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Matangi Upadhyay( चिंका )
तुमने खबर ही कहाँ ली मेरी मेरे साथ रहते हुए भी बस मान लिया कि ठीक ही होगी, तुमने पूछा ही कहाँ कुछ मुझसे बस मेरी खामोशी को समझ लिया की मेरी हाँ ही होगी, मैं जरूरी ही कहाँ थी उतनी जितना मैंने खुद को तुम्हारी जिंदगी में समझ लिया, मैंने तो बस सोच लिया की मैं तुम्हारे लिए कुछ खास होऊँगी पर मैं स्वीकार ही कहाँ पायी कुछ सच बस पाले रही वहम की खुशी ऐसी ही होती होगी, ये जो मानने और होने के बीच का फर्क होता है न उसे स्वीकारने में एक उम्र साथ गुजार देते है दो लोग और फिर पता ही नहीं चलता की कब एक दूसरे की आदत बन गए..! ©Matangi Upadhyay( चिंका ) आदत बन गए हो तुम 🤔 #matangiupadhyay #thought #Life #Love
आदत बन गए हो तुम 🤔 #matangiupadhyay #thought Life Love
read moreAnuradha T Gautam 6280
अत्याचार सहने के बाद मुझे औरत का किरदार मिलता इस अत्याचार को रोका और अपने घर को चलाने के लिए अपने पैरों में चलना सीखा तो मुझे मर्द_का_कि
read moreअनिल कसेर "उजाला"
यूँ ही चमकते रहों सितारा बनके, किसी का तुम रहों किनारा बनके। हर पल ख़ुशी से भरा हो तुम्हारा, अपनों का रहो सदा सहारा बनके। ©अनिल कसेर "उजाला" किनारा बन के
किनारा बन के
read moreनवनीत ठाकुर
White षड्यंत्रों की छाया हर दिल पर भारी, भ्रष्टाचार की चादर ने लूट ली जिम्मेदारी। शोषण के जख्म चीखते हैं बेआवाज़, जुर्म के मंजर बन गए रोज़ का आगाज़। अपहरण के धंधे अब आम हो गए, अपराधी खुलेआम इनाम हो गए। छेड़छाड़ के ज़ख्म लहू-लुहान हैं, इंसाफ के मंदिर खुद बदगुमान हैं। यह कैसी सभ्यता, यह कैसी रवायत? जहां जुर्म को मिलती है हर इक सहायत। ©नवनीत ठाकुर #षड्यंत्रों की छाया हर दिल पर भारी, भ्रष्टाचार की चादर ने लूट ली जिम्मेदारी। शोषण के जख्म चीखते हैं बेआवाज़, जुर्म के मंजर बन गए रोज़ का आगा
#षड्यंत्रों की छाया हर दिल पर भारी, भ्रष्टाचार की चादर ने लूट ली जिम्मेदारी। शोषण के जख्म चीखते हैं बेआवाज़, जुर्म के मंजर बन गए रोज़ का आगा
read moreAnjali Singhal
Cricket
IPL 2025 Rishabh Pant ने इतिहास रचा है और सबसे महंगे IPL Player बन गए हैं #rishabhpant #IPL2025 #short
read morePoet Kuldeep Singh Ruhela
White किसी के दुखों को जो पल में हर लेता है शब्दों के मोतियों को जो सुरों में पिरोता है अनकही आंखों के सवालों को जो पढ़ लेता है असल में वहीं गुमनाम शायर होता है ©Poet Kuldeep Singh Ruhela #शायरी किसी के दुखों को जो पल में हर लेता है शब्दों के मोतियों को जो सुरों में पिरोता है अनकही आंखों के सवालों को जो पढ़ लेता है असल में
शायरी किसी के दुखों को जो पल में हर लेता है शब्दों के मोतियों को जो सुरों में पिरोता है अनकही आंखों के सवालों को जो पढ़ लेता है असल में
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