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Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात)
इसी पेड़ पंछियों की कलरव सुनी थी कल इसी पेड़ पर आज सन्नाटा दिखा ©Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात) #tree
Neeraj
ये हमारे जीवन की वह ऋतु है... जिसपर किसी पतझड़ का कोई असर नहीं होता ।। ©Neeraj #tree
@Writer_Satya
उसे पाने के लिए पेड़ पर धागा बांधा था, नगर निगम वाले पेड़ ही काट कर ले गए... ©@Writer_Satya #tree
Aman Majra
वहम था कि सारा बाग अपना है, ए जान... तूफां के बाद पता चला सूखे पत्तों पर भी हक हवाओं का था। ©Aman Majra #tree
Ruuposh Aadil
Murjha jata hai ped bhi tuut jaane par Taqliifon se aadmi ka rang kyun na udd jaye ©Ruuposh Aadil #tree
VIMALESH YADAV
White टाइम्स ऑफ इंडिया की शुरुआत व्यापारी समुदाय के लिए 3 नवंबर 1838 को मुंबई से ब्रिटिश राज के दौरान हुई। शुरुआत में इसे बम्बई टाइम्स और जर्नल ऑफ़ कामर्स के नाम से जाना जाता था। हर शनिवार और बुधवार को प्रकाशित होने वाला यह द्वि-साप्ताहिक संस्करण यूरोप, अमेरिका और उप महाद्वीपों के समाचारों से भरपूर होता था। 1850 में इसका दैनिक संस्करण शुरू हुआ और 1861 में इसका नाम "टाइम्स ऑफ इंडिया" पड़ा। 19वीं सदी में टाइम्स ऑफ इंडिया ने 800 से अधिक लोगों को रोजगार दिया और भारत व यूरोप में इसका प्रसार बढ़ता गया। मूलतः यह अखबार ब्रिटिश लोगों के नियंत्रण में था। इसके अंतिम ब्रिटिश संपादक आइवर एस जेहू थे। भारत की स्वतंत्रता के बाद, इस समाचार पत्र का स्वामित्व डालमिया के प्रसिद्ध औद्योगिक परिवार को सौंपा गया। बाद में, उत्तर प्रदेश के बिजनौर के साहू जैन समूह के साहू शांति प्रसाद जैन ने इसे अपने नियंत्रण में ले लिया। संपादकीय पक्ष को कमजोर करके, इसने अपने बिजनेस, प्रसार, और तकनीक को अधिक मजबूत बनाया, जिससे यह देश में सबसे अधिक लाभ कमाने वाला अखबार बन गया। ©VIMALESH YADAV times of India #sad_quotes #vimaleshyadav
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read moreJIJITH p thankachan " king of underdogs"
Unsplash when you plant a tree for desires growth in a period only use from amount of water without polluted ©JIJITH p thankachan " king of underdogs" #tree