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VEER NIRVEL
सिर झुका कर मोहतरमा की सारी बातें सुनी जाती हैं... पसंदीदा स्त्री से कभी बहस नहीं की जाती... #Veer_Ki_Shayari ©VEER NIRVEL सिर झुका कर मोहतरमा की सारी बातें सुनी जाती हैं... पसंदीदा स्त्री से कभी बहस नहीं की जाती... #Veer_Ki_Shayari
सिर झुका कर मोहतरमा की सारी बातें सुनी जाती हैं... पसंदीदा स्त्री से कभी बहस नहीं की जाती... #Veer_ki_Shayari
read moreShivkumar barman
ये रिमझिम से मौसम ने सुनी हो गई सारे सड़के, ये बारिश और साथ तुम्हारा ही चाहूँगी .. ठंड से जब मुझे लगे कपकपी तो , तुम मुझे अपने बांहों की चादर से ढंकना चाहूँगी... ये बारिश की बूंदे भी ये प्यासी धरती को भींगा रही, अपने प्रेम की सदा से उसकी प्यास बुझा रही.. तुम भी अपनी प्रेम से मुझे भी सजाओ न मैं तुम्हारे उस प्रेम से संवरना चाहूँगी * माना कि कुछ खता हमसे हुई तो कुछ तुमसे हुई है मै अब सब कुछ भूलना चाहूँगी जो मैने किया फिर से मैं तुम संग यु जीना चाहूँगी मैं-और तुम फिर से एक नए सपने को बुनना चाहूँगी मौसम की ये पहली बारिश और तुम्हारे संग भींगना चाहूँगी थाम के तेरा हाथ सदा से भीगी सड़क पे चलना चाहूँगी मैं बेफिक्र होकर अब तुझमें ही खोना चाहूँगी तुमसे कभी रूठना तो कभी तुझे मनाना चाहूँगी हमसे जो खुशियों के पल कही खो गए है उन्हें तुम संग फिर से संयोज कर जीना चाहूँगी ©Shivkumar barman बारिश और साथ तुम्हारा ये रिमझिम से मौसम ने सुनी हो गई सारे सड़के, ये बारिश और साथ तुम्हारा ही चाहूँगी .. ठंड से जब मुझे लगे कपकपी तो , तुम
बारिश और साथ तुम्हारा ये रिमझिम से मौसम ने सुनी हो गई सारे सड़के, ये बारिश और साथ तुम्हारा ही चाहूँगी .. ठंड से जब मुझे लगे कपकपी तो , तुम
read moregudiya
White वह तोड़ती पत्थर; देखा उसे मैं इलाहाबाद के पथ पर - वह तोड़ती पत्थर कोई ना छायादार पेड़ वह जिसके तले बैठी हुई स्वीकार ; श्याम तन, भर बंधा यौवन, नत नयन ,प्रिय- कर्म -रत मन, गुरु हथोड़ा हाथ , करती बार-बार प्रहार ;- सामने तरु -मालिका अट्टालिका ,प्राकार । चढ़ रही थी धूप; गर्मियों के दिन दिवा का तमतमाता रूप; उठी झुंझलाते हुए लू रूई - ज्यों जलती हुई भू गर्द चिनगी छा गई, प्राय: हुई दुपहर :- वह तोड़ती पत्थर ! देखे देखा मुझे तो एक बार उस भवन की ओर देखा, छिन्नतार; देखकर कोई नहीं, देखा मुझे इस दृष्टि से जो मार खा गई रोई नहीं, सजा सहज सीतार , सुनी मैंने वह नहीं जो थी सुनी झंकार; एक क्षण के बाद वह काँपी सुघर, ढोलक माथे से गिरे सीकर, लीन होते कर्म में फिर जो कहा - मैं तोड़ती पत्थर 'मैं तोड़ती पत्थर।' - सूर्यकांत त्रिपाठी निराला ©gudiya #love_shayari #Nojoto #nojotophoto #nojotoquote #nojotohindi #nojotoenglish वह तोड़ती पत्थर; देखा उसे मैं इलाहाबाद के पथ पर - वह तोड़ती प
#love_shayari nojotophoto #nojotohindi #nojotoenglish वह तोड़ती पत्थर; देखा उसे मैं इलाहाबाद के पथ पर - वह तोड़ती प
read morePURAN SINGH
White किसी ने मुझसे पूछा जब तुम्हारा दिल टूट गया तब तुम्हें दर्द नहीं हुआ मैंने हंसकर जवाब दिया तोड़ने वाला इतना खुश था कि मैं अपना दर्द भूल गया ©PURAN SINGH CHILWAL #love_shayari 🇨🇮अब किसी से बहस करने का मन ही नहीं करता 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻कोई कहे तुम गलत हो हां जी मैं गलत हूं ❤️🇨🇮❤️❤️❤️❤️🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏
#love_shayari 🇨🇮अब किसी से बहस करने का मन ही नहीं करता 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻कोई कहे तुम गलत हो हां जी मैं गलत हूं ❤️🇨🇮❤️❤️❤️❤️🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏
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