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Parasram Arora
Unsplash मन अगर संवेदबमनाओ के संवेनद से भरा हो तों अनर्थ क़ी झड़ मे से भी अर्थ डुंडा जा सकता है ©Parasram Arora अर्थ अनर्थ
अर्थ अनर्थ
read morekatha(कथा)
जब आत्मविश्वास स्त्रियों के भीतर , परिपूर्ण होता है तब जाकर उनका वास्तविक श्रृंगार संपूर्ण होता है! तेज चमकता है उनके चेहरे पर संघर्ष और समर्पण की ,उनके कर्तव्य के प्रति .....! ©katha(कथा ) #Chhavi #शून्य राणा Sircastic Saurabh नीर V. N. A..... Glito
Mayuri Bhosale
❣️❣️ ... प्रेमाचा खरा अर्थ...❣️❣️ मी उभी इथे🙋 तू पाहशील मला जिथे🤷 दूर झाल्या आपल्या वाटा साऱ्या मिळुनी तिथे.🛣️ मी आकाशातील धुके 🌨️ तू न बोलताच शब्द पडले मुके 🤫 ढगांचे हे आज कालचे असे वागणे वाऱ्याला सारखे खूपे. मी सागरातील लाट 🌊 तू न संपणारी वाट 🛣️ सुंदर स्वप्न वेडी प्रेमाची होईल एक दिवस पहाट.🌅 मी बासरीतील सूर 🎶 तू गीत बोलती मधुर 🎵 किमया सारी सप्तसुरातील स्वरांची गेली कुठे निघूनी दूर. मी तुला रागावणे 🤨 तू त्यावर काहीच न बोलणे🤫 भासते जणू आभाळाचे सावलीला काहीसे बिलगणे. 🌫️ मी नात्यातला दुरावा💔 तू कृष्ण राधेच्या प्रेमातील पुरावा 👩❤️👨 आंबट गोड नातं फुलूनी तो हृदयात निरंतर मुरावा.❤️🩹 मी जपला नात्यात निस्वार्थ 🤷 तू दिलास प्रेमाचा खरा अर्थ💓♥️ लोक त्याला उपमा देऊनी साधून घेती स्वतःचा स्वार्थ.😔 ©Mayuri Bhosale # प्रेमाचा खरा अर्थ
# प्रेमाचा खरा अर्थ
read morekatha(कथा)
यह स्वाभिमानी लड़कियां अहंकारी क्यों कही जाती है इस समाज में? यह कौन सा तराजू इस्तेमाल कर रहे हैं तेजस्वी लोग जिसमें स्वाभिमान और अहंकार को बराबर कह दिया जाता है! ©katha(कथा ) #girl Pyare ji Gautam नीर Sircastic Saurabh "सीमा"अमन सिंह
#girl Pyare ji Gautam नीर Sircastic Saurabh "सीमा"अमन सिंह
read more#शून्य राणा
White तेरे कारण अब मैं घर से 30 किलोमीटर दूर भी अकेला नहीं जा सकता ,, कुछ तरह अपनी मां के भरोसे को तोड़ा हैं मैने ।। ©#शून्य राणा #ब्रोकन neelu अभिषेक योगी (alfaaz_बावरे) katha (कथा ) ख्वाहिश _writes नीर
#ब्रोकन neelu अभिषेक योगी (alfaaz_बावरे) katha (कथा ) ख्वाहिश _writes नीर
read moreनिर्भय चौहान
White सब ही झूठे हैं। स्त्री पुरुष में तलाश रही है स्त्री, और स्वयं में ढूंढती है पुरुष। पुरुष स्त्री में तलाशता है भोग, और स्वयं में धर्म। धर्म लोगों पे तलाशता है नैतिकता, और स्वयं में प्रेम। प्रेम जगत से करता है आशा स्वीकृति की, और स्वतः स्वीकारता है जात धर्म । जात दुनिया में तलाशती है भाईचारा, भाईचारा ढूंढता है पुरुष। पुरुष फिर स्त्री तलाशता है। स्त्री पुरुष। जन्मजात नंगे लोग उत्साहित है नंगे होने को। हमेशा। नंगे लोग कपड़े पहनते है। जैसे नेता टोपी और प्रेमी चश्मा लगाता है। एक शैतानी खोपड़ी दूसरे की भूखी आंखे पर्दे में है। कोई तो राह है होगी जहां स्त्री अपनी कोमलता को , पुरुष अपनी दृढ़ता को, धर्म एकता को, प्रेम नम्रता और विश्वास को, जाती मानवता को चुन कर भोगे अपना होना। मूल का ही मोल है। बाकी सब ढोंग है। सब झूठ है। ©निर्भय चौहान #sad_quotes Kumar Shaurya vandan sharma Madhusudan Shrivastava नीर करम गोरखपुरिया
#sad_quotes Kumar Shaurya vandan sharma Madhusudan Shrivastava नीर करम गोरखपुरिया
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