Find the Latest Status about लट् लकार प्रत्यय from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, लट् लकार प्रत्यय.
Anupama Jha
"काश" इच्छाओं का उपसर्ग है और "आस" प्रत्यय । #काश #आस #उपसर्ग #प्रत्यय #yqdidi #hindiquote #हिंदीकोट्स
तुषार"आदित्य"
अटल शिव पसंद है मुझे। वो हठी इंद्र नही। स्वाभिमान पसंद है। कोई झूठा घमंड नही। तांड़व देख सकता हूँ मैं। अप्सराओं का नृत्य नही। खुशी से हलाहल पी लूंगा। मगर छल का अमृत नही। मुझे अपना हिमालय चाहिए। कोई दहशत वाला स्वर्ग नही। उपयुक्त सारे प्रत्यय स्वीकार है। अनुपयुक्त कोई उपसर्ग नही। अटल शिव पसंद है मुझे। वो हठी इंद्र नही। अटल शिव पसंद है मुझे। वो हठी इंद्र नही। स्वाभिमान पसंद है। कोई झूठा घमंड नही। तांड़व देख सकता हूँ मैं। अप्सराओं का नृत्य नही। खुशी से हलाहल प
Vijay Kumar Sharma
आयुष्मान पटेल
Divyanshu Pathak
हमें इश्क़ के तीर से घायल कर दिया। हूर हुई धड़कन दिल पायल कर दिया। एक से दूसरे की बढ़ती शोभा कहते हैं! चाहतों के ज़ोर ने इकायल कर दिया। 'इकायल' एक नया शब्द है जिसका निर्माण आदर्णीय Ritu Vemuri ji ने किया है - मैंने इसे अर्थ देने की कोशिश की है आओ देखते हैं- यह एक मिश्रित शब्द
vishnu prabhakar singh
कैसी शिष्टता परा सी जो घर,आँगन के अनुकूल हो जिसकी व्याख्या तो दूर घर,आँगन विचार भी न करता हो इस अनोखी असंवेदनशीलता में मेरी शिक्षा समर्पित है मेरे अंश को चन्द्रकला बनकर मेरे वंश को लक्ष्मीबाई बनकर मेरा स्वरूप स्वयमेव प्रविष्ट है। परा-एक प्रत्यय जो विपरीत अर्थ देता है।जैसे,पराजय 💕🐰#प्रकृति🐰🍫#प्रथा🍫🐿☕ 💕#अपरा💕🐇🍫#स्त्री🐰🐿🌧🐰🍫#परी🐿🐇🌧🐰💕#शक्ति🍫🐿 शिव को अपने पैरों से रौंदने वा
Divyanshu Pathak
प्रेम पंथ की बनकर किताब तुम मेरे सामने आती हो ! एक अल्हड़ से मस्त भ्रमर को तुम पाठक कर जाती हो !! स्वर व्यंजन के शब्द जाल को चुपके से यार बिछाती हो ! सन्धी कर खुद हो समास तुम प्रत्यय मुझे बनाती हो !! क्रियाविशेषण सर्वनाम सब तुम उपसर्ग लगाती हो ! महाप्राण का कारक बन अन्तःस्थ हृदय हो जाती हो !! प्रेम पंथ की बनकर किताब तुम मेरे सामने आती हो ! एक अल्हड़ से मस्त भ्रमर को तुम पाठक कर जाती हो !! स्वर व्यंजन के शब्द जाल को चुपके से यार बि