Find the Latest Status about कुछ नहीं बोला from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, कुछ नहीं बोला.
sk
मन में जो आया तुमने सुना दिया तब भी मैं चुप था कुछ नहीं बोला बस मुझे उस वक्त का इंतजार है जब मैं बोलूंगा और सब लोग सुनेंगे
saurabh
तू मुझको धिक्कारे साथी , ऐसा इश्क़ नहीं बनना तुझसे छीनूं खुशियाँ तेरी , ऐसा इश्क़ नहीं बनना मर जाना है सही जहाँ पर , तू ही मुझे गलत समझे कुछ भी बनना है , तेरी नजरों में बुरा नहीं बनना She gave me.... This Christmas gift... 😭😭😭😭😭 पहले लगता था, चाहता है कोई और मैं न बात करूँ....!! उसने खाकर कसम मेरी, मेरा ये भी भरम हल्
OMG INDIA WORLD
एक आदमी बस में अपने बच्चे के साथ चढ़ा कंडक्टर ने उसके बच्चे को देखकर कहा इतना काला बच्चा मैंने आजतक नहीं देखा.. आदमी को गुस्सा आया लेकिन वो कुछ नहीं बोला और मुँह फुलाकर बैठ गया एक ताऊ ने पूछा- क्या हुआ भाई साहब ? आदमी ने ताऊ से कहा- उस कंडक्टर ने बेइज्जती कर दी । ताऊ- अरे मार साले को जाकर.. ला ये चिम्पैंजी का बच्चा मुझे पकड़ा दे.. साला काटेगा तो नहीं ...? कंडक्टर तो बच गया पर वो ताऊ I.CU में है। 🤣🤣🤣🤣🤣🤣 ©OMG INDIA WORLD एक आदमी बस में अपने बच्चे के साथ चढ़ा कंडक्टर ने उसके बच्चे को देखकर कहा इतना काला बच्चा मैंने आजतक नहीं देखा.. आदमी को गुस्सा आया लेकिन वो
Namit Raturi
मेरा कमरा Read in Caption तीन पंखडियाँ है,बेबस है कि उड नहीं सकता, मेरे कमरे के पंखे की शिकायत बस यह है कि वो कमरे की छत से जुडा है,उसकी भी ख्वाहिश है कि काश ! वो हेल
Jyotshna Rani Sahoo
उन्हें मिलना था भाग - १० अंदर की उलझन से,दो बूंद आसुं सुलझ कर बाहर आ गई।अंशु का आसुं से कुछ ज्यादा बनती नहीं।अपनी उंगली में इस तरह उन आशुओं को सहेज कर लाया,जैसे कि उ
Vikas Sharma Shivaaya'
✒️📙जीवन की पाठशाला 📖🖋️ 🙏 मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 *दार्शनिक सुकरात दिखने में कुरुप थे। वह एक दिन अकेले बैठे हुए आईना हाथ मे लिए अपना चेहरा देख रहे थे।* *तभी उनका एक शिष्य कमरे मे आया ; सुकरात को आईना देखते हुए देख उसे कुछ अजीब लगा । वह कुछ बोला नही सिर्फ मुस्कराने लगा। विद्वान सुकरात शिष्य की मुस्कराहट देख कर सब समझ गए और कुछ देर बाद बोले ,”मैं तुम्हारे मुस्कराने का मतलब समझ रहा हूँ……शायद तुम सोच रहे हो कि मुझ जैसा कुरुप आदमी आईना क्यों देख रहा है ?”* *शिष्य कुछ नहीं बोला , उसका सिर शर्म से झुक गया।* *सुकरात ने फिर बोलना शुरु किया , “शायद तुम नहीं जानते कि मैं आईना क्यों देखता हूँ”* *“नहीं ” , शिष्य बोला ।* *गुरु जी ने कहा “मैं कुरूप हूं इसलिए रोजाना आईना देखता हूं”। आईना देख कर मुझे अपनी कुरुपता का भान हो जाता है। मैं अपने रूप को जानता हूं। इसलिए मैं हर रोज कोशिश करता हूं कि अच्छे काम करुं ताकि मेरी यह कुरुपता ढक जाए।शिष्य को ये बहुत शिक्षाप्रद लगी । परंतु उसने एक शंका प्रकट की- ” तब गुरू जी, इस तर्क के अनुसार सुंदर लोगों को तो आईना नही देखना चाहिए ?”* *“ऐसी बात नही!” सुकरात समझाते हुए बोले ,” उन्हे भी आईना अवश्य देखना चाहिए”! इसलिए ताकि उन्हे ध्यॉन रहे कि वे जितने सुंदर दीखते हैं उतने ही सुंदर काम करें, कहीं बुरे काम उनकी सुंदरता को ढक ना ले और परिणामवश उन्हें कुरूप ना बना दे ।