Find the Latest Status about तेव्हाच पहिले हमार from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, तेव्हाच पहिले हमार.
Jk
अखिल भारतीय मराठी साहित्य संमेलन चळवळीचे मुख्य केंद्र मराठी साहित्य मंडळ आयोजित राज्यस्तरीय काव्यसंमेलन आणि पुरस्कार वितरण सोहळा आमदार संजय मुकुंद केळकर, मुंबई प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सिद्धार्थ कुलकर्णी, पुणे मराठी साहित्य मंडळ अध्यक्ष डॉ. नीना गोटे यांना माझे 'बुद्ध या जगातील पहिले वैज्ञानिक?... ' हे पुस्तक भेट स्वरूपात देताना आणि काव्यसंमेलनात स्वागतगीत व माझी स्त्री संघर्षावरील कविता सादर करताना मी ©Jk अखिल भारतीय मराठी साहित्य संमेलन चळवळीचे मुख्य केंद्र मराठी साहित्य मंडळ आयोजित राज्यस्तरीय काव्यसंमेलन आणि पुरस्कार वितरण सोहळा आमदार
अखिल भारतीय मराठी साहित्य संमेलन चळवळीचे मुख्य केंद्र मराठी साहित्य मंडळ आयोजित राज्यस्तरीय काव्यसंमेलन आणि पुरस्कार वितरण सोहळा आमदार #मराठीसंस्कृति
read moreDalip Kumar 'Deep'
Shayer tera ©Dalip Kumar 'Deep' ✍🏿😊आज हमार बारी हो जाये🌹🌹💕💕
✍🏿😊आज हमार बारी हो जाये🌹🌹💕💕 #शायरी
read moreAD Kiran
ओ हमार करेजा... क्या कभी मछली जल से जुदा हो सकती है ? अगर हो भी गई भूल-बस तो, क्या वह जिंदा रह सकती है? ©AD Kiran ओ हमार करेजा..SabitaVerma
ओ हमार करेजा..SabitaVerma
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
White गीत :- मानव सेवा करने को अब , कितने हैं तैयार । देख रहा हूँ गली मुहल्ले , होता खूब प्रचार ।। मानव सेवा करने को अब... हम आज तुम्हारे शुभचिंतक , करो न हमसे बैर । सबको हृदय बसाकर रखता , कहीं न कोई गैर ।। पाँच-साल में जब भी मौका, मिलता आता द्वार । खोल हृदय के पट दिखलाता , तुमको अपना प्यार ।। मानव सेवा करने को अब ... देखो ढ़ोंगी और लालची , उतरे हैं मैदान । उनकी मीठी बातों में अब , आना मत इंसान ।। मुझको कहकर भला बुरा वह , लेंगें तुमको जीत । पर उनकी बातें मत सुनना, होगी तेरी हार । मानव सेवा करने को अब..... सब ही ऐसा कहकर जाते , किसकी माने बात । सच कहते हो कैसे मानूँ , नहीं करोगे घात ।। अब जागरूक है ये जनता ,ये तेरा व्यापार । अपनों को तो भूल गये हो , हमे दिखाओ प्यार ।। मानव सेवा करने को अब .... सच्ची-सच्ची बात बताओ , इस दौलत का राज । मुश्किल हमको रोटी होती , सफल तुम्हारे काज ।। सम्पत्तिन तुम्हारे पिता की, और नहीं व्यापार । हमकों मीठी बात बताकर , लूटो देश हमार । मानव सेवा करने को अब..... मानव सेवा करने को अब , कितने हैं तैयार । देख रहा हूँ गली मुहल्ले , होता खूब प्रचार ।। २०/०४/२०२४ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR मानव सेवा करने को अब , कितने हैं तैयार । देख रहा हूँ गली मुहल्ले , होता खूब प्रचार ।। मानव सेवा करने को अब... हम आज तुम्हारे शुभचिंतक ,
मानव सेवा करने को अब , कितने हैं तैयार । देख रहा हूँ गली मुहल्ले , होता खूब प्रचार ।। मानव सेवा करने को अब... हम आज तुम्हारे शुभचिंतक , #कविता
read more