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Ashutosh Mishra
White एक पत्र ऐसा भी हर बार हां रह बार तुमने खुद को सही और मुझे गलत साबित किरना तुम्हारी आदत रही रह बार हां हर बार मुझे नीचा दिखाने में कोई कसर ना छोड़ी तुमने मैं भी ईंट का जवाब पत्थर से दे सकती थी पर मैं इस घर की बहू और तुम्हारी पत्नी होने का धर्म निभा रही थी सब की सहमती से तुम मुझे मेरी ही नजरों से गिराना चाहते थे और बेचारे बच्चे जब हिम्मय जुटा उसका विरोध करते तो उन्हें भी तुम और तुम्हारा परिवार डरा धमका कर प्रताड़ित करते और बरबस चुप रहने और सहने को विवश करते आखिर क्या गलती थी मेरी और उन मासूमों की दहेज ही तो कम दिया था मेरे बाबा ने इसमें क्या गलती थी मेरी और उन मासूमों की कभी पूछा खुद से या अपने परिवार से इतने पर भी मुझसे आपके या आपके परिवार की सेवा में कभी कोई कमी आई पूछना इस पर भी विचार करनख अंतिम प्रणाम स्वीकार करो🙏 अलविदा😔😢😢 अलफ़ाज मेरे✍️🙏🙏 ©Ashutosh Mishra #sad_quotes एक पत्र ऐसा भी #हिंदीnojoto #हिंदी_कविता #सैडकविता #पत्र #एक_एहसास #आशुतोषमिश्रा R...Ojha cute pari neelu chanda sharma poo
Ravendra
Ravendra
Santosh Jangam
Bulbul varshney
प्रेम पत्र जब लिखा था हमने जब उनसे पहली बार पहली मुलाकात और पहली मोहब्बत का एहसास हुआ था। ©Bulbul varshney #Likho #love प्रेम पत्र लिखा है हमने।
ANOOP PANDEY
पत्र तुमको लिखा यह खता थी मेरी तुम जो समझे नहीँ वो वफा थी मेरी रात को जागकर मैंने उसको लिखा नीर- नयनों में भरकर उसको है रचा उसने अक्षर नहीँ मेरे अहसास थे जिन्हें समझे ना तुम वो ख्यालात थे तुमको सबही है यारा ओ झूठा लगा कौन कितना है टूटा ये भी ना दिखा आज आती हँसी तेरी हर सोच पर तूने जो भी किया उस हसीं खेल पर मैंने जैसा था सोचा तू वैसा ना मिला साथ रहकर मेरे ही तू दगा कर गया क्या कहूँ मैं सनम उस अजब खेल पे जिसमें खंजर अनौखा मुझी पे चला दर्द को सह गया मैंने उफ्फ भी न की ना ही आँसू बहाए ना मिन्नत ही की तू मेरी थी चाहत बस इतना हीं सुन ना मैं हर्गिज कहूँ कि मुझॆ ही तू चुन मैं वफा ,इश्क, यारा और अहसास हूँ जिस तलक तू न पहुंचे वो ख्वाब हूँ दिल यह अपना हवाले अब कान्हा के उनको चरणों में रहता मैं इक दास हूँ ©ANOOP PANDEY #पत्र💚
ओम नमः शिवाय
Sangeeta Kalbhor
प्रेम मी रे जाणले.. मी वाहत गेले काळीज अन् काळजीत पडले पंख माझेच विहरणारे काळजीने मी खुडले वार होत असता चित्तावर चित्त होते थरथरले काळीज दाटून नयनात अश्रूतून झुरझूरले काय चुकले माझे की मी माझेपण अर्पिले पाषाण ह्रदयी असणाऱ्याला शेंदुराने सजविले घाव बसता घावावर हाक तरी निघावी कशी निपचित पडून वेडे सत्त्व घेत असे वामकुक्षी ह्रदया तुझ्या कारणे मी काय काय सोसले शब्द आग ओकताना रे कुठले देऊ दाखले एक बरे जाहले मला वेडीला प्रेम रे घावले काळजाला काजळवणारे प्रेम मी रे जाणले..... मी माझी..... ©Sangeeta Kalbhor #outofsight प्रेम मी रे जाणले.. मी वाहत गेले काळीज अन् काळजीत पडले पंख माझेच विहरणारे काळजीने मी खुडले वार होत असता चित्तावर चित्त होते थर
Divuu.writes
हमें मोहब्बत तो अब तभी होगी गालिब जब ज़माना प्रेम पत्र वाला लौटेगा ©Divuu.writes #wholegrain प्रेम पत्र
Supriya Yewale
न संपणारी गोष्ट म्हणजे प्रेम न संपणारी ओढ म्हणजे प्रेम त्या व्यक्तीला न विसरणं म्हणजे प्रेम त्या व्यक्तीच्या सगळ्या चुका माफ करून त्या व्यक्तीचा स्वीकार करणे म्हणजे प्रेम 💯💯💯🤞😍😊❤️ ©Supriya Yewale #loversday न विसरणारी गोष्ट म्हणजे प्रेम