* *शिष्य को गुरु जी की बात का रहस्य मालूम हो गया। वह गुरु के आगे नतमस्तक हो गया।* *शिक्षा* *प्रिय मित्रो, कहने का भाव यह है कि सुन्दरता मन व् भावों से दिखती है। शरीर की सुन्दरता तात्कालिक है जब कि मन और विचारों की सुन्दरता की सुगंध दूर-दूर तक फैलती है।* *भूमि और भवन पाने के उपाय* 👉🏠🏠🏠🏠🏠👈 *अगर आप मकान बनाना चाहते हैं तो एक लाल कपड़े में 6 चुटकी कुमकुम, 6 लौंग, 9 बिंदिया, 9 मुट्ठी साफ़ मिट्टी और 6 कौड़ियाँ लपेट कर नदी में शुक्रवार को विसर्जित कर दें | माता की कृपा से आपको जल्द ही अपना मकान मिलेगा* *एक मिट्टी की कोरी हांडी में दूध, दही, घी, शक्कर, मिश्री, कपूर डाल कर उस हांडी के आगे पद्मावति माता का जप करें और शुक्रवार को वो हांडी किसी नदी या तालाब में ले जा कर जमीन में गाड़ दें तो माता की कृपा से शीघ्र आपको भूमि और भवन प्राप्त होगा* अपनी दुआओं में हमें याद रखें 🙏 बाकी कल ,खतरा अभी टला नहीं है ,दो गज की दूरी और मास्क 😷 है जरूरी ....सावधान रहिये -सतर्क रहिये -निस्वार्थ नेक कर्म कीजिये -अपने इष्ट -सतगुरु को अपने आप को समर्पित कर दीजिये ....! विकास शर्मा "शिवाया " जयपुर -राजस्थान ASTRO सर्व समाधान ©Vikas Sharma Shivaaya' ✒️📙जीवन की पाठशाला 📖🖋️ 🙏 मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 *दार्शनिक सुकरात दिखने में कुरुप थे। वह एक दिन अकेले बैठे हुए आई
Chandrawati Murlidhar Gaur Sharma
हमे क्या चाहिए थोड़ा सा प्यार थोड़ा सा अपनापन.. जो खालीपन को मिटा सके। दो वक्त की रोटी जो पचा सके.. दो जोड़ी कपड़े जो एक धुले तो दूसरे पहन सके। लेलो सारी जमीन और धन दौलत इसके बदले थोड़ा प्यार तो दे दो। हमने तो ना की तुमसे गलत व्यवहार फिर क्यों तुम हमसे करते हो। हमने तो दिया बेशुमार प्यार फिर हमें क्यों नफरत तुम देते हों। जरा बुरा करने से पहले इस बात को याद कर लिया करो तुम्हारी भी कोई बात बुरी लगी हो हमें पर हमने भी तुम्हें प्यार किया हो तुमने जो मांगा हमने तुम्हें लाकर दिया अब हम तो तुमसे कुछ नहीं मांगते। जाते हो बाजार पूछते हो कुछ लाना है । अगर कहीं मिले दुकान पर तो वक्त लेकर आना कहीं देर ना हो जाए इसलिए तुम जल्दी आना हमने क्या गुनाह किया जिसका सिला हमें यह मिलता है अरे गरीब तो छोड़ो पैसे वालों के यहां दी कौन सा अच्छा नसीब मिलता है। ©Chandrawati Murlidhar Gaur Sharma कैप्शन में पढ़े,. एक बार की बात थी। एक पड़े लिखें संस्कारी परिवार में गए। दुनिया की नजर में बहुत माना हुआ परिवार था वो भीं इसलिए की माता पित
Tushar Jangid
मैंने पूछा:-"हां जी आंटी, आप कुछ कह रहीं थीं?" आंटी बोलीं:-"हां मैं ऐसे कह रई तोकू साड़ी लियाऊं का? अनुशीर्षक में मैं तुषार, नाम तो सुना होगा। जगह जगह पोस्टर जो लगे हैं मेरे। मेरा काम है लोगों को सबसे कीमती चीज देना ' खुशी' और उनसे उनकी सबसे कीमती चीज ले
Chandra mohan
लव मैरिज 2 love marriage 2 ©Chandra mohan कहानी को फिर से शुरू करते है दोनो की शादी बड़े धूम धाम से हुई काफी सारा दहेज भी मिला दोनो की जिंदगी बड़े आराम से काट रही थी फिर अचानक ही एक