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Basanti Shasmal
इतिहास लिखने के लिए पेन की जरुरत नही होती हसले की जरुरत होती है ©Basanti Shasmal # मोटिवेशन ऑफ लाईफ
# मोटिवेशन ऑफ लाईफ
read moreदोस्ती की दुनिया का king
भगवान श्रीराम के बारे में 10 महत्वपूर्ण बातें: 1. अवतार: भगवान राम को भगवान विष्णु का सातवाँ अवतार माना जाता है। उन्होंने अधर्म का नाश करने
read moreChampak
Unsplash शिक्षा बिना जिंदगी में अंधियार है शिक्षा से ही नौकरी और व्यापार है शिक्षा की बदौलत ही बनोगे स्वाभिमान से जीने के कबील जिंदगी के हर मुकाम होंगे हासिल शिक्षा ही सृजनहार है ©Champak #leafbook #शिक्षा #power ऑफ #education सक्सेस कोट्स
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read moreCHOUDHARY HARDIN KUKNA
सियाराम बाबा मध्य प्रदेश के खरगोन जिले के नर्मदा नदी के घाट पर स्थित भट्याण आश्रम के संत हैं और यहीं रहते हैं। इनकी वास्तिक उम्र क्या है ये
read moreवीrendra yadav
White अकेले पन को गले लगाना सीखना चाहिए ए वैसा ही h जैसे एक अकेला योद्धा वह दूसरो द्वारा अपने लिए लगाए अनुमान पर नहीं रहता वह अपना रास्ता खुद बनाता h 🎯 ©वीrendra yadav #लव ऑफ सेल्फ
#लव ऑफ सेल्फ
read moreकाव्य महारथी
आ. शिवानी कौशल, कानपुर उत्तर प्रदेश हिंदी दिवस पर कविता कविताएं कविता कोश कविता हिंदी कविता
read moreCHOUDHARY HARDIN KUKNA
जय श्री राम 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏जोगी खेड़ा बजरंगबली की जय हो छोटी दीपावली देवउठनी ग्यारस की हार्दिक शुभकामनाएं आज मंगलवार और ग्यारस के परम पावन अवसर पर ज
read moregudiya
Nature Quotes आज इस्लाम जब मैं भेजता खड़ा हूं आसमान और धरती के बीच तब तब अचानक मुझे लगता है यही तो तुम हो मेरी मां मेरी मातृभूमि धान के पौधों ने तुम्हें इतना ढक दिया है कि मुझे रास्ता तक नहीं सुझता और मैं मेले में कोई बच्चे सा दौड़ता हूं तुम्हारी ओर जैसे वह समुद्र जो दौड़ता आ रहा है छाती के सारे बटन खोले हाहाता और उठती हैं शंख ध्वनि कंधराओं के अंधकार को हिलोडती यह बकरियां जो पहली बूंद गिरते ही भाग और छप गई पेड़ की ओट में सिंधु घाटी का वह सेंड चौड़े पत्ते वाला जो भीगा जा रहा है पूरी सड़क छेके वे मजदूर जो सुख रहे हैं बारिश मिट्टी के ढीले की तरह घर के आंगन में वह नवोढ़ा भीगती नाचती और काले पंखों के नीचे कौवों के सफेद रोए तक भीगते और इलायची के छोटे-छोटे दाने इतने प्यार से गुथंम गुत्था यह सब तुम ही तो हो कई दिनों से भूखा प्यासा तुम्हें ही तो ढूंढ रहा था चारों तरफ आज जब भी की मुट्ठी भर आज अनाज भी भी दुर्लभहै तब चारों तरफ क्यों इतनी बाप फैल रही है गरम रोटी की लगता है मेरी मां आ रही है नकाशी दार रुमाल से ढकी तश्तरी में खुबानीनिया अखरोट मखाने और काजू भरे लगता है मेरी मां आ रही है हाथ में गर्म दूध का गिलास लिए यह सारे बच्चे तुम्हारी रसोई की चौखट पर कब से खड़े हैंमां धरती का रंग हरा होता है फिर सुनहला फिर धूसर छप्परों से इतना धुआं उठता है और गिर जाता है पर वहीं के वहीं हैं घर से निकले यह बच्चेतुम्हारी देहरी पर सर टेक सो रहे हैं मां यह बच्चे कालाहांडी के यह आंध्र के किसानों के बच्चे यह पलामू के पटन नरोदा पटिया के यह यदि यह यतीमअनाथ यह बंदहुआ उनके माथे पर हाथ फेर दो मां इनके भीगी के सवार दो अपने श्यामलहाथों से तुम कितनी तुम किसकी मन हो मेरी मातृभूमि मेरे थके माथे पर हाथ फेरती तुम ही तो हो मुझे प्यार से तख्ती और मैं भेज रहा हूं नाच रही धरती नाच आसमान मेरी कल पर नाच नाच मैं खड़ा रहा भेजता बीचो-बीच। -अरुण कमल ©gudiya #NatureQuotes #मातृभूमि #Nojoto #nojotoquote #nojotohindi #nojotophoto #nojoyopoetry आज इस्लाम जब मैं भेजता खड़ा हूं आसमान और धरती के बीच
#NatureQuotes #मातृभूमि #nojotohindi nojotophoto #nojoyopoetry आज इस्लाम जब मैं भेजता खड़ा हूं आसमान और धरती के बीच
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