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saurabh singh parihar
#NoRCEP भारत में दो वर्ग है एक उपभोक्तता है उसे सस्ता खाद्यान्न चाहिए और दूसरा वर्ग किसान है जिसे फसलो का उचित भाव चाहिए। चलो मान भी ले क
Vedantika
धागे की कला, जादू पैदा करे। एक खाली सूती कपड़े पर। वर्षों के अनुभव के साथ, आंखों में आंसू लेकर जिंदा है। हमारा देश भारत विविधताओं से भरा हुआ है। यहां सभी धर्मों और सभी संस्कृतियों का सम्मान किया जाता है। हमारे देश की संस्कृति ने दुनिया की अन्य
Praveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी राहत और रियायते का हक हमारा हरदम सियासतों से मरता कैसे है झुठला कर हकीकत शासन चलता कैसे है अपनो के बीच से चुनता नेता अपनो के लिये बिषबीज बोता कैसे है भारत की तरक्की को ग्लोबल के नाम पर सपनो को बेचता कैसे है जनता की बखिया उखेड़ विदेशियो के लिये आहे भरता कियो है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" विदेशियों के लिये आहे भरता कियो है #HappyDaughtersDay2020
YumRaaj ( MB जटाधारी )
“किसान आंदोलन २.०” क्या यह आंदोलन किसानों का है? मुझे तो यह विदेशी षड्यंत्र कर्ताओं की जालसाजी जैसी प्रतीत होती है। आपको क्या लगता है?🤔 ©YumRaaj ( MB जटाधारी ) #किसानआंदोलन है अथवा विदेशियों द्वारा प्राप्त धनोपार्जन एवं अपव्यय का संसाधन तो नहीं है!?🥱🤔
Farukh Maniyar
आज वही पुराना इतिहास फिर दोहराया जा रहा है । अपनों को मारने के लिए विदेशियों को बुलाया जा रहा है। .......... ©Farukh Maniyar आज वही पुराना इतिहास फिर दोहराया जा रहा है । अपनों को मारने के लिए विदेशियों को बुलाया जा रहा है। ..........
Bhaskar Anand
यशवंत कुमार
वो चेहरा 'तुम्हारा' है मेरी बातों का मेरे जज्बातों का मेरे ख्यालों का मेरे सवालों का Read in caption... वो चेहरा "तुम्हारा " है। मेरी बातों का मेरे जज्बातों का मेरे ख्यालों का मेरे सवालों का मेरी तन्हाईयों का मेरी परछाईयों का
Rohit Potdar
का बरं का ? "Koni Pratyaksha pyeksha Gelyavarach jasta prem jaanavte." Haa difference vedich sarkavta aala nahi. Tar aayushya aani tyatli loko, fakt aathvan mahnun rahun jhatil aani tasecha jagave lagtil. का बरं का ?
Author Munesh sharma 'Nirjhara'
"अधूरापन ही खींचता है अपनी ओर पूर्ण हो जाने के लिए..." अधूरापन भावों का...सोच का....विचारों का...
Mayank Pandit
आज कल लोग सच्चे प्यार की नही, बस कुछ दिन साथ दे ऐसे यार की खोज करते है, आज कल तो सकल भी नही देखते लोग, 10 मिनट की चॅटिंग मे डिरेक् पुरपोज करते है, और कहते है की बेबी हम भी मशूर हो लैला मजनू की तरह इस जमाने मे, मगर उनको क्या पता जिंदगी से अल्बिदा कहना पड़ता है इश्क़ का इतिहास बनाने मे. . poet - mayank pandit आज का का इश्क़