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Shivkumar
मां का सप्तम रूप है मां कालरात्रि का, क्षण में करती नाश दुष्ट,दैत्य, दानव का। स्मरणमात्र से भाग जाते भूत, प्रेत, निशाचर, उज्जैन से दूर हो जाते हैं पल में ग्रह-बाधा हर। उपवासकों को नहीं भय अग्नि, जल, जंतु का, नहीं होता है भय कभी भी रात्रि या शत्रु का। नाम की तरह रुप भी है अंधकार-सा काला, त्रिनेत्रधारी है माताजी सवारी है गर्दभ का। दाहिना हाथ ऊपर उठा रहता है वरमुद्रा में, बाया हाथ नीचे की ओर है अभय मुद्रा में। तीसरे हाथ में मां के है खड्ग, चौथे में लौहशस्त्र, विशेष पूजा रात्रि में मां की करते हैं तंत्र साधक। शुभकारी है दूसरा नाम मां कालरात्रि का, शुभ करने वाली है मां, है सबकी मान्यता। गुड़हल का पुष्प है प्रिय, गुड़ का भोग लगाते हैं, कपूर या दीपक जलाकर मां की आरती करते हैं। ©Shivkumar #navratri #navaratri2024 #navratri2025 #navratri2026 #navaratri #नवरात्रि मां का सप्तम रूप है मां #कालरात्रि का, क्षण में करती #नाश दु
Shivkumar
जय हो तेरी ऋषि कात्यायन पुत्री मां कात्यायनी, स्वर्ण जैसे सुनहरी तन वाली आभा तेरी मन मोहिनी । ब्रह्मा,विष्णु व महेश के तेज से चतुर्थी को उत्पत्ति, उस दिन से असुरों पर आई बहुत बड़ी विपत्ति । कात्यायनी मां का छठे दिवस करो तुम ध्यान, सब बाधाएं दूर करें मां है कृपा निधान । लाल चुन्नी व मधु है मां को अत्यंत प्रिय, ध्यान रखना मिलेगा तुम्हें शौर्य । जग की तारणहार देवी का कात्यायनी नाम, मन से करो आराधना मिलेगा मोक्ष धाम । चार भुजा धारी करती सिंह की सवारी, दुःखों को तुम हरती हम हैं तेरे आभारी । सब देवी-देवताओं को थी तुमसे बहुत आस, दशमी को किया असुर महिषासुर का विनाश । कोई बाधा है अगर तुम्हारे विवाह में, हो जाएगी पूरी देवी मां की चाह में । हे ब्रजमंडल की अधिष्ठात्री देवी, रखना ध्यान तेरे चरणों में है यह कवि । मां कात्यायनी रोग,शोक, संताप,भय नाशिनी, मां कात्यायनी अर्थ,धर्म, काम,मोक्ष दायिनी । ©Shivkumar #navratri #नवरात्रि #नवरात्रि2024 जय हो तेरी ऋषि कात्यायन पुत्री मां कात्यायनी, स्वर्ण जैसे सुनहरी तन वाली आभा तेरी मन #मोहिनी । #ब्रह्मा
Shivkumar
जिसकी पूजा नवरात्रि के ,पांचवें दिन होती है । जिसके समान ,सर्वशक्तिमान कोई दूज नहीं है ।। कमल आसन पर विराजती, सिंह जिनकी सवारी है। होंठों पर मृदुल मुस्कान , अदम्य साहसी नारी है ।। माता पार्वती ने धारण , वो पांचवां रुप मां का किया । पुत्र स्कंद को शिक्षित करने हेतु , स्कंदमाता बनी ।। तारकासुर के अत्याचारों से , जब जग त्रस्त हुआ । इंद्रादिक देवगण स्वर्ग छोड़े , उससे परास्त हुए ।। उसे शिवपुत्र के हाथों वध का , उनको वरदान मिला था । तब शिवपुत्र के रूप में , अवतार स्कंद का हुआ ।। उसी स्कंद को शिक्षित करने हेतु आई स्कंदमाता । अति सौम्य,अति शक्तिशाली , अति दयालु माता है ।। श्वेत वस्त्र, श्वेत भोग , स्कंदमाता को अति प्रिय है । स्कंदमाता की नवरात्रि के पांचवें दिन पूजा करें ।। हर विपदा दूर होगी , हर मुश्किलें परास्त होगी । मां अपने भक्तों को सदा , आश्वस्त करती है ।। ©Shivkumar #navratri #navratri2024 #नवरात्रि #नवरात्रि2024 जिसकी पूजा नवरात्रि के पांचवें दिन होती है । जिसके समान , #सर्वशक्तिमान कोई दूज नहीं
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
गीत :- आ गया नवरात्रि का त्यौहार है । देख लो माँ का सजा दरबार है ।। आ गया नवरात्रि का त्यौहार है ... लोग माँ की कर रहे हैं अर्चना । सुन रही हैं मातु सबकी वंदना ।। और हठ बैठे किए कुछ भक्त हैं । मातु पे सुत का सदा अधिकार है । आ गया नवरात्रि का त्यौहार है..... मातु सेवा में लगा दी पीढियाँ । चढ़ रहे हम भक्त सारे सीढियाँ ।। उन पहाड़ों पे करे माँ वास है । सुन रही वो भक्त की दरकार है । आ गया नवरात्रि का त्यौहार है.... गीत गाकर आज बंदनवार कर । मातु का अब भोग भी तैयार कर ।। आ गई हैं कर सवारी सिंह की । अब उन्हीं की हर तरफ जयकार है ।। आ गया नवरात्रि का त्यौहार है.... मोह माया छोड़ माँ के द्वार चल । फिर न मौका ही मिलेगा सोच कल ।। भूल तेरी आज हो जाये क्षमा । कष्ट से होते वही उद्धार है । आ गया नवरात्रि का त्यौहार है ।। आ गया नवरात्रि का त्यौहार है । देख लो माँ का सजा दरबार है ।। १०/०४/२०२४ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR गीत :- आ गया नवरात्रि का त्यौहार है । देख लो माँ का सजा दरबार है ।। आ गया नवरात्रि का त्यौहार है ...
Azaad Pooran Singh Rajawat
"साइकिल की करें सवारी दूर रहेंगी शारीरिक बीमारी स्वस्थ रहेंगे, फिट रहेंगे आलस्य न करीब होगा हर पल उमंग से भरा दिल होगा।" "जय श्री कृष्णा" ©Azaad Pooran Singh Rajawat #bicycleride #साइकिल की करे सवारी